फिर थोड़ी देर में वो काफी लेके आ गया। कॉफी देखते वक्त वो मुझे बड़ी अजीब सी नज़र से देख रहा था। जैसे ही उसने काफी मेरे हाथ में दी, तो मैंने उसको अपने मुंह से लगा लिया। मैंने अपना ऊपर वाला होंठ कॉफी में डूबो दिया ताकि उस पर कॉफी का निशान पड़ जाए, और भाई को लगे कि मैंने कॉफी पीनी शुरू कर दी थी। मैंने ऐसा दिखाया कि मैंने कॉफी का घूंट भर लिया था। फिर मैं बोली-
मैं: अम्मम, ये तो बहुत अच्छी बनी है।
भाई ये सुन कर खुश हो गया। फिर मैं बार-बार कॉफी मग अपने मुंह को लगाने लगी, लेकिन पी नहीं रही थी। तभी मैंने जान-बूझ कर अपने फोन में अलार्म सेट कर, जो 10 सेकंड बाद बज गया। मेरे अलार्म में मेरी रिंगटोन ही लगी हुई है, तो भाई को लगा मुझे फोन आ रहा था।
मैंने कहा मेरी फ्रेंड का फोन था, और आवाज ठीक ना आने के बहाने से मैं उठ कर बाहर की तरफ जाने लगी, और कॉफी का मग साथ ले गई। बाहर जा कर मैंने कॉफी गमले में गिरा दी, और फिर थोड़ी देर बात करने का ड्रामा करके अंदर वापस आ गई।
जब मैं अंदर आई, तो भाई मुझे ही देख रहा था। मैंने होंठों पर जीभ फिराते हुए उसकी बनाई कॉफी की तारीफ की। अब उसको यकीन हो चुका था कि मैंने कॉफी पी ली थी। फिर हमने थोड़ी बातें की, और थोड़ी देर बाद मैंने कहा कि मुझे बहुत नींद आ रही थी। फिर ये बोल कर मैं अपने कमरे में चली गई। जाते हुए जब मैंने पीछे देखा, तो भाई की नज़र मेरी लहराती गांड पर ही थी।
अपने रूम में आ कर मैंने शॉर्ट्स और टी-शर्ट पहन ली। मेरी शॉर्ट्स मेरे घुटनों से काफी ऊपर थी, और गांड से 2-3 इंच ही नीचे थी। टी-शर्ट के नीचे मैंने ब्रा नहीं पहनी थी, ताकि भाई को उतारने में आसानी हो। फिर मैं सीधी लेट गई, और अपनी आँखें बंद कर ली।
मैं बीच-बीच में आँखें खोल कर दरवाजे की तरफ देख रही थी, कि वो कब आयेगा। फिर आधे घंटे बाद दरवाजा खुलने लगा। मैंने आँखें बंद कर ली, और थोड़े खर्राटे भी भरने लगी, ताकि उसको लगे में गहरी नींद में थी। भाई आराम से मेरे कमरे में आया, और उसने हल्की आवाज में मुझे पुकारा। मैंने कोई हलचल नहीं दिखाई। फिर वो मेरे पास आया, और उसने फिर से मेरा नाम बोला। मैंने फिर कोई हलचल नहीं दिखाई। उसके बाद उसने मेरी बाजू पर हाथ रखा, और मुझे हिलाया। लेकिन मैं लाश की तरह पड़ी रही।
ये सब देख कर उसको यकीन हो गया कि उसकी खिलाई गोली का असर हो चुका था, और अब मैं नहीं उठने वाली थी। अब उसकी बारी थी मुझे चोदने की।
सबसे पहले भाई मेरे चेहरे के पास आया, और मेरे गाल के पास अपना चेहरा करके मेरे गाल सूंघने लगा। फिर उसने मेरे गाल पर हल्की सी किस्स की। उसकी गरम सांसे मेरे चेहरे पे पड़ने की वजह से मुझे गुदगुदी होने लगी, लेकिन मैंने खुद पर कंट्रोल कर रखा था। फिर वो सीधे नीचे मेरी टांगों के पास चला गया। मेरी टांगे काफी नंगी थी, तो उसके पास बहुत जगह थी चूमने-चाटने के लिए।
अब भाई ने मेरी शॉर्ट्स के ऊपर चूत वाली जगह पर अपना मुंह लगाया, और चूत की खुशबू को महसूस करने लगा। वो अपना एक हाथ साथ-साथ मेरी जगह पर फेरने लगा। इससे मुझे भी उत्तेजना होने लगी थी। फिर भी मेरे जांघों पर किस्स करने लगा, और उनको जीभ से चाटने लगा। वो चाटते हुए नीचे टांगों तक चला गया, और पैरों को चाटने लगा। उसके चाटने के तरीके से मुझे उसके अंदर भरी हवस का अंदाजा होने लगा था। मेरे पैरों पर जा कर उसने मेरे अंगूठे, और उंगलियां चूसनी शुरू कर दी।
फिर उसने दोबारा ऊपर का रुख किया, और चूमते हुए मेरी जांघों तक आ गया। उसके बाद भाई ने मेरी टी-शर्ट को उठाया, और उसको चूचों तक ले गया। मेरे चूचे अभी भी टी-शर्ट के अंदर ही थे, लेकिन उनके नीचे का पेट नंगा भाई के सामने था। भाई ने पहले मेरे पेट को चूमना शुरू किया। मेरे मुंह से आह निकलने वाली थी, जो मैंने बड़ी मुश्किल से कंट्रोल की।
उसने मेरे पेट को चाट कर पूरा गीला कर दिया। इससे मेरी सांस तेज होने लगी थी। फिर उसने मेरी नाभि को उंगली से खोला, और उसमें अपनी जीभ डालने लगा। मैं तो जैसे पागल होने लगी थी। मेरी चूत में हलचल मची हुई थी।
फिर भी ने मेरी शॉर्ट्स का बटन खोला, और उसको नीचे खिसकाने लगा। शॉर्ट्स टाइट थी, तो आसानी से नीचे नहीं हो रही थी। लेकिन तभी भाई ने अपनी एक बाजू मेरी गांड के नीचे डाल कर गांड उठाई, और शॉर्ट्स खींच कर निकाल दी। अब मैं अपने भाई के सामने पैंटी में थी। मैंने जाली वाली काले रंग की पैंटी पहनी हुई थी, और मेरी पैंटी चूत वाली जगह से भीग चुकी थी।
पहले भाई ने मेरी चूत को पैंटी के ऊपर से चूमा। फिर उसने पैंटी को कमर से पकड़ा, और उसको नीचे खींचने लगा। आज मेरा भाई मेरी पैंटी उतार रहा था। ये दुनिया में एक अलग ही तरह का एहसास है। अब मेरी पैंटी उतर गई, और मेरी चिकनी और खुशबूदार चूत उसके सामने आ गई। उसने देखते ही मेरी चूत पर मुंह लगा दिया, और तभी मैं झटके से उठ गई।
इसके आगे क्या हुआ, वो आपको कहानी के अगले पार्ट में पढ़ने को मिलेगा। यहां तक की कहानी के लिए अपनी फीडबैक मुझे pritankagupta3@gmail.com पर मेल कीजिए।
अगला भाग पढ़े:- भाई का खेल और बहन की चुदाई-3