पिछला भाग पढ़े:- TMKOC की नई दुनिया-1
एपिसोड 2: बबीता और जेठालाल का गुप्त मिलन
पिछले पार्ट में आपने देखा कि बापू जी ने अपनी बेचैनी का खुलासा किया और गोकुलधाम सोसाइटी में एक नया नियम बनाया गया। जिसमें सभी अपनी मर्जी से एक-दूसरे के साथ शारीरिक संबंध बना सकते हैं, बशर्ते सहमति हो। इस नए नियम ने सोसाइटी में एक अजीब सी उत्तेजना पैदा कर दी थी। हर कोई अपने मन में इस नए बदलाव को लेकर उत्साहित, लेकिन थोड़ा झिझक भी रहा था। अब आगे…
सुबह की शुरुआत:-
अगली सुबह गोकुलधाम में माहौल थोड़ा अलग था। लोग एक-दूसरे को देख कर सामान्य तरीके से मुस्कुरा रहे थे, लेकिन उनकी आँखों में एक नई चमक थी। जेठालाल सुबह-सुबह अपनी दुकान के लिए तैयार हो रहा था, लेकिन उसका मन बार-बार बबीता की ओर भटक रहा था।
बापू जी का नया नियम उसके लिए एक सुनहरा मौका था। उसने मन ही मन सोचा, “आज तो बबीता को जरूर पटाना है।”
दूसरी ओर, बबीता अपने घर में तैयार हो रही थी। उसने आज खास तौर पर एक टाइट फिटिंग वाली लाल साड़ी पहनी थी, जो उसके गोरे बदन पर चिपकी हुई थी। साड़ी के नीचे उसने काली लेस वाली ब्रा और मैचिंग पैंटी पहनी थी। काली स्टॉकिंग्स उसकी लंबी, गोरी जांघों को और आकर्षक बना रही थी। उसका पल्लू बार-बार सरक रहा था, जिससे उसके गहरे क्लीवेज साफ दिख रहे थे। बबीता को भी बापू जी के नियम की बात याद थी, और वह सोच रही थी कि इसका पहला मौका कैसे लिया जाए।
जेठालाल ने नाश्ता करने के बाद दया से कहा, “दया, मैं थोड़ा बाहर जा रहा हूँ, जल्दी आऊंगा।” दया ने मुस्कुराते हुए कहा, “जेठा जी, जाओ, लेकिन ज्यादा देर मत करना।” जेठालाल ने मन में सोचा, “आज तो बबीता के साथ समय बिताना है।”
जेठालाल और बबीता का मिलन:-
जेठालाल सीधा बबीता के घर पहुंचा। दरवाजा खटखटाया, तो बबीता ने दरवाजा खोला। उसे देख कर जेठालाल की सांसें रुक गई। बबीता की लाल साड़ी और स्टॉकिंग्स उसे किसी अप्सरा से कम नहीं दिखा रही थी।
बबीता (हंसते हुए): अरे जेठा जी, आप सुबह-सुबह? क्या बात है?
जेठालाल (हकलाते हुए): वो… बबीता जी, बस यूं ही… तुमसे थोड़ी बात करने का मन था।
बबीता ने जेठालाल को अंदर बुलाया और दरवाजा बंद कर दिया। उसने जान-बूझ कर अपना पल्लू थोड़ा और सरकाया, जिससे उसकी ब्रा का स्ट्रैप दिखने लगा। जेठालाल की नजरें उस पर टिक गईं।
बबीता (नखरे से): जेठा जी, आप तो ऐसे देख रहे हैं जैसे पहली बार देखा हो।
जेठालाल (नर्वस होकर): बबीता जी, तुम तो जानती हो… मैं तुम्हारा फैन हूँ। और अब तो बापू जी का नया नियम भी है।
बबीता हंस पड़ी और जेठालाल के करीब आ गई। उसने जेठालाल का हाथ पकड़ा और उसे सोफे पर बिठाया।
बबीता: जेठा जी, अगर बापू जी का नियम है, तो फिर हमें झिझकने की क्या जरूरत?
जेठालाल का दिल जोर-जोर से धड़क रहा था। उसने हिम्मत जुटाई और बबीता की कमर में हाथ डाल कर उसे अपनी ओर खींच लिया। बबीता की साड़ी का पल्लू पूरी तरह गिर गया, और उसकी काली लेस वाली ब्रा साफ दिख रही थी। जेठालाल ने ब्रा के ऊपर से उसके निप्पल्स को चुटकी में दबाया।
बबीता: स्स्स्स… जेठा जी… और जोर से… उफ्फ्फ… मेरे चूचे मसल दो…
जेठालाल ने बबीता की साड़ी उतार दी। अब बबीता सिर्फ काली ब्रा-पैंटी और स्टॉकिंग्स में थी। उसका गोरा बदन और काले लेस का कंट्रास्ट जेठालाल को पागल कर रहा था। उसने बबीता की ब्रा फाड़ दी और उसके भारी बूब्स को जोर-जोर से दबाने लगा। एक निप्पल को मुंह में लिया और चूसने लगा, जबकि दूसरा निप्पल उंगलियों से मसल रहा था। बबीता की सिसकारियां तेज हो गई।
बबीता: आह्ह… जेठा जी… चूसो… मेरे चूचे दूध निकालो… उफ्फ्फ…
जेठालाल ने बबीता को सोफे पर लिटाया और उसकी पैंटी उतार दी। बबीता की गीली चूत उसके सामने थी। उसने अपनी जीभ से चूत को चाटना शुरू किया, क्लिट को चूसते हुए और उंगलियों से उसकी चूत को चोदते हुए। बबीता का बदन कांपने लगा।
बबीता: स्स्स्स… ओह्ह… जेठा जी… और गहराई में… मेरी चूत को फाड़ दो जीभ से…
बबीता 5 मिनट में झड़ गई, और उसका पानी जेठालाल के मुंह पर गिरा। जेठालाल ने सारा रस चाट लिया और अपना 8 इंच का मोटा लंड निकाला।
जेठालाल: बबीता जी, अब मेरी बारी।
उसने बबीता की टांगें चौड़ी की और अपना लंड उसकी चूत में एक झटके में घुसा दिया। बबीता की जोरदार चीख निकली।
बबीता: आआआह्ह… जेठा जी… तेरा लंड तो बहुत मोटा है… फाड़ दो मेरी चूत…
जेठालाल ने बबीता की कमर पकड़ी और जोर-जोर से धक्के मारने लगा। थप-थप की आवाज पूरे कमरे में गूंज रही थी। बबीता के बूब्स हर धक्के के साथ उछल रहे थे। जेठालाल ने एक हाथ से उसके बूब्स दबाए और दूसरे से उसकी क्लिट रगड़ी।
बबीता: स्स्स्स… ओह्ह… जेठा जी… और जोर से… मेरी चूत का भोसड़ा बना दो… उफ्फ्फ…
10 मिनट की चुदाई के बाद जेठालाल ने बबीता को घोड़ी बनाया, और पीछे से उसकी चूत में लंड घुसा दिया। बबीता की भारी गांड हर धक्के के साथ हिल रही थी। जेठालाल ने उसकी गांड में उंगली डाल दी, जिससे बबीता पागल हो गई।
बबीता: आह्ह… जेठा जी… गांड में भी… उफ्फ्फ… डबल मजा…
15 मिनट बाद जेठालाल झड़ने वाला था।
जेठालाल: बबीता जी, मेरा निकलने वाला है, कहां छोड़ूं?
बबीता: मेरे बूब्स पर… मुझे तेरा गर्म माल चाहिए।
जेठालाल ने लंड निकाला और बबीता के भारी बूब्स पर सारा माल छोड़ दिया। बबीता ने उस माल को अपनी उंगलियों से चाटा और जेठालाल को किस्स किया।
बबीता: जेठा जी, तुम तो रियल मर्द हो।
जेठालाल: बबीता जी, तुम जैसी हॉट औरत को चोदने का मजा ही अलग है।
अय्यर की वापसी और नया ट्विस्ट:-
दोनों थक कर सोफे पर लेट गए। तभी दरवाजे की घंटी बजी। बबीता ने जल्दी से अपनी साड़ी लपेटी और दरवाजा खोला। वहां अय्यर खड़ा था। उसने जेठालाल को देखा और मुस्कुराया।
अय्यर: अरे जेठालाल, तुम यहां? क्या बात है?
जेठालाल (घबराते हुए): बस… यूं ही… बबीता जी से कुछ काम था।
बबीता ने हंसते हुए कहा, “अय्यर, तुम भी तो बापू जी के नियम को मानते हो ना? जेठा जी बस उसका फायदा उठा रहे थे।”
अय्यर ने हंसते हुए कहा, “हाहा, ठीक है। लेकिन अगली बार मुझे भी बुलाना।”
जेठालाल थोड़ा शरमाया, लेकिन बबीता और अय्यर की सहजता ने उसे राहत दी। वह घर लौट गया, लेकिन मन में एक नई उत्तेजना थी। बबीता ने अय्यर को गले लगाया और बोली, “अब तुम्हारी बारी है।”
सोसाइटी में फैलता माहौल:-
उधर, गोकुलधाम में यह खबर धीरे-धीरे फैलने लगी कि जेठालाल और बबीता ने नए नियम का पहला कदम उठाया। तप्पू ने यह बात सुनी और सोनू को फोन किया।
तप्पू: सोनू, सुना तुमने? पापा और बबीता आंटी ने…
सोनू (हंसते हुए): हां तप्पू, अब तो हमारी बारी है।
दया ने भी जेठालाल से मजाक में पूछा, “जेठा जी, बबीता जी के साथ कैसा रहा?” जेठालाल ने हंसते हुए कहा, “दया, अब तेरी बारी है।” दया शरमाई, लेकिन उसकी आंखों में भी उत्तेजना थी।
बापू जी अपने कमरे में बैठे थे और सोच रहे थे कि उनका सुझाव अब गोकुलधाम को एक नई दिशा दे रहा है। उनकी बेचैनी अब कम हो रही थी, लेकिन अब वे सोच रहे थे कि अगला कदम क्या होगा।
अगले पार्ट में जानिए कि तप्पू और सोनू इस नए नियम का कैसे फायदा उठाते हैं, और क्या बापू जी भी अपनी इच्छाओं को पूरा करते हैं।
अगर तुम्हारे पास कुछ सुझाव हों तो उन्हें “[email protected]” पर मेल कर देना।
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