नमस्ते दोस्तों, मैं 21 साल का नंदू हूं। मैं केरल से हूं। यह कहानी इस बारे में है, कि कैसे मेरी छोटी बहन ने मुझे उसके साथ सेक्स करने के लिए आकर्षित किया। चलिए अब मैं बताता हूं कि सब कैसे हुआ।
मेरी बहन का नाम दिव्या है। वह 19 साल की है। उसका फिगर बहुत अच्छा है, और उसके स्तन और गांड गोल-गोल हैं। हमारे परिवार में हमारे माता-पिता, दिव्या और मैं हैं। दिन के ज्यादातर समय मैं और दिव्या घर पर अकेले रहते है, क्योंकि हमारे माता-पिता काम पर चले जाते हैं।
हमारे पास दो शयनकक्ष है, जिसमें से एक माता-पिता के लिए है, और दूसरा मेरे और दिव्या के लिए है। ये घटना एक माह पहले की है। इस उम्र के अन्य लड़कों की तरह मुझे भी सेक्स के बारे में जानकारी थी। मैं सेक्स कहानियां पढ़ता था और पोर्न वीडियो देखता था। लेकिन मुझे पहले कभी किसी को चोदने का मौका नहीं मिला था। यह सब कुछ ही महीनों में शुरू हुआ।
मेरी बहन के प्रति मेरे मन में कभी भी कोई यौन भावना नहीं थी। लेकिन मुझे नहीं पता था, कि मेरी छोटी बहन मेरे साथ सेक्स करना चाहती थी। हम कभी भी आपस में सेक्स के बारे में कोई विचार शेयर नहीं करते थे। लेकिन वैसे हम बहुत करीब थे। मेरी बहन हमेशा विभिन्न कारणों से मुझसे संपर्क करती थी। वह अपनी पढ़ाई से संबंधित शंकाओं को लेकर मेरे पास आती थी। लेकिन मैं कभी नहीं जानता था, कि उसने इन अवसरों का उपयोग मेरे साथ शारीरिक संपर्क बनाने के लिए किया था।
वो अक्सर मेरे पास आकर बैठ जाती थी, या अक्सर मुझसे लिपट जाती थी। धीरे-धीरे वह आगे बढ़ने लगी। उसका इरादा मुझे रिझाने का था। उसने चीजों को और अधिक जटिल बनाना शुरू कर दिया।
पहले के विपरीत, जब वह अपनी शंकाओं के साथ मेरे पास आती थी, तो मेरी गोद में बैठने लगी थी। अक्सर वह मेरे लंड पर बैठती थी, ताकि कुछ आनंद प्राप्त कर सके। जब वह किताब की ओर इशारा करती थी तो कई बार उसका हाथ मेरे लंड पर चला जाता था। मुझे कभी उसकी हरकतों पर शक नहीं हुआ, क्योंकि मेरे मन में ऐसा कुछ भी नहीं था।
यहां तक कि दिन में जब भी हम आस-पास होते थे, तो वह अपने स्तन और गांड मुझ पर रगड़ती थी। इसके बाद वह और हरकत करने लगी। हम आमतौर पर एक ही बिस्तर पर सोते थे। सोते समय वह मुझसे लिपट जाती थी। मुझे लगता था कि वह अनजाने में ऐसा कर रही थी।
एक दिन वह सोने से पहले बाथरूम में चली गयी। वह वही ड्रेस लेकर बाहर आई, लेकिन मैंने देखा कि वह अपनी ब्रा अलमारी पर लटका रही थी। ये देख कर मैं समझ गया था, कि उसने ब्रा नहीं पहनी थी। लेकिन मुझे कभी उस पर शक नहीं हुआ कि वो मुझे रिझाने के लिए ये सब कर रही थी।
उस दौरान हमारी 10 दिन की छुट्टियां थी। लेकिन मम्मी-पापा को काम पर जाना था। इसलिए इन सभी दिनों में हम दिन के समय अकेले रहते थे, और मेरी बहन को मेरे साथ खेलने के लिए अधिक समय मिलता था। एक दोपहर मैं अपने कमरे में बैठा था। मैं कुछ काम कर रहा था। मेरी बहन नहा रही थी। कुछ देर बाद उसने दरवाज़ा खोला और तौलिया लपेट कर बाहर आ गई। आमतौर पर वह ड्रेस को बाथरूम के अंदर ले जाती थी।
तभी मैंने उससे पूछा: क्या हुआ?
उसने जवाब दिया: पानी में गिरने से मेरी ड्रेस गीली हो गई है।
तौलिए में वो बहुत सेक्सी लग रही थी।तौलिया उतना बड़ा नहीं था, और उसका क्लीवेज आंशिक रूप से दिख रहा था। तौलिया उसके घुटनों के ठीक ऊपर ही ढका हुआ था। उसको देख कर मुझे बेचैनी सी होने लगी। लेकिन बाद में मैंने अपनी बहन को इस तरह देखने के लिए खुद को कोसा।
फिर कुछ देर बाद उसने ड्रेस बदल ली, और मेरे पास आकर बैठ गयी। उसने छोटी स्कर्ट और टाइट शॉर्ट टॉप पहना हुआ था। उसने ब्रा नहीं पहनी हुई थी, और उसके निपल्स मुश्किल से दिख रहे थे। चूंकि टॉप छोटा था, इसलिए उसकी नाभि आंशिक रूप से दिखाई दे रही थी। उसको देख कर मैं उत्तेजित हो रहा था।
मैंने इससे ध्यान हटा कर किसी और चीज़ पर ध्यान केंद्रित करने की कोशिश की। मैंने अपना लैपटॉप चालू किया, और बिस्तर पर रख दिया। और अब मेरी बहन मेरे सामने आकर झुक गयी। उसका क्लीवेज साफ दिख रही थी, और इससे मुझे और बेचैनी हो रही थी। वह मेरे पास आकर ऐसे दिखावा करने लगी मानो लैपटॉप में कुछ देख रही हो।
फिर उसने लापरवाही से अपना हाथ मेरे लंड पर रख दिया। इससे चौंक पड़ा मैं। वह लैपटॉप में देख रही थी। लेकिन उसने अपना हाथ नहीं हटाया। मुझे अपने लिंग पर उसका स्पर्श पाकर अच्छा लगा। कुछ देर बाद वो और जोर लगाने लगी। मैंने उसका हाथ उस पर से हटाने की कोशिश की, लेकिन तभी उसने कहा, “मुझे यह चाहिए भईया।”
उसकी ये बात सुन कर चौंक पड़ा मैं। इतना कह कर उसने मुझे बिस्तर पर धकेल दिया और मुझे चूम लिया। मैंने उसे रोकने की कोशिश की, लेकिन उसने मुझे फिर से चूमा और कहा, “मुझे तुम्हारी ज़रूरत है भईया।” इससे मैं और अधिक उत्तेजित हो गया और उसको वापस से चूमने लगा। फिर वो खड़ी हुई और उसने अपना टॉप उतार दिया।
उसके बड़े गोल ठोस स्तन बाहर निकल आये। उसके स्तन देख कर कोई भी मर्द पागल हो जाता। मेरी आंखें उसके स्तनों पर ही टिक गई। मैं खड़ा होकर उसकी चूचियों को देखता रहा। तभी उसने कहा, “आप किसका इंतज़ार कर रहे हैं? चूसो इन्हें।
उसकी ये बात सुन कर मुझे इतनी खुशी हुई, जितनी जिंदगी में पहले कभी नहीं हुई थी। फिर मैंने अपने हाथों से उसके मम्मे पकड़ लिये और दबा दिये। मैंने उसके भूरे निपल्स को चाटा और एक को मुंह में लेकर चूसने लगा। मेरे ऐसा करने से वह कराहने लगी। वो मेरे सर पर अपने हाथ चला रही थी।
अभी के लिए कहानी को यही विराम देते है। अगर आपको यह तक की कहानी पसंद आई हो, तो अपने विचार मुझे मेल जरूर करे। तभी मैं आगे की कहानी आप सब के सामने पेश करूंगा। इस कहानी को ज्यादा से ज्यादा शेयर भी करे, और अगर लिखने में कोई गलती हो गई हो, तो मुझे माफ कर दीजियेगा। कहानी पढ़ने के लिए आप सब का बहुत धन्यवाद।