दीपिका दीदी और मेरा राज-2

पिछला भाग पढ़े:- दीपिका दीदी और मेरा राज-1

फैमिली सेक्स कहानी अब आगे-

दीपिका दीदी ने मेरे होंठों को चूम कर मेरे अंदर की बैचेनी बढ़ा दी थी। मैं उनके होंठों पर हमेशा से चूमना चाहता था, लेकिन फिर भी मैं उनकी इस हरकत को समझ नहीं पाया। मतलब दीदी मुंबई जैसे बड़े शहर में पढ़ने वाली एक प्यारी लड़की थी और मैं सिर्फ एक छोटे शहर में रहने वाला लड़का। इसलिए मैं समझ नहीं पा रहा था कि उनके चूमने का क्या मतलब था। वह सिर्फ मुझे शुक्रिया कहना चाहती थी, क्योंकि मैंने उनकी ड्रेस ठीक की थी? या फिर उनके अंदर भी वही चाहत थी, जो मेरे दिल में पनप रही थी।

उस दिन के बाद से दीदी का बर्ताव मेरे सामने बदल गया। जब भी हम ड्रॉइंग रूम में अचानक टकरा जाते या बाथरूम के सामने आमने-सामने आ जाते, उनके गाल तुरंत लाल हो जाते। वह नीचे नज़र झुका लेती और बेहद संकोच से, धीमी आवाज़ में बातें करने लगती। मैं कई बार हिम्मत करता कि उस किस्स के बारे में उनसे खुल कर पूछ लूँ। लेकिन जैसे ही बात छेड़ने लगता, वह तुरंत कोई और बात पकड़ लेती और माहौल बदल देती।

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