पापा की परी प्रीती-6

पिछला भाग पढ़े:- पापा की परी प्रीती-5

चुदाई कहानी का अगला पार्ट-

“फिर एक दिन जब मैं कमलेश दीदी के साथ फुद्दी लंड के बातें कर रही थी, तो कमलेश दीदी बोली, “सिमरन तूने सच में ही देखना है लड़के-लड़की कैसे ये करते हैं? “मैंने हां में सर हिला दिया।” कमलेश दीदी बोली, “सिमरन तो फिर एक काम करना, रोज़ रात को भाई-भाभी के कमरे का दरवाजा जरा सा खोल कर देखना। किसी दिन वो ये सब कर रहे हुए दिखेंगे तो तुझे देख कर सब समझ आ जाएगा।”

प्रीती कमलेश दीदी की बात सुन कर मैं हर रोज रात भाई-भाभी के कमरे का दरवाजा जरा सा खोलती, और अंदर देखती। मगर मुझे तो कुछ दिखाई ही नहीं देता था। मैं जब भी देखती वो दोनों सोए ही होते थे।”

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