नेहा दीदी और मेरा सिक्रेट अफेयर-5

पिछला भाग पढ़े:- नेहा दीदी और मेरा सिक्रेट अफेयर-4

भाई-बहन सेक्स कहानी अब आगे-

नेहा दीदी मेरे सामने सोफे पर लेटी हुई थी। उनकी खुली हुई छाती और कोमल त्वचा पर चाॅकलेट की परतें ऐसे टिकी थी, जैसे किसी कलाकार ने सावधानी से उन्हें सजाया हो। चाॅकलेट की गाढ़ी चमक उनकी गोरी त्वचा पर और भी निखर रही थी, मानो मिठास और खूबसूरती एक साथ मिलकर कोई अनोखा नज़ारा रच रहे हों।

मैं उन्हें देखता रहा, जैसे पहली बार उनकी ओर ध्यान गया हो। नज़रों के सामने एक तस्वीर थी जो मन को थामे रखती थी। हर एक अदा, हर एक रेखा और मुस्कान को आँखें सहेज लेना चाहती थी। वह पल किसी ख्वाब जैसा था, जिसमें देखने भर से दिल भर नहीं रहा था।