पापा की परी प्रीती-1

मेरी नई कहानी “पापा की परी प्रीती” पाठकों के लिए हाजिर है। उम्मीद है पाठकों को पसंद आएगी। कहानी हमेशा की तरह पूरी तरह से काल्पनिक है और केवल मनोरंजन के लिए लिखी गयी है। लेकिन कहानी का स्थान और समय दुरुस्त और सही हैं।

पाठक इसे उद्घृत यानी किसी को बताना चाहें तो बता भी सकते हैं। यही मेरी कहानियों की विशेषता होती है। कहानी के किरदार – कैरेक्टर – पात्र, काल्पनिक होते हैं, मगर समय और स्थान नहीं – समय और स्थान हमेशा सही और दुरुस्त होते हैं। तो चलिए शुरू करते हैं कहानी “पापा की परी प्रीती।”

कहानी के भुमिका – कहानी का समय है 2023-2024

मैं हूं इस कहानी का नायक, और ये हैं मेरे बारे में दो शब्द: मैं हूं अवतार सिंह रंधावा – 6’ का – 91 किलो वजन वाला और 7.5 इंच लम्बे और 2.25 इंच लम्बे मोटे लंड वाला लम्बा तगड़ा, क्लीन शेव पंजाब का जट्ट सिक्ख। मैं अमीरी में पैदा हुआ आज से 52 साल पहले 1972 में, चंडीगढ़ के एक उस समय के एक करोड़पति परिवार में।

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