नेहा दीदी के होंठों में लंड की पहली आग-4

पिछला भाग पढ़े:- नेहा दीदी के होंठों में लंड की पहली आग-3

भाई-बहन सेक्स कहानी अब आगे-

दिल्ली के उस छोटे से कमरे में जहा पर मैं और नेहा दीदी रहते थे, अचानक सब कुछ बदल गया। जब से दीदी ने मेरा लंड अपने मुंह में लिया था, उसके बाद से उनका बर्ताव पूरी तरह बदल गया था। अब हमारे दोनों के बीच सिर्फ भाई-बहन का रिश्ता नहीं था बल्कि कुछ और भी पनप रहा था। नेहा दीदी ने हर संडे को मेरी एक ख्वाहिश पूरी करने का वादा तो किया था, लेकिन अब वह मुझसे उस तरह से नहीं डरती थी जिस तरह पहले था।

धीरे-धीरे दीदी का व्यवहार बदलने लगा। वह अब बिना झिझक के अपनी पैंटी और ब्रा सुखाने तक से परहेज़ नहीं करती थी। कभी-कभी जान-बूझ कर ऐसे खुले कपड़े पहनतीं जिनसे उनका क्लीवेज साफ दिखता और फिर भी उन्हें कोई शर्म नहीं होती। कई बार तो वह मेरे सामने ही कपड़े बदलने लगती,‌ ताकि मैं उनके उभरे हुए स्तनों को और साफ देख सकूं। यह सब देख कर मेरे अंदर की बेचैनी और दीदी के लिए चाहत और भी बढ़ जाती थी।