गोकुलधाम सोसाइटी की नई दास्तां-5

पिछला भाग पढ़े:- गोकुलधाम सोसाइटी की नई दास्तां-4

(चंपक तप्पू को मुठ मारना सिखाने के बाद खुद भी सनी के बारे में फंतासाइज करने लगता है। साथ ही साथ वो दया को भी फंतासाइज करता है। और उसकी सेक्स की इच्छा अब बहुत बढ़ जाती है। वो सोसाइटी की हर औरत को देख फंतासाइज करने लगता है।)

रात का समय है। गोकुलधाम सोसाइटी में गहरी खामोशी छाई हुई है। चंपक अपने रूम में बिस्तर पर लेटा हुआ है। तप्पू को बाथरूम में मुठ मारना सिखाने के बाद उसका मन बेचैन हो गया है। जो कुछ देर पहले बाथरूम में हुआ, उसने उसके अंदर की पुरानी, दबी हुई आग को फिर से भड़का दिया।

वो आँखें बंद करता है और अपने मन को शांत करने की कोशिश करता है। लेकिन उसका दिमाग बार-बार भटक रहा है। सबसे पहले सनी की तस्वीर उसके सामने आती है। सनी की लाल साड़ी, जो उसकी गोरी कमर को और आकर्षक बना रही थी, उसका डीप कट ब्लाउज, जिसमें से उसका क्लीवेज साफ झलक रहा था, और उसकी मटकती गांड चंपक के दिमाग में बार-बार घूमने लगती है। सनी की मखमली आवाज, जिसमें वो “सेक्सुअल”, “पेनिस”, और “वैजाइना” जैसे शब्दों को बोल रही थी, चंपक के कानों में गूंज रही है।

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