लेकिन आज तो वो मुझे छूने भी लग गया था। कहीं ना कहीं भाई के ऐसा करने से मुझे भी अच्छा लग रहा था। फिर सब ने बाल्टियां भर कर एक-दूसरे पर पानी डालना शुरू कर दिया। मुझ पर भी मेरी सहेलियों ने पानी डाल दिया, और मैं पूरी भीग गई। भीगने की वजह से मेरे कपड़ों के ऊपर से मेरी ब्रा दिखने लगी। अब मेरे जिस्म की पूरी शेप दिख रही थी।
फिर जब मैंने भाई की तरफ देखा, तो वो मुझे ही घूर रहा था। अब मुझे उसके ऐसे देखने में मजा आने लगा, और मैं जान बूझ कर उसके सामने झुक कर कभी उसको अपनी भीगी क्लीवेज दिखाती, और कभी उसके सामने अपनी गांड करके झुक जाती। फिर पड़ोस के अंकल भांग ले आए। सब लोग भांग पीने लग गए। वो भांग थोड़ी ज्यादा नशे वाली थी, तो सब को चढ़ गई।
अब काफी चीज़ें साथ में हो गई। एक तो भांग के नशे का सुरूर, गीले कपड़े होने की वजह से लगने वाली ठंड, और मेरे ठरकी भाई की हवस भरी नज़र। इन सब चीजों से मैं उत्तेजित होने लगी, और मेरे मन में आया कि क्यों का अपने भाई के साथ चुदाई करके अपनी प्यासी चूत की प्यास बुझा लूं। लेकिन दिक्कत ये थी कि अंदर किस बहाने से जाऊंगी?
फिर मैंने थोड़ा सोचा, और ड्रामा करते हुए मम्मी के पास गई। मैंने आंख मलते हुए उनको कहा-
मैं: मम्मी मेरी आंख में रंग चला गया है, मैं ज़रा अंदर से साफ करके आती हूं।
मम्मी ने हां बोल दी, और मैं अंदर की तरफ जाने लगी। दरवाजे पर का कर मैं पीछे देखा अपने भाई की तरफ, और उसको अंदर आने का इशारा किया। फिर मैं अंदर अपने कमरे में चली गई। अगले ही मिनट मेरे भाई ने मेरे दरवाजे पर आके कहा-
भाई: दीदी आपने बुलाया?
मैं: हां।
भाई: बोलिए?
मैं: ये बाहर तू क्या कर रहा था?
भाई: क्या कर रहा था?
मैं: तू मुझे जगह-जगह गलत तरीके से छू रहा था।
भाई: नहीं दीदी, मैं ऐसा कुछ भी नहीं कर रहा था।
मैं: अच्छा नहीं कर रहा था।
भाई: नहीं।
मैं: अच्छा, मतलब अगर मैं तुझे कहूं कि मुझे जहां दिल चाहे वहां छू ले, तो तुझे की इंटरेस्ट नहीं है ना?
ये बोल कर मैं उसके पास गई, और उसका एक हाथ पकड़ कर अपने चूचे पर रख दिया। मेरे ऐसा करने से भाई हैरान हो गया। मैंने उसको एक रंडी वाली स्माइल दी, और बोली-
मैं: आज मन के होली अपनी बहन के साथ जैसे दिल चाहे।
बस मेरे इतने कहने की देर थी, कि भाई ने मुझे अपनी बाहों में ले लिया, और मेरे होंठों से होंठ मिला कर चूसना शुरू कर दिया। मैं तो पहले से गरम थी, तो मैं उसका किस्स में साथ देने लगी। देखते ही देखते हमारी सांसे तेज़ हो गई, और हम पागलों की तरह किस्स करने लगे।
किस्स करते हुए मैं अपना हाथ भाई के लंड पर ले गई, और पजामे के ऊपर से उसके लंड को पकड़ कर दबाने लगी। भाई भी मेरी गांड को दबाने लगा। फिर मैंने उसके धक्का देके पीछे किया, और बेड की तरफ जाने लगी। मैं बेड तक जाते हुए अपने कपड़े उतारने लगी, और मैंने अपनी कुर्ती उतार दी। अब मैं ऊपर से सिर्फ ब्रा में थी, और मैं बेड पर सीधी लेट गई।
मुझे ऐसे देख कर भाई ने भी अपना कुर्ता और बनियान उतार दिए, और मेरे ऊपर आके मेरी गर्दन चूमने लगा। मैंने उसको अपनी आगोश में ले लिया, और उसके बालों को सहलाने लगी। फिर भाई ने मेरी ब्रा उतार दी, और मेरे चूचों को काट-काट कर चूसने लगा। मुझे बहुत मजा आ रहा था, लेकिन हमारे पास ज्यादा वक्त नहीं था, क्योंकि कोई भी अन्दर आ सकता था। इसलिए मैंने उसको जल्दी से चुदाई शुरू करने को कहा।
मेरी बात मान कर भाई नीचे गया, और मुझे नीचे से नंगी कर दिया। फिर जल्दी से उसने मेरी चूत चाट कर उसको चुदाई के लिए तैयार किया। उसके बाद वो पूरा नंगा हो गया। आज मेरे भाई का लंड मेरे सामने था, और मेरी सोच से कहीं बड़ा और मोटा था। लंड देखते ही मैं रंडी बन कर उसका लंड चूसने लगी। वो आह आह करके मेरे मुंह में धक्के देने लगा।
लंड चिकना होते ही मैं टांगें खोल कर उसके सामने लेट गई। फिर वो मेरे ऊपर आया, और लंड को चूत पर रगड़ते हुए अंदर पेल दिया। पहली बार में उसका आधा लंड मेरी चूत में चला गया। मेरी आहें निकलनी शुरू हो गई। मैं आह आह करते हुए उसकी पीठ नोचने लगी, और वो कमर आगे-पीछे करके लंड अंदर-बाहर करने लगा।
कुछ ही धक्कों में उसका पूरा लंड मेरी चूत के अंदर था। मुझे अब बहुत मजा आ रहा था। अब वो मेरे होंठ चूसते हुए मेरी चुदाई करने लगा, और मैं भी पूरा साथ दे रही थी। मैं बीच-बीच में उससे अपने चूचे भी चुसवा रही थी। फिर उसने मुझे पोजीशन बदलने के लिए कहा, लेकिन मैंने वक्त की कमी का बोल कर मना कर दिया। फिर वो तेजी से ताबड़तोड़ धक्के देने लगा। मैं अब सातवें आसमान पर थी।
जब उसका निकलने वाला था, तो मैंने उसको धक्का दे कर बेड पर लिटाया, और उसके ऊपर आ कर उसका लंड चूसने लगी। फिर उसने अपने माल की टंकी में मुंह में खाली कर दी, जिसे मैं सारा पी गई। उसके बाद मैंने उसको बोला-
मैं: चल निकल अब यहां से बाहर मां तुझे ढूंढ रही होगी।
वो चला गया और थोड़ी देर में मैं भी कपड़े पहन कर चली गई। होली पर मेरी चुदाई आपको कैसी लगी, फीडबैक pritankagupta3@gmail.com पर दें।