शीला की जवानी-2

अब लुकी छुपी बात करने का कोइ फायदा नहीं था। मैंने पेण्ट के ऊपर से खड़े लंड को पकड़ा और बोला, “ये – ये खड़ा होने लगा है”। फिर मैंने ज्योति की चूचियां सहलाईं।