दो गायें और दो सांड-17

पिछला भाग पढ़े:- दो गायें और दो सांड-16

नसरीन निकहत को ले जा चुकी थी और असलम मेरी चूत और गांड की चुदाई के लिए आया हुआ था। असलम से चुदाई करवाने के लिए मैं तैयार ही थी।

वैसे तैयार क्या होना था। साड़ी की जगह सूट पहनना था। चुदाई से पहले साड़ी उतारना तो आसान होता है, मगर दुबारा पहनने में गांड फट जाती है। दूसरा, ब्रा और चड्ढी भी चुदाई में रुकावट ही बनती हैं, बेकार की चीजें होती है – पहले उतारो, फिर पहनो। अगर चोदने वाला चूत या गांड में उंगली करना चाहे तो भी दिक्कत ही होती है। इसीलिए मैं क्लिनिक में कभी ब्रा और चड्ढी पहनती ही नहीं।

चुदाई से पहले मैं असलम से पिछली रात उसकी ममता, नसरीन, और रोशन के साथ उसकी दो गायें और दो सांडों की चुदाई की कहानी सुनना चाहती थी।

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