पिछला भाग पढ़े:- कामवाली ने चूसा लंड-2
मैं राजू अपनी गर्लफ्रेंड श्रेया के साथ रिलेशनशिप में था, और हमारे बीच जम कर सेक्स होता था। पर एक दिन मेरी कामवाली बाई ने मुझे नशे की हालत में नंगा सोता देख मौके का फायदा उठा कर मेरा लंड चूसा। फिर जब मुझे हकीकत का पता चला, तो मैंने अपनी कामवाली को डांटने की बजाए उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए, और अपनी खूबसूरत गर्लफ्रेंड श्रेया को धोखा देने लगा। और जानकारी के लिए पिछले भाग पढ़े।
श्रेया बहुत ही खूबसूरत थी और सेक्स में कभी किसी चीज के लिए मना नहीं करती थी। अगर उसका मन ना भी हो तो भी मेरा लंड अपने मुंह में लेकर मुझे चरमसुख दिला देती थी। पर लंड तो प्यासा ही होता है ना, जितना भी मिले कम ही है। जब मुझे अपनी कामवाली की चूत मिली तो मेरा लंड उसे भी चोदे बिना रह नहीं पाया।
श्रेया वीकेंड पर मेरे घर पर आती थी, पर इस पूरे हफ्ते से मैं अपनी कामवाली रानी को चोद रहा था, और जब वीकेंड आया तो मैं काफी घबराया हुआ था। श्रेया मेरे घर आ गई थी, और हमने चुदाई का कार्यक्रम शुरू कर दिया था। रानी हमेशा की तरह आकर अपना काम करने लग गई थी। उसने कुछ भी नहीं कहा। मैं सोचने लगा कि चलो डरने की जरूरत नहीं थी। रानी बहुत समझदार थी, और वो मेरे और श्रेया के बीच नहीं आ रही थी।
मैंने श्रेया को हथकड़ी लगा दी, और दोनों टांगें फैला कर भी बांध दी और उसकी चूत चाटने लगा। आज कुछ ज्यादा ही जोरों-शोरों से उसकी चूत चाट रहा था। क्योंकि मुझे पूरे हफ्ते उसे रानी के साथ धोखा देने का बुरा भी लग रहा था।
काफी देर तक में उसकी चूत चाटता रहा और वह तिलमिलाती रही। उसके बाद मैंने उसे पलटाया, और उसकी गांड उठा कर उसे लिटा दिया। वो बिल्कुल नहीं हिल पा रही थी। पलट कर देख भी नहीं सकती थी। बस दीवार की तरफ मुंह था उसका।
उसके बाद मैंने पीछे से उसकी चूत चाटना शुरू करा। श्रेया को काफी मजा आ रहा था। इतने में चुपके से रानी पीछे से आ गई और मेरा लंड पकड़ लिया। मैं घबरा गया, और पलट कर देखा तो रानी ने मुंह पर उंगली रख कर मुझे चुप रहने को कहा, और मुझे श्रेया की चूत चाटने का इशारा करा।
मैं वापिस से श्रेया की चूत चाटने लग गया, और रानी अपनी जुबान से मेरी गांड चाटने लगी। वो अपने हाथों से मेरे लंड को मसल रही थी, और मेरी गांड चाट रही थी। उसकी जुबान मेरे गांड के गड्ढे के अंदर तक जा रही थी। मुझे मजा भी आ रहा था, और साथ ही साथ डर भी लग रहा था, कि अगर श्रेया को पता चला तो मेरा रिलेशनशिप टूट जाएगा।
मेरा लंड कुछ देर में फड़कने लगा। रानी समझ गई थी कि मेरा स्पर्म निकलने वाला था। वो जमील पर लेट गई, और मेरा लंड मुंह में ले लिया। एक हाथ से उसने मेरे गोटे निचोड़ रखे थे, और दूसरे हाथ की उंगली मेरी गांड में डाल कर मेरे पी-स्पॉट को मसल रही थी। अपने मुंह से वो मेरे लंड को जोरों से चूस रही थी। मैं भी और जोरों से श्रेया की चूत चाटने लगा। कुछ ही देर में मेरा स्पर्म निकल गया और रानी ने पूरा स्पर्म अपने मुंह में ही लिया, और फिर उसे निगल गई। उसके बाद वह चुपके से बाहर चले गई।
श्रेया को कुछ भी भनक नहीं लगी थी। वह तो अपने ही चरम सुख में डूबी हुई थी। आज तक मैंने कई बार उसकी चूत चाटी थी, पर आज तो उसके होश ही उड़ गए थे। मेरे जब मैंने उसे खोला तो उसने मेरा लंड चूसने के लिए पकड़ा। पर मेरा ढीला लंड देख कर उसने कहा-
श्रेया: क्या हुआ, आज तुम्हारा खड़ा क्यों नहीं है?
मैंने कहा: बेबी आज मैंने बहुत जम कर चूत चाटी ना, तो मैं थक गया।
वो भी मान गई और बोली: आज तो मजा ही आ गया।
इसके बाद वह बोली: मैं नहा कर आती हूं, तब तक तुम रेस्ट कर लो।
श्रेया बाथरूम में गई, इतने में रानी वापिस आई और मेरे गोटे अपने हाथ में पकड़ कर बोली: इनका रस सिर्फ मैं पियूंगी।
और यह कह कर मेरा मुलायम लंड मुंह में लेकर चूसने लगी। उसने चूस-चूस कर मेरा लंड कुछ ही मिनट में खड़ा भी कर दिया। श्रेया वहां बाथरूम में नहा रही थी, और यहां रानी मेरे लंड को खड़ा कर, उस पर बैठ कर अपनी चूत की गर्मी शांत कर रही थी।
रानी के बोबे उछलते हुए बहुत अच्छे लग रहे थे। पर मुझे यह डर भी था कि श्रेया कहीं नहा कर बाहर ना आ जाए। वो तो श्रेया कम से कम आधा घंटा तो लगाती ही है नहाने में, यह सोच कर मैंने सोचा कि अभी रानी को चोदने का ही मजा लेलूं। वैसे भी लंड के सामने दिमाग काम करना बंद कर देता है।
मैंने पूरी ताकत लगा कर रानी को चोदना शुरू कर दिया। मैंने उसे पलटा कर बिस्तर में दबा दिया। फिर उसका गला पकड़ कर कहा-
मैं: रंडी साली, मेरे ऊपर हुकुम चलाएगी! अब देख कैसे तुझे रंडी की तरह चोदता हूं!
उसे पलटा कर पहले उसकी चूत पेलने लगा गया। उसे कुतिया बन कर चुदने में काफी मजा आ रहा था। 10 मिनट तक उसकी चूत चोदने के बाद मैंने अपना लंड उसकी गांड पर रख कर अंदर डाल दिया। फार रानी के बाल पकड़ कर उसकी गांड मारने लगा। रानी की चीख निकल गई।
मैंने एक हाथ से उसका मुंह बंद करा, और अपनी पूरी ताकत लगा कर उसकी गांड में झटके मारने लगा। 5 मिनट तक जबरदस्त चुदाई के बाद मैंने उसको उठाया, और उसके सारे कपड़े लेकर, हॉल में लेजा कर, मैं गेट पर लगा कर चोदने लगा। गेट पर दबा कर मैं उसकी गांड मारे जा रहा था।
उसका नंगा शरीर श्रेया से ज्यादा खूबसूरत था। उसकी गांड और बोबे काफी बड़े थे, और सावला रंग और कामुक लगता था। श्रेया काफी क्यूट, गोरी, और पतली कमर वाली लड़की थी। दोनों को चोदने के अलग मजे थे। मेरा मन किसी को भी छोड़ने का नहीं हो रहा था।
मैं लगातार रानी की गांड मार रहा था। इतने में बाथरूम का गेट खुलने की आवाज आई, तो मैंने झट से घर का गेट खोला, और रानी को नंगी ही बाहर धक्का मार दिया। फिर उसके कपड़े बाहर फेंक गेट बंद कर लिया।
मैं रसोई में जाकर पानी पीने लगा। रानी भी बाहर अपने कपड़े पहन कर चली गई। श्रेया मुझे ढूंढते हुए बाहर आई, और पूछने लगी-
श्रेया: क्या कर रहे हो?
मैंने कहा: पानी पीने आया था।
श्रेया ने कहा: ऐसे ही बाहर आ गए? रानी कहा है?
मैंने कहा: रानी तो कब की चली गई। उसके सामने ऐसे थोड़ी आता।
श्रेया मेरा खड़ा हुआ कड़क लंड देख कर बोली: ये कैसे खड़ा हो गया?
मैंने कहा: वो पानी पिया तो वापिस एनर्जी आ गई।
फिर मैंने श्रेया को कहा: इधर आओ और मेरा लंड चूसो।
श्रेया चुप-चाप आकर मेरा लंड चूसने लगी। रानी की चूत और गांड के रस को मैंने श्रेया से चटवा कर साफ करना शुरू कर दिया। श्रेया का सिर पकड़ कर मैंने अपना लंड उसके मुंह में अंदर तक ठूंसना शुरू का दिया। फिर श्रेया को उठाया और उसे गोद में उठा कर चोदने लगा।
श्रेया के हल्के-फुल्के बदन को अपनी मजबूत बाजुओं में उठा कर उसे उछाल-उछाल कर चोदने लगा। उसके बाद पूरे घर में घूम-घूम कर में श्रेया को चोदता रहा। फिर मैंने उसे उतारा, और सोफे पर पलटा कर पीछे से चोदने लगा, और तब तक चोदता रहा जब तक श्रेया के पैर कांपने नहीं लग गए।
फिर मैंने अपना माल उसकी चूत में ही छोड़ दिया, और उसके ऊपर ही गिर गया। हम दोनों काफी देर तक सोफे पर ही पड़े रहे। फिर मैंने सोचा कि रविवार को श्रेया के साथ बाहर चला जाता हूं। फिर रानी को सोमवार को देखूंगा। रानी को भी उसकी औकात दिखानी पड़ेगी। अगला भाग पढ़िए किस तरह मैंने रानी को उसकी औकात दिखाई, और उसे अपनी रांड बना कर चोदा।