पिछला भाग पढ़े:- कामवाली की चुदाई करते पकड़ा गया-2
दोस्तों मैं अविनाश अपनी हिंदी चुदाई कहानी का अगला पार्ट लेके आया हूं। उम्मीद है आपने पिछले दोनों पार्ट्स पढ़ लिए होंगे। अगर अभी तक पिछले पार्ट्स नहीं पढ़े है, तो प्लीज उनको पहले पढ़ ले।
पिछले पार्ट में आपने पढ़ा कि मेरा अपनी नौकरानी के साथ रोमांस शुरू हो चुका था। फिर मैंने उसको जबरदस्त चुदाई की, और अपना माल निकाल कर पूरी तरह से संतुष्ट हो गया। मुझे चरमसुख मिल चुका था। लेकिन तभी मैंने देखा कि दरवाजे पर खड़ा हो कर कोई हमें देख रहा था। ये देखते ही मेरी गांड फट गई। अब आगे बढ़ते है-
दरवाजे पर जो खड़ा था, वो और कोई नहीं, बल्कि मेरी शादी-शुदा साली थीं, जो आँखें फाड़ कर हमें देख रही थी। मैंने उसको देखते ही घबराते हुए बोला-
मैं: पारुल तुम! तुम यहां क्या कर रही हो?
पारुल: जीजू वो तो मैं बाद में बताऊंगी। लेकिन पहले आप बताइए आप ये सब क्या कर रहे है।
तभी प्रांजल भी पारुल को देख लेती है। वो घबरा जाती है, और जल्दी से सोफा से उठ कर अपने कपड़े लेके बाहर निकल जाती है। अब मैं नंगा अपनी साली के सामने खड़ा था। मेरा लंड ढीला पड़ा हुआ था, जिस पर उसकी नज़र बार-बार जा रही थी।
फिर मैं उसको बोला: पारुल पहले मेरी बात सुन लेना, फिर किसी नतीजे पर पहुंचना।
पारुल: हां ठीक है, लेकिन पहले अपने कपड़े पहनिए।
फिर मैं अपने कपड़े पहनता हूं, और हम दोनों उसी सोफा पर बैठ जाते है, जिस पर अभी मैंने चुदाई की थी। फिर मैं ड्रामा करना शुरू कर देता हूं।
मैं कहता हूं: पारुल मैं तुम्हारी बहन से बहुत प्यार करता हूं। लेकिन प्यार हमारी फिजिकल नीड्स को पूरा नहीं करता। जब से वो मां बनी है, उसका सेक्स में इंटरेस्ट बिल्कुल खत्म हो गया है। मैंने बहुत कोशिश की, लेकिन मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा था। तुम्हारी दीदी मेरे साथ सेक्स करने को तैयार नहीं थी। तो मजबूरन मुझे प्रांजल का सहारा लेना पड़ा। आज पहली बार मैंने किसी दूसरी औरत के साथ सेक्स किया, और देखो आज ही पकड़ा गया।
पारुल मेरी बात बहुत ध्यान से सुन रही थी। उसने ब्लैक कलर की साड़ी पहनी हुई थी, जिसमें वो काफी सेक्सी लग रही थी। वैसे पारुल का फिगर 36-30-36 है, और रंग उसका गोरा है। उसकी शादी 2 साल पहले ही हुई थी, और अभी तक उसको कोई बच्चा नहीं था।
मेरी सारी बात सुनने के बाद पारुल बोली: जीजू मैं समझ सकती हूं कि बिना सेक्स के लाइफ कितनी मुश्किल हो जाती है। अगर शादी में सेक्स ना हो तो शादी का कोई मतलब नहीं रह जाता, और ये रिश्ता बोझ सा बन जाता है। लेकिन फिर भी, आपको इस कामवाली के मुंह लगने की क्या जरूरत थी? कोई और नहीं मिली आपको?
मैं: और किसी को मैं जानता ही नहीं हूं। और इसको पैसे देके बात खत्म हो जाती, लेकिन दूसरी औरत बाद में रिश्ते की मांग करने लगती है। और तुम्हारी दीदी के होते मैं किसी के साथ रिश्ता नहीं बनाना चाहता।
पारुल: जीजू मैं भी हूं, जिसको आप जानते हो। आप मुझे कह सकते थे।
उसकी ये बात सुन कर मैं हैरान हो गया।
मैंने उसको कहा: लेकिन पारुल तुम तो शादी-शुदा हो। तुम्हारे साथ कैसे?
पारुल: कैसी शादी जीजू, जिसमें एक पर्सन मज़ा करता है, और दूसरा सज़ा भुगतता है। मेरे पति ने बहुत सेक्स किया मेरे साथ, लेकिन हर बार वो खुद तो शांत हो गया, लेकिन मेरी प्यास नहीं बुझा पाया। शादी वाले दिन से आज तक मुझे ढंग का सेक्स नहीं मिला। बस उंगली कर-कर के गुज़ारा करती हूं।
मैं: तुमने किसी को बताया क्यों नहीं?
पारुल: किसको बताती, और क्या बताती, कि मेरा पति मुझे संतुष्ट नहीं करता?
ये कह कर पारुल रोने लगी। मैंने पारुल के कंधे पर हाथ रखा, और उसको बोला-
मैं: पारुल तुम चिंता मत करो। आज से तुम मेरी और मैं तुम्हारी जरूरत पूरी करेंगे। (उसके चेहरे को उठाते हुए) और जहां तक रही संतुष्टि की बात, तो आज मैं तुम्हे इतना चोदूंगा कि तुम खुद मुझे बस करने के लिए कहोगी।
ये सुन कर पारुल शर्मा गई। फिर मैं आगे बढ़ा, और उसके होंठों से अपने होंठ चिपका दिए। हम दोनों किस्स करने लगे, और मैं उसके एक चूचे को ब्लाउज के ऊपर से दबाने लगा। जल्दी ही पारुल वाइल्ड हो गई, और जोर से मेरे होंठ चूसने लगी। उसकी किसिंग से उसकी प्यास का पता चल रहा था।
कुछ देर की किसिंग के बाद हम अलग हुए, और पारुल खड़ी हो गई। फिर वो मेरी तरफ कामुक निगाहों से देखते हुए अपनी साड़ी खोलने लगी। मैं भी अपने कपड़े उतार कर नंगा हो गया। मेरा लंड फिर से तन गया गया। आज तो मेरे लंड की किस्मत खुल गई थी। पारुल ने सारी और ब्लाउज उतार दिए, और ब्रा पैंटी में आ गई। कमाल का फिगर था मेरी साली का। फिर वो वहां से जाने लगी।
ये देख कर मैंने पूछा: कहां जा रही हो?
वो बोली: सोफा पे नौकरानी चोदी जाती है। गर्लफ्रेंड को बेडरूम में चोदा जाता है।
ये कह कर वो बेडरूम की तरफ चली गई। मैं भी उसके पीछे चला गया। वो बिस्तर पर जाके लेट गई, और मैं उस पर टूट पड़ा। मैं उसके पूरे बदन को चूमने लगा। वो आहें भरने लगी। फिर मैंने उसकी पैंटी उतारी, तो उसकी चूत बिल्कुल चिकनी और गीली थी। मैं पारुल की चूत को कुत्तों की तरह चाटने लगा। वो सिसकियां भर कर मेरे सर को अपनी चूत में दबाने लगी। कुछ देर की चुसाई के बाद वो झड़ गई, और मैं उसका सारा पानी पी गया।
फिर मैं ऊपर आया, और उसकी ब्रा निकाल कर उसके बूब्स चूसने लगा। क्या कमाल के बूब्स थे उसके, एक दम मुलायम और गोल। नीचे से मेरा खड़ा लंड उसकी चूत पर बार-बार टकरा रहा था। फिर मैंने उसकी चूत पर लंड सेट किया, और जोर का धक्का देकर अंदर पेल दिया। वो चिल्लाई, लेकिन मैंने धक्के मारने शुरू कर दिए।
क्या गरम चूत थी साली की, एक-दम टाइट। मैं धक्के मारता गया, और लंड कुछ ही सेकंड्स में चूत में एडजस्ट हो गया। अब साली आह आह करते हुए मुझे अपने बूब्स चुसवा रही थी, और चूत चुदवा रही थी। वो आह जीजू, ओह जीजू, आह आह सससस करके अपने मजे को बता रही था। मैं पागलों की तरह उसके बूब्स, होंठ, गर्दन चूसते हुए उसकी चुदाई कर रहा था।
10 मिनट में वो दोबारा झड़ गई, लेकिन मैं नहीं रुका। अब वो थक गई, और मुझे रुकने को बोलने लगी। लेकिन मैंने उसको घोड़ी बना लिया, और पीछे से चोदने लगा। आधा घंटा और चोदने के बाद मैंने उसके अंदर ही अपना वीर्य निकाल दिया।
उस दिन के बाद से मैं अपनी साली और नौकरानी दोनों की चुदाई करता हूं। कहानी खत्म।
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