जिम में चुदाई की कहानी

मेरा नाम नीरज है, और मैं अपनी हिंदी चुदाई कहानी आप लोगों को सुनाने जा रहा हूं। मेरी उमर 20 साल है, और मैं कॉलेज के फर्स्ट ईयर में पढ़ता हूं। मेरा रंग गोरा है, और शरीर थोड़ा भारी है। मेरी गांड बाहर को निकली हुई है, और शरीर एक दम चिकना है, मतलब शरीर पर बाल नहीं है।

स्कूल में मुझे मेरे दोस्त हमेशा मुझे लड़की कह कर बुलाते थे, क्योंकि मेरी हरकतें भी लड़कियों जैसी थी। मैं उनके ऐसा कहने पर चिढ़ता था, और गुस्सा करता था, जबकि अंदर से मुझे खुशी मिलती थी। मैं ये जानता था कि मैं सिर्फ लड़कियों जैसा दिखता नहीं था, बल्कि मैं अंदर से लड़की ही था। लेकिन घर वालों और समाज की नजरों में अपनी इज्जत बचाने के लिए मैं लड़के होने का ढोंग करता था।

जब मैं कॉलेज में हुआ, तो मेरी गांड और बाहर की तरफ निकलने लगी। मैं जानता था कि अगर ऐसे ही मेरी गांड बढ़ती गई, तो लोगों को देखते ही पता चल जाएगा कि मैं गे हूं, इसलिए मैंने जिम जा कर बॉडी बनाने का फैसला लिया। मैंने सोचा कि जब बॉडी बनी होगी, तो किसी को अंदाजा नहीं होगा कि मैं क्या हूं।

फिर मैंने जिम ज्वाइन कर लिया। वहां शुरू-शुरू में मैं किसी से बात नहीं करता था। लेकिन फिर एक दिन मेरी जतिन से बात शुरू हुई। ये बात एक दुर्घटना की वजह से शुरू हुई थी।