पिछला भाग पढ़े:- दो गायें और दो सांड-14
हिंदी अन्तर्वासना कहानी अब आगे-
मैंने और जवान निकहत ने चूत गांड चुसाई के खूब मजे लिए। निकहत को भी चूत चूसने में बहुत मजा आया था। निकहत अब आगरा में चूत चुसाई की बात करने लगी थी। नसरीन आई तो मैंने उसे अपनी चूत निकहत से चुसवाने के लिए कहा। नसरीन भी कुछ सोचने के बाद तैयार हो गयी। आखिर को किस लड़की/औरत को चूत चुसवाना अच्छा नहीं लगता।
नसरीन और निकहत चली गई और अब मुझे असलम का इंतजार था। मेरी चूत और गांड असलम का लंड लेने के लंड लिए कुलबुला रही थी। असलम के इंतजार में मैं बार-बार अपनी चूत खुजला रही थी। ये चूत भी साली क्या चीज है।
असलम आया तो बड़ा खुश लग रहा था। रात की दो गायें और दो सांडों वाली धुंआधार चुदाई के बाद भी थका हुआ नहीं लग रहा था। आते ही असलम बोला, “मालिनी जी निकहत की रात कैसी कटी और कहां तक पहुंची वो?”
मैंने कहा, “सबर कर लो असलम, अभी अभी तो आये हो। निकहत सब कुछ करने के लिए तैयार है। आगरा जाते ही पहला काम तुमसे गांड चुदाई का ही करेगी, गांड चुदाई के साथ-साथ और भी बहुत कुछ करेगी जो-जो तुम मेरे और अपनी अम्मी के साथ करते हो। यहां तक कि मुतवायेगी भी तुमसे अपनी चूत पर और मूतेगी भी तुम्हारे लंड पर। अब निकहत तुमसे गांड चुदवाने के साथ-साथ, तुम्हारा लंड भी चूसेगी, तुम्हारे लंड की मलाई भी चाटेगी, मतलब सब कुछ करेगी जो तुम चाहोगे। बाकी निकहत के साथ रात बढ़िया कटी, बहुत कुछ हुआ भी।” ये कह कर मैं हंस दी।
असलम हंसते हुए बोला, “कमाल है – एक ही रात में ये सब करिश्मा कर दिया आपने। तो क्या मालिनी जी, इसका मतलब आपने अच्छी खासी ट्रेनिंग दे दी उसको।”
मैंने भी हंसते हुए कहा, “असलम अब जब तुम निकहत की गांड चोदे बिना नहीं रहने वाले थे तो मुझे भी तो अपना काम करना ही था। और जहां तक सवाल है कि वो कहां तक पहुंची, तो वो तुम आगरा जा कर फोन करके बताना कि तुमसे गांड चुदवाई या नहीं, तुम्हारा लंड बढ़िया से चूसा या नहीं और तुमसे अपने ऊपर मुतवाया या नहीं।”
फिर मैंने कहा, “और हां एक बात और हुई है जो मैंने नसरीन को भी बोली है।”
असलम हैरान हुआ, “वो क्या मालिनी जी?”
मैंने कहा, “अरे हैरान परेशान मत हो, ऐसी कोइ ख़ास बात नहीं अभी बताती हूं। पहले तुम मुझे रात का पूरा किस्सा सुनाओ, मेरी चूत गरम हो रही है। तुम्हारा रात का किस्सा सुन कर ही चुदाई करवाऊंगी। तुम ये लो सुहागरा 50 खा लो और रगड़ कर चुदाई करो मेरी। बीस-पच्चीस मिनट में ये सुहागरा भी अपना जलवा दिखाना शुरू कर देगी।” ये कह कर मैंने असलम को सुहागरा 50 की एक गोली पकड़ा दी और बोली, “चलो पीछे कमरे में चलते हैं।”
अंदर जा कर पहले मैंने अपने कपड़े उतारे, मुझे देख कर असलम ने भी अपने कपड़े उतार दिए। नंगें हो कर हम दोनों सोफे पर बैठ गये।
मैंने अपनी चूत में उंगली ऊपर-नीचे करते हुए कहा, “चलो अब आगे बढ़ो, पहले तो मुझे ये रोशन वाला किस्सा बताओ। नसरीन कह रही थी कल रात तुम लोगों का फिर से दो गायों और दो सांडों का प्रोग्राम बनने वाला था। कैसा रहा प्रोग्राम? सुबह जब नसरीन निकहत को लेने आयी तो उससे पूछने का तो मुझे मौक़ा ही नहीं मिला। अब तुम सुनाओ रात की चुदाई की कहानी, मैं भी तो मजा लूं थोड़ा सा।”
असलम ने आधा खड़ा लंड अपने हाथ में लिया और गोली निगलते हुए बोला, “मालिनी जी प्रोग्राम बहुत ही बढ़िया था। अम्मी तो जैसे पूरी चुदक्कड़ हो चुकी है।रोशन को छोड़ ही नहीं रही थी। रात भर रोशन से ही चुदवाई अम्मी ने – चूत और गांड। मुझे एक बार भी चूत या गांड में लंड डालने को नहीं बोला। वैसे मालिनी जी मुझे भी ममता को चोदने में ही ज्यादा मजा आया – कैसे पूरा का पूरा लंड अपने फुद्दी मैं लेकर जकड़ लेती है। अम्मी की चुदाई तो मैं करता ही रहता हूं।”
मैंने असलम का लंड हाथ में दबाते हुए कहा, असलम अच्छे से सुनाओ, इस रोशन के साथ तुम्हारा प्रोग्राम बना कैसे? वैसे तो असलम अच्छा ही है तुम्हारी अम्मी ने एक और लंड का स्वाद ले लिया।”
मैंने अलमारी में से ‘जैसलमेर जिन’ की बोतल निकाली और वापस सोफे पर बैठ गयी। मैंने बोतल को मुंह लगा कर पक्के पियक्क्ड़ों की तरह जिन के दो बड़े-बड़े घूंट भरे और बोतल असलम के आगे कर दी और बोली, “लो असलम दो घूंट तुम भी लगा लो, मस्ती आ जाएगी।”
में चुदक्कड़ों की तरह चुदाई ही नहीं करवाती, पियक्क्ड़ों की तरह पीती भी हूं। असलम ने भी दो घूंट भरे और बोला, “मालिनी जी ऐसे पीने में तो बड़ी कड़वी लगती हैं।”
मैंने कहा, “कड़वी तो लगती है मगर चढ़ती बहुत जल्दी है। असलम मुझसे अब रहा नहीं जा रहा। अब जल्दी से रोशन वाला पूरा किस्सा सुनाओ और मेरी चूत ठंडी करो।”
मैंने बोतल मेज पर रखी और असलम का लंड पकड़ कर बोली, “असलम अब बताओ इस रोशन ममता की क्या कहानी है।”
असलम ने जो कहानी बताई वो मस्त करने वाली थी। असलम बोला, “असल में मालिनी, अब्बू के इंतकाल के बाद तो मुझे वैसे ही कुछ भी समझ नहीं आ रहा था। कालेज जाना और वापस आना, और फिर अम्मी के पास बैठ कर उसे दिलासा देना, यही मेरा रोज़ का रूटीन था।”
“रोशन मेरा कालेज का पक्का दोस्त था। अब्बू के इंतकाल के बाद बहुत बार मेरे साथ वो भी अम्मी को दिलासा देने आता था। अम्मी को वो मौसी बोलता था।”
“मुझे बताने में कोइ झिझक या शर्म नहीं के रोशन दुनियादारी के समझ में मुझसे कहीं आगे था। इस रोशन की एक गर्लफ्रेंड थी ये ममता, जिसको ये रोशन अक्सर चोदता था।”
“ममता पांच फुट दो इंच की छोटे कद की मगर भारी मम्मों और भारी चूतड़ों वाली लड़की थी। एक बार इस रोशन के घर वाले कहीं बाहर गए हुए थे। रोशन ने मुझे अपने घर बुला लिया। ममता उस दिन वहीं थी। ममता उस दिन मुझे अजीब से नजरों से देख रही थी। तभी रोशन ने ममता को कुछ इशारा किया और ममता ने अपने पूरे कपड़े उतार दिए। मैंने पहली बार किसी लड़की को बिना कपड़ों के इस तरह देखा था। मेरा लंड खड़ा होने लग गया।”
“ममता ने एक नज़र मेरे खड़े होते लंड पर डाली और मुस्कुरा दी। तभी रोशन ने भी अपने कपड़े उतार दिए और मुझसे बोला, “असलम तू भी नंगा हो जा भाई, किससे शर्मा रहा है?”
“मालिनी जी मेरे जवाब का इंतजार किये बिना रोशन उठा और ममता को बेड के किनारे पर सीधा लिटा दिया। रोशन ने ममता की टांगें चौड़ी की और अपना मुंह ममता की चूत में घुसेड़ दिया। कुछ देर ममता की फुद्दी चूसने के बाद रोशन खड़ा हुआ और ममता की टांगें पकड़ कर थोड़ी सी चौड़ी की और अपना लंड एक झटके से ममता की चूत में डाला और चुदाई शुरू कर दी।”
“ममता चूतड़ घुमा-घुमा कर कमाल की चुदाई करवा रही थी। एक तो उसकी भारी चूतड़, ऊपर से रोशन का मोटा लम्बा लंड। ममता आअह रोशन ओह रोशन मजा आ गया रोशन, और जोर से चोद रोशन” की आवाजें निकाल रही थी।”
“उधर मेरी हालत खराब थी। मैं पहली बार किसी लड़की की चुदाई देख रहा था। मेरा लंड गीला-गीला सा होने लग गया। रोशन और ममता की ये ताबड़तोड़ चुदाई देख कर मैंने मुठ मारनी शुरू कर दी। उधर रोशन ने एक आवाज निकाली, ले ममता, निकला तेरी फुद्दी में – और इधर मेरे लंड का पानी भी निकल गया।”
“रोशन ने अपना लंड ममता की फुद्दी में से निकाला और मेरे पास आ कर बोला, “ये क्या असलम तूने मुट्ठ मार ली? अबे अब तो तूने चोदना था ममता को। रोशन का इतना कहना था के मेरा लंड खड़ा हो गया।”
“रोशन बोला, “जा डाल ममता की चूत में लंड और चोद उसे। साले वो तेरे लंड का इंतजार कर रही है।”
“मैं उठा और जा कर बिना एक सेकण्ड भी गंवाए ममता की चूत में लंड डाल दिया। मालिनी जी क्या बताऊं, भारी बड़े-बड़े चूतड़ों के कारण, ममता की फुद्दी बिलकुल लंड के सामने थी। ऊपर से ये बड़ी-बड़ी चूत की फांकें। मेरा तो खोपड़ा ही घूम गया। मेरे लंड में इतनी सख्ती आ गयी कि लंड में दर्द सा ही होने लग गया मैंने ममता की टांगें पकड़ीं और चुदाई शुरू कर दी। लंड का पानी में एक बार मुट्ठ मार कर निकाल चुका था, इसलिए दूसरी बार लंड झड़ने का नाम नहीं ले रहा था।”
असलम की बातें सुन-सुन कर मेरी तो अपनी फुद्दी फुर्र-फुर्र पानी छोड़ रही थी। मैंने असलम का हाथ अपनी चूत पर रखते हुए पूछा, “फिर असलम?”
असलम मेरी फुद्दी में उंगली डालते हुए बोला, “फिर मालिनी जी थोड़ी चुदाई की बाद ही ममता को मजा आ गया। वो लगभग चिल्लाती हुई सी बोली, “मजा आ गया रोशन मुझे। क्या चोदता है यार ये तेरा दोस्त असलम।” मुझे मजा नहीं आया था। मैंने ममता की चूत में धक्के जोर-शोर से बरकरार रखे।”
“जल्दी ही मुझे भी मजा गया। मेरी एक आह ममता की आवाज के साथ ही मेरे लंड ने भी पानी छोड़ दिया। मैंने जैसे ही लंड ममता की चूत में से निकाला, रोशन आया और बिना देरी किये उसने अपना लंड ममता की चूत में डाल दिया।”
असलम मेरी चूत में उंगली अंदर-बाहर करते हुए जैसे अपने आप से बोला, “मालिनी जी कमाल की चुदाई करवाती थी ये ममता भी, थकती ही नहीं थी चुदाई करवाते-करवाते।”
मैंने मन ही मन कहा, “और मैं? और नसरीन? और वो रागिनी? क्या हम थक जातीं है चुदाई करवाते-करवाते? हमसे बड़ी चुदक्कड़ थोड़े ही रही होगी ये ममता?”
असलम बोला, “उस दिन से ये सिलसिला जो चला मालिनी जी तो चलता ही रहा। रोशन का हमारे घर आना भी बदस्तूर जारी था। एक दिन रोशन आया और बोला, “असलम मैं और ममता शादी कर रहे हैं।”
रोशन और ममता? शादी? रोशन को तो पता ही थी ममता किस तरह की लड़की थी, फिर भी शादी?
“मालिनी जी मैंने रोशन से पूछा, “रोशन, ममता से शादी? वो तुझसे चुद चुकी, मुझसे तेरे सामने चुद चुकी। और पता नहीं कितने चढ़े होंगे उस उस पर। तुझे ये शादी का क्या सूझा?”
“रोशन बोला, “बस यार मुहब्बत सी हो गयी उसके साथ। इसके बाद मैंने बात आगे नहीं बढाई। रोशन और ममता की शादी हो गयी और जल्दी ही उन लोगों ने आगरा की अपनी जायदाद बेच कर कानपुर में अपना नया ठिकाना बना लिया। बाद में रोशन ने मुझे बताया कि उन्होंने सिविल लाइन मार्किट में कम्प्यूटर का शोरूम बना लिया, जो अब अच्छा चल रहा है।”
“रोशन के साथ चार छह महीने में मेरी बात-चीत होती रहती थी। नयी दुकान के सिलसिले में कानपुर आना शुरू हुआ तो मैंने एक बार उससे बात की और अपनी नई दूकान के बारे में बताया। उसने मुझे मिलने के लिए कहा, मगर मुझे ही वक़्त नहीं मिला।”
“इस बार जब हमारा निकहत के साथ प्रोग्राम बना तो मैंने उसे दुबारा फोन किया। उसने वही कहा एक बार मिलूं। मैंने अम्मी से इसका जिक्र किया तो अम्मी बोली, मिलने में क्या हर्ज है, तुम्हारा तो अच्छा जिगरी दोस्त रह चुका है।”
बस मालिनी जी निकहत को आपके पास छोड़ कर मार्किट घूम कर मैंने उसे फोन लगा दिया। रोशन बहुत खुश हुआ और उसने हमें कनपुर के मशहूर धुआं रेस्टोरेंट में बुला लिया।”
“मैंने अम्मी को होटल छोड़ा और धुआं रेस्टोरेंट पहुंच गया। रोशन ममता को भी लेकर आया हुआ था। रोशन बोला, “असलम मौसी और निकहत नहीं आये?”
मैंने का, “निकहत किसी जानकार के घर गए हुई है, रात वहीं रुकेगी। अम्मी कह रही थी तुम दोनों दोस्त एक बार मिल लो, तुम लोगों ने कई बातें करने होनी, मैं वहां क्या करूंगी?”
“मालिनी जी मैं और रोशन हल्की-फुल्की बातें करने लगे। ममता मेरी और देख कर मुस्कुरा रही थी, और साथ-साथ रोशन की तरफ भी देख रही थी।”
“मालिनी जी, मुझे रोशन के सामने ममता का इस तरह मुझे देखना अजीब सा लगा। मेरी आंखों की आगे ममता का नंगा जिस्म घूम गया। पांच फुट दो इंच की बड़े चूतड़ों वाली ममता की फुद्दी तो ऊपर की क्या, कुछ ज्यादा ही ऊपर वाली फुद्दी थी। उभरी हुई फुद्दी की फांकें ऐसी कि सौ मीटर दूर से भी चूत की लाइन दिखाई दे जाए।”
“मालिनी जी ये ये ममता चुदवाती भी एक ही तरीके से थी, बेड के किनारे पर सीधी लेट कर। भारी चूतड़ों कि कारन चूत बिल्कुल ऊपर होती थी, बिल्कुल लंड के सामने।”
“मालिनी जी मुझे इस तरह ख्यालों में खोया हुआ देख कर रोशन बोला, “क्या सोच रहा है असलम, ममता की चुदाई याद आ रही है क्या?”
“मालिनी जी मुझे तो उम्मीद ही नहीं थी कि रोशन ऐसा कुछ बोला देगा, सच कहूं तो मालिनी जी मुझे अपने पर बड़ी ही शर्म आई कि मैं क्या सोच रहा हूं। माना कि मैं ममता को चोद चुका था, लेकिन वो रोशन और उसकी शादी से पहले की बात थी। अब ममता रोशन की ब्याहता थी। मेरे दोस्त की बीवी।”
“मुझे हड़बड़ाता हुआ देख रोशन बोला, “अरे मेरे भाई शर्मा मत। मुझे सब पता है तू अपनी और ममता चुदाई के बारे में ही सोच रहा था। तुझे तो यार ममता भी बहुत याद करती है। बोल चोदेगा उसे आज?”
“फिर मालिनी जी ममता को कुहनी मारता हुआ रोशन बोला, “तुम ही कुछ कहो ममता, ये तो शर्मा रहा है।” ममता बोली तो कुछ नहीं बस मेरी तरफ देख कर मुस्कुरा दी। रोशन बोला, “लो देख लो ममता भी हां कर रही है। बोलो चोदोगे?”
मेरा लंड खड़ा होने लगा। ममता की चुदाई आंखों के आगे घूम गयी। मैंने धीरे से कहा, मेरा लंड तो खड़ा था फिर भी मैंने कहा, “क्या कह रहा है यार, कैसे प्रोग्राम बनेगा वो तो बाद की बात है, वो ममता अब तो तेरी बीवी है। वो क्या सोचेगी?”
रोशन बोला, “वो सब तू छोड़। ममता तैयार है, इसी ने मुझे कहा के ये तुझसे चुदाई करवाना चाहती है।” फिर दुबारा से ममता को कुहनी मारता हुआ रोशन बोला, “अब तुम ही बोले ममता।”
“ममता जब बोली तो बस मालिनी जी मेरा लंड फुंफकारे मारे लगा। ममता बोली, “असलम मजा आ जायेगा। अब तो मेरे चूतड़ और भी मोटे और चौड़े हो गए हैं। ले खुद ही देख ले। ये कह कर वह खड़ी हो गयी और जरा सा घूमती हुए बोली, “ले देख ले, लंड सीधा फुद्दी में अंदर तक जाएगा।”
ममता हंसते हुए फिर बैठ गयी और बोली, “फुद्दी बिलकुल लंड के सामने होगी असलम, लंड डालने के लिए छेद ढूंढना भी नहीं पड़ेगा। सीधा लंड चूत के अंदर तक जाएगा। और अगर गांड में डालना हो तो जरा से अपने घुटने थोड़े से मोड़ना और लंड सीधा चूतड़ों के छेद के सामने होगा।”
“मालिनी जी ममता की ये बातें सुन कर मेरी तो हालत खराब होने लगी – मन करने लगा अभी उठूं और ममता को वही लिटा कर चोद दूं।”
मैंने रोशन से कहा, “मगर रोशन मैं अकेला नहीं अम्मी भी साथ है और निकहत भी। निकहत तो आज रात किसी रिश्तेदार के यहां रुकने वाली है, मगर अम्मी तो है, होटल में मेरे साथ।”
फिर वो बोला, “यार असलम ये तो बड़ा चक्कर है भाभी नहीं भी है तो भी मौसी तो तेरे साथ ही है, फिर कैसे प्रोग्राम बनेगा? मेरे घर में ये चुदाई का प्रोग्राम हो नहीं सकता। घर में बहुत सारे लोग हैं, और ये ममता तुझसे चुदाई करवाए बिना मानेंगी नहीं।”
रोशन बोला, “चल फिर कभी सही, जब तो अकेला आएगा तब चोद लेना। मैं तो अब यहीं हूं कानपुर में।”
असलम बोला, “मगर मालिनी जी, मेरे लंड में हरकत होने लग गयी थी। ममता के बड़े-बड़े चूतड़ और उसकी चूत की बड़ी-बड़ी फांकें मुझे मस्त कर रही थी।”
“मालिनी जी तभी मुझे एक ख्याल सा आया। अगर ममता और रोशन रात हमारे साथ ही होटल में आ जाएं। मैं रोशन, अम्मी और ममता। अम्मी तो अब दुनिया भर की चुदाई करवाती ही है, वो भी मेरे सामने – एक चुदाई और सही। मैंने सोचा, अम्मी भी एक और लंड का मजा ले लेगी।”
बस मालिनी जी मैंने रोशन को बोल दिया, “रोशन एक काम हो सकता है।”
रोशन बोला, “वो क्या?”
मैंने कहा, “आज रात तुम दोनों हमारे साथ हमारे होटल में ही रुक जाओ।”
रोशन बोला, “मगर असलम मौसी? वो कहा जाएगी? वो भी तो होगी वहां। फिर कैसे चुदाई होगी ममता की?”
मैंने ममता का हाथ अपने हाथ में लिया और बोला, “अम्मी भी वहीं होगी। हम चारों होंगे। मैं तुम ममता और अम्मी। अम्मी भी चुदवायेगी।”
रोशन बोला, “मौसी भी? क्या सच में?”
मैंने कहा, “हां रोशन सच में। अब्बू के इन्तेकाल के बाद अम्मी मुझ से चुदवाने लग गयी है। तुम आ जाओ। मैं ममता को चोदूंगा, तुम अम्मी को चोदना। निकहत के साथ आने के कारण हमने बड़ा कमरा लिया हुआ है एक एक्सट्रा बेड भी है।”
मालिनी जी जवाब ममता ने दिया, “ये तो बढ़िया है रोशन। असलम को भी बहुत अरसे के बाद नयी फुद्दी मिलेगी चोदने के लिए, तुम भी नयी एक नई फुद्दी चोदना।”
“रोशन कुछ सोचता हुआ बोला, “तो ठीक है असलम हम पहुंच जायेगे आठ बजे तक। मैं दारू की बोतल ले आऊंगा – कौन सी पियोगे?”
“मैंने कहा, “कोइ जिन ले आना। अम्मी भी दो पेग पी लेगी। मेरे पास दो वियाग्रा भी पड़ी हैं। विआग्रा खा कर चुदाई करेंगे।”
“रोशन उठते हुए बोला, तो फिर ठीक है, आठ बजे आते हैं हम। कौन से होटल में हो?”
मैंने कहा,”होटल सरताज में।”
“रोशन बोला, “सरताज? अच्छा होटल है मैं और ममता एक बार जा चुके हैं वहां – चुदाई के चक्कर में।”
“बस मालिनी जी कल हमारा ये प्रोग्राम बन गया। होटल पहुंच कर मैंने सारी बात अम्मी को बताई तो अम्मी हंसती हुई बोली, “वाह आज एक और नया लंड जाएगा चूत में और अम्मी ने मुझे बाहों में लिया और बोली, “मेरा अच्छा बेटा। कितना ध्यान रखता है अपनी अम्मी की चूत और गांड का।”
“मालिनी जी अम्मी को रोशन के लंड के नाम से ही इतना खुश देख कर एक बार तो मैंने सोचा कहीं अम्मी को अपने सामने दूसरों से चुदवा कर ग़लती तो नहीं कर रहा? अम्मी ने जिस तरह से संदीप से चुदवाई थी और अब जैसे रोशन के लंड लेने के नाम से खुश हो रही थी, तो मुझे लगा अम्मी कहीं चुदाई के लिए दीवानी ही तो नहीं हो गयी और चुदाई की इसी दीवानगी में कहीं दूकान के किसी नौकर से ही ना चुदवा ले।”
मैंने कहा, “असलम ऐसा कुछ नहीं होगा। ये सब एक साल तक लंड चूत में ना लेने का नतीजा है। मैंने तुम्हें पहले भी बताया था के औरत अगर बेवा होने के बाद चूत में लंड ना तो धीर-धीरे उसकी चुदाई की इच्छा खत्म हो जाती है। लेकिन अगर कहीं उसकी चूत में एक बार भी लंड चला गया तो फिर उसे चुदाई चाहिए ही चाहिए होती है।”
“यहां तो नसरीन की चूत में तीन-तीन लंड जा चुके हैं। तुम्हारा लंड चूत में लेने के बाद नसरीन का बिना चुदाई के रहना मुश्किल था। इसी दौरान तुम्हारी निकहत के साथ शादी हो गयी। यहीं से असली दिक्क्त शुरू हुई। नसरीन को अब तुमसे चुदाई करवाना अच्छा नहीं लगता था क्योंकि उसे लगता था तुम्हारे लंड पर अब निकहत का हक है।”
मैं असलम को बता रही थी, “इस बीच संदीप से चुदाई करवा कर नसरीन की चुदाई करवाने के इच्छा फिर से जाग गयी – नसरीन का दिमाग थोड़ा पल्टा और वो तुमसे चुदाई करवाने को राजी हो गयी।”
मैंने असलम से कहा, “असलम एक बार तुमसे नसरीन की चुदाई दुबारा से पहले की तरह ही शुरू हो गयी तो नसरीन की दूसरे मर्दों के लंड लेने की हवस भी खत्म हो जाएगी। अब वो बात अलग है कि तुम किसी गैर मर्द का लंड खड़ा करके रोशन के लंड की तरह नसरीन के मुंह के आगे लहराने ही लग जाओ तो फिर वो क्या करेगी? वो तो मुंह खोलेगी ही।”
“खैर तुम बताओ फिर आगे क्या हुआ, मेरी फुद्दी गरम होने लगी है। रोशन के साथ कैसी चुदाई हुई।”
असलम बोला, “मालिनी जी आठ बजे रोशन और ममता पहुंच गए। हम लोगों ने स्नैक्स मंगवाए ही हुए थे – तंदूरी चिकन था फिश थी और कीमा कलेजी थी”।
“मालिनी जी हमने जिन की दो-दो पेग लगाए के बाद मस्ती का माहौल बन गया। ममता ने सब से पहले कपड़े उतारे और बेड पर सीधी लेट गयी। हमसे तो ममता ने कुछ नहीं कहा, मगर अम्मी से बोली, “आईये मौसी जी जरा अपनी जुबान का कमाल दिखाईये, चूसिये मेरी फुद्दी और मुझे भी अपनी नमकीन नमकीन फुद्दी चटवाईये।”
ममता को अपनी बड़े-बड़े चूतड़ों के कारण अपनी गांड के नीचे तकिया भी नहीं रखना पड़ता था।
“अम्मी ने भी एक मिनट भी नहीं लगाया और नंगी हो कर ममता के ऊपर उल्टा लेट गयी। ममता और अम्मी जोर-जोर से एक दूसरी की फुद्दी और गांड चूस चाट रही थी। हमारे लंड फुफकारे मार रहे थे।”
[email protected]
अगला भाग पढ़े:- दो गायें और दो सांड-16