मैं: ये तू क्या कर रहा है? मैं तेरी बहन हूं, और तू मेरे साथ ये सब हरकतें कर रहा है! शर्म नहीं आई तुझे ये सब करते हुए!?
भाई: दीदी गलती हो गई। मैं बहक गया था। मुझे माफ कर दो!
मैं: माफ कर दूं! तू चल अभी मम्मी-पापा के कमरे में। वहीं जा कर उनसे माफी मांगना, देखना फिर कैसे माफी देते है वो तुझे।
ये बोल कर मैंने अपनी पैंटी और शॉर्ट्स पहनी, और बाहर जाने लगी। मेरा भाई मेरे पैर पकड़ कर नीचे लेट गया, और मुझसे मिन्नतें करने लगा। पहले तो मैंने थोड़ी देर ड्रामा करा, और फिर उसको उठने को बोली। वो उठ कर मेरे बराबर पर खड़ा हो गया। फिर मैं बेड पर बैठ गई। वो जब बैठने लगा, तो मैंने उसको डांट कर नीचे बैठने को कहा। वो जल्दी से नीचे बैठ गया। फिर मैं बोली-
मैं: अरे मेरे भाई, तू कितना भोला है ना। एक बार अच्छे से चेक तो कर लेता कि मैं सोई हुई थी या नहीं। या तुझे अपने प्लान पर इतना भरोसा था कि तू फेल हो ही नहीं सकता?
ये सुन कर भाई चौंक गया। वो आँखें बड़ी करके मेरी तरफ देखने लगा, और उसके चेहरे पर बहुत से सवाल थे।
फिर मैं बोली: हां मैं जानती हूं तेरा नींद की गोलियां वाला प्लान।
भाई: लेकिन आपको कैसे…?
मैं: मैं बस अपनी आँखें और दिमाग खोल कर रखती हूं। अब तेरे पास 2 ही रास्ते है। या तो मैं अभी जा कर मम्मी और पापा को सब कुछ बता देती हूं। वो तेरी पिटाई करेंगे, और हो सकता है तुझे घर से भी निकाल दें। दूसरा रास्ता ये है कि तू मेरा गुलाम बन जा। मैं जो कहूं तू कर, जैसे कहूं वैसे कर। अब तू फैसला कर ले कि तुझे क्या चुनना है।
भाई: दीदी मुझे दूसरा रास्ता चुनना है।
मैं: सोच ले, बाद में मुकर मत जाना।
भाई: नहीं मुकरता।
मैं: चल ठीक है, वो सामने प्लेट में पिज्जा पड़ा है (मैंने शाम को खाते हुए थोड़ा छोड़ दिया था। अब तक बासी हो चुका था), उसको खा ले।
भाई: मैं क्यों तुम्हारा जूठा खाऊं?
मैंने उसको जोर से थप्पड़ मारा और बोली: हरामजादे! तू गुलाम है। सवाल पूछना तेरा काम नहीं है। हुकुम मानना तेरा काम है। ये गलती दोबारा मत करना।
भाई गुस्से से मुझे देखने लगा। मैंने फिर से उसको थप्पड़ मारा और बोली-
मैं: अपनी मालकिन को आँखें दिखाता है कुत्ते।
फिर वो आगे बढ़ा, और पिज्जा की प्लेट उठाई। मैंने उसको प्लेट जमीन पर रख कर कुत्ते की तरह खाने को कहा। वो वैसे ही खाने लगा। जब तक वो खा रहा था, मैं बोली-
मैं: अगर कभी तेरे दिमाग में आया कि तू मुकर कर बच जाएगा, तो मैं तुझे एक बात बता दूं।
ये बोल कर मैं खड़ी हो गई, और बेड के सामने वाला ड्रॉवर खोला। उसमें से मैंने मोबाइल निकाला जिसमें मैंने सारी रिकॉर्डिंग कर ली थी।
फिर मैंने उसको बोला: इसमें मैंने सारी रिकॉर्डिंग कर ली है। जिस दिन तू मुकरा, ये सारी रिकॉर्डिंग मैं पापा को दिखा दूंगी।
ये सुन कर भाई की और गांड फट गई। फिर मैं उसके पास गई। वो नीचे बैठा था, और पिज्जा अभी ही खत्म किया था। फिर मैंने अपनी शॉर्ट्स उतारी, और साथ में पैंटी भी उतार दी। मुझे ये सब करते देख भाई हैरान हो गया। फिर मैंने उसके बाल पकड़े, और उसके मुंह को खींच कर अपनी चूत पर लगा लिया। उसके बाद मैं बोली-
मैं: मेरी चूत की बहुत प्यास है ना तुझे, आज चाट इस चूत को अच्छे से।
ये सुनते ही भाई कुत्तों की तरह मेरी चूत चाटने लगा। मुझे बहुत मजा आने लगा, और मैं उसके सर को अपनी चूत में दबाने लगी। कुछ देर चूत चाटने के बाद उसने अपना हाथ मेरी चूत पर रखा, और उसका मुंह खोलने लगा। मैंने साथ ही उसके मुंह पर एक और थप्पड़ मारा, और बोली-
मैं: मैंने कहा तुझे मेरी चूत पर हाथ लगाने को?
फिर मैंने खुद अपनी चूत का मुंह खोला, और उसको जीभ अंदर डालने को कहा। वो मेरी चूत में जीभ अंदर-बाहर करने लगा। जब-जब उसकी जीभ मेरी चूत के दाने पर लगती, मेरे मुंह से आह निकल जाती। फिर मैंने उसको और परेशान करने का सोचा, और उसके चूत चाटते हुए ही मैंने उसके मुंह में पेशाब कर दिया।
अचानक से हुए इस हमले से वो बौखला गया, और पीछे गिर पड़ा। मेरी हंसी निकल गई। अब वो मुंह बना कर नीचे बैठा था। वो बेचारा कुछ कर भी नहीं सकता था। फिर मैंने उसको बोला-
मैं: अले-अले मेरा छोटा भाई गिर गया! चल तूने मेरी चूत चूसी है, अब मैं भी तेरा लंड चूसती हूं। तुझे भी मजा मिलना चाहिए।
ये बोल कर मैं घुटनों के बल उसकी टांगों के सामने बैठी, और उसका पजामा खोल कर नीचे खींचने लगी। फिर मैंने उसका अंडरवियर भी उतार दिया। अब मेरे भाई का लंड मेरे सामने था, जिसको पिछले दिनों देखते ही वो मुझे पसंद आ गया था।
इसके आगे इस सेक्सी कहानी में क्या हुआ, वो आपको अगले पार्ट में पता चलेगा। यहां तक की सेक्सी कहानी आपको कैसी लगी, फीडबैक pritankagupta3@gmail.com पर दीजियेगा।