दुकान वाली भाभी की चुदाई-1

हैलो दोस्तों, मेरा नाम अनुज है। मैं अलीगढ़ शहर, वेस्ट यूपी में रहता हूं। मेरी उम्र 24 साल है, और मैं एक अच्छा दिखने वाला लड़का हूं। मैं अभी अपनी पढ़ाई ही कर रहा हूं।

यह मेरी पहली कहानी है, इसलिए कोई गलती हो तो माफ करना। मेरी कहानी आपको कैसी लगी यह अवश्य बताएं। इस कहानी में मैं आपको बताऊंगा कि कैसे मैंने अपने पड़ोस में रहने वाली भाभी की चुदाई की।

मेरी कॉलोनी की अगली गली में एक परचून की दुकान है। जिन्हें मैं पर्सनली जानता हूं। लॉकडाउन के कारण मेरा दुकान पर कोल्ड ड्रिंक पीने आना-जाना बढ़ गया था। उस दुकान पर भाभी और उनकी सास में बैठा करती थी। भाभी भाभी का नाम चंचल है, और उनकी उम्र लगभग 35 से 38 साल है। वह दिखने में बहुत सुंदर है।

उनका चेहरा गोल है, और रंग भी गोरा है। वह एक भरे बदन की मालकिन है। मुझे उनका साइज़ तो नहीं पता, पर उनके चूचे बहुत बड़े हैं, और कमर पतली है, और गांड बहुत मोटी और बाहर की ओर निकली हुई है, जिसे देख कर किसी का भी मन ललचा जाए। वह हमेशा साड़ी पहना करती है। शुरू में उनके लिए मेरा कोई गलत खयाल नहीं था। लेकिन जब-जब मैं उनकी गहरी नाभि देखा करता था, तो मेरा मन मचल जाता था।

वह भी कोशिश करती थी अपने शरीर को ढकने की, लेकिन रह ही जाता था। उनकी सास को मैं अम्मा कहता था, जोकि 60 साल से ऊपर की थी, और उन्हें उठने-बैठने में काफी दिक्कत होती थी। काफी दिनों तक भाभी को देखते-देखते भाभी समझ चुकी थी कि मैं उनके शरीर को घूरता था।

मैं अम्मा से हंसी-मजाक करता था, तो भाभी भी हंस दिया करती थी। उनको एक 5 साल का लड़का भी था, जो दुकान में ही पढ़ता रहता था। उनके पति यानी भैया एक सरकारी बैंक में नौकरी करते थे, तो ऐसे ही लगभग 20-25 दिन तक भाभी को देखना ही चलता रहा।

फिर एक दिन मैं दोपहर को 2:00 बजे कोल्ड ड्रिंक पीने गया, तो मैं बाहर खड़ा होकर कोल्ड ड्रिंक पी रहा था। तभी आगे एक दुकान पर पुलिस की गाड़ी आ जाती है, क्योंकि उस समय दुकानें चोरी-चुपके खुल रही थी। तो यह देखते ही अम्मा घबरा गई, और शटर गिराने को उठने लगी‌।लेकिन वह बड़ी बूढ़ी थी, इसलिए उनसे उठा नहीं गया, तो मैंने तुरंत दुकान में अंदर घुस कर शटर गिरा दिया।

कुछ देर ऐसे ही बैठे रहने के बाद अम्मा बोली: उस दुकान पर बहुत हंगामा हो रहा है, मैं देख कर आती हूं।

तो मैंने शटर ऊपर कर उनको बाहर निकाल दिया और शटर गिरा दिया। भैया उस समय ड्यूटी पर गए थे। उस वक्त दुकान के अंदर मैं, भाभी, और उनका बेटा था। बेटा फोन में लगा हुआ था कार्टून वीडियो देखने में, तो मेरी बात भाभी से ही हो रही थी। वो मेरे पास में कुर्सी पर बैठी थी। उनका शरीर देख कर मैं पागल हो रहा था।

उस समय उन्होंने हरे रंग की साड़ी पहनी हुई थी, तो भाभी अब समझ रही थी कि मैं उनके शरीर को कुछ ज्यादा ही घूर रहा था। वह इधर-उधर देख रही थी। मैं भी अपने फोन में व्यस्त हो गया।

तभी मैंने बोला: भाभी वह ऊपर से बिस्कुट उतार दीजिए।

तो भाभी ने अपना एक पैर स्टूल पर रखा, और दूसरा सामान रखने वाले खांचे पर रखा, और थोड़ा ऊपर उठ कर सामान उतारने लगी। जैसे ही उन्होंने बिस्कुट पकड़ा, उसका पूरा पैकेट ही साथ आने लगा, जिससे भाभी हल्की सी डिसबैलेंस हुई। तभी पता नहीं कैसे मैंने पकड़ने के चक्कर में उनकी मोटी गांड पर अपने दोनों हाथ लगा दिए, जिससे वह चौंक गई।

क्या बताऊं दोस्तों कितनी गुदगुदी गांड थी उनकी। फिर हम ऐसे बिहेव करने लगे, जैसे कुछ हुआ ही ना हो, और इधर मेरा लोअर में लंड खड़ा हो रहा था, जिसे भाभी देख रही थी। मैं बार-बार उसे ऐडजस्ट कर रहा था। उनका बेटा अभी भी मेन कुर्सी पर बैठा हुआ था, और हम दोनों पीछे।

फिर कुछ देर बाद अम्मा आ जाती हैं, और मैं शटर उठा कर घर आ जाता हूं। फिर उस रात मैं उनके नाम की मुट्ठी मारता हूं, और सो जाता हूं। अब मैं अगले दिन उसी टाइम कोल्ड ड्रिंक पीने गया। तब भी भाभी अंदर ही बैठी थी। मैंने कोल्ड ड्रिंक ली, और पीने लगा। मैं यह चेक करने गया था कि भाभी मुझसे बात करती हैं या नहीं, जिससे मुझे आगे का पता चले। इस बार भी वह बीच-बीच में बात कर रही थी।

तभी अचानक से अम्मा पूछने लगी कि, “यह ऑनलाइन पैसे कैसे जाते हैं”? तो मैं बोला, “मैं भाभी को समझा देता हूं”। तो उन्होंने मुझे अंदर आने को कहा। फिर अंदर आकर मैं भाभी के बराबर में स्टूल डाल कर बैठ गया, और कोल्ड ड्रिंक पीने लगा, और उनका फोन अपने हाथ में लेकर उनको समझाने लगा।

इस बीच वह मेरे बहुत करीब थी। मुझे उनकी खुशबू महसूस हो रही थी। तभी मैंने कोल्ड ड्रिंक की बोतल रखने के बहाने उनके दूसरे बाजू की ओर कोल्ड ड्रिंक रखी, और अपने हाथ को उनके चूचों से चिपकाता हुआ ले गया।

इससे उनका ब्लाउज हिल गया, पर उन्होंने कुछ नहीं कहा। अब मैं समझ चुका था कि भाभी का भी झुकाव हो रहा था। फिर मैं घर आ गया समझा कर। 1 दिन मैं फिर उनकी दुकान पर गया, तो अम्मा अपने पोते को ना पढ़ने के कारण डांट रही थी। तो मैंने कहा, “मैं इसे पढ़ा दिया करूंगा”। भाभी और अम्मा दोनों मान गए।

फिर मैं 2 दिन बाद से उनके घर पर भाभी के लड़के को पढ़ाने जाने लगा। इसी बीच भाभी मेरे लिए चाय बना कर लाया करती थी। भाभी से हल्की-फुल्की बात हुआ करती थी, और अम्मा दुकान पर ही बैठा करती थी। ऐसे ही एक हफ्ता चलता रहा।

1 दिन मैंने मजाक में भाभी से बोल दिया की, “एक और बच्चा पैदा कर लो”। तो उन्होंने बोला, “सही कह रहे हो। जब तुम्हारी शादी होगी तब पता चलेगा”। मैंने भी कह दिया, “मेरी हुई होती हर साल एक होता”। तो वो हंस के चली गई अम्मा को चाय देने।

फिर मैंने हिम्मत बढ़ाई अपनी, और आगे बढ़ने की सोची। 1 दिन मैं पढ़ा रहा था भाभी भी किचन में अपना काम कर रही थी, और मेरे लिए चाय बना रही थी। तो मैं बच्चे से बोला कि, “मैं अभी आता हूं टॉयलेट करके”।‌ फिर मैं किचन में चला गया। मुझे देख भाभी थोड़ी सी घबरा गई और पूछने लगी, “क्या हुआ, क्या चाहिए”?

इसके आगे क्या हुआ, और मैंने क्या किया, ये आपको अगले पार्ट में पढ़ने को मिलेगा।

अगला भाग पढ़े:- दुकान वाली भाभी की चुदाई-2