संडे का दिन था, और मैं घर के बाहर लगे प्लांट्स को पानी दे रहा था (हमारा घर अच्छा खास बड़ा है, और बाहर एक छोटा सा गार्डन बना हुआ है)। तभी वहां प्रांजल आके झाड़ू मारने लगी। प्रांजल हमारे घर की नौकरानी है। वो 23 साल की है, और उसका रंग ठीक-ठीक है, मतलब ना ज़्यादा गोरी है, और ना ही काली। उसका शरीर कसा हुआ है जैसे एक जवान लड़की का कसा होता है। वो ज्यादातर लेगिंग्स के साथ कुर्ती पहनती है, और काम करते वक्त दुपट्टा नहीं लेती।
जब वो झाड़ू मार रही थी, तो नीचे झुकने की वजह से उसकी कुर्ती के गले से उसके सेक्सी चूचे दिख रहे थे। मेरी नज़र उसके चूचों पर पड़ी, और वहीं टिक गई। उसके चूचों को देख कर मेरे मुंह में पानी आने लगा। तभी वो दूसरी तरफ घूम गई तो उसकी टाइट गांड मेरे सामने मटकने लगी।
सेक्स के प्यासे मर्द को जब कोई कमसिन लड़की दिखती है, तो उसके अंदर का हैवान जाग उठता है। मेरे साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ। अब मेरा दिल उसको चोदने का करने लगा। लेकिन इसके लिए उसको पटाना पड़ना था। तो मैंने उसको पटाने का काम उसी वक्त से शुरू कर दिया। फिर मैंने उससे बात शुरू की-
मैं: और प्रांजल कैसी हो?
प्रांजल: ठीक हूं सर।
मैं: घर पर सब कैसे है?
प्रांजल: ठीक है सर।
मैंने कुछ दिन पहले प्रांजल को मेरी बीवी के साथ बात करते सुना था कि उसकी मां बीमार थी। वो बात मुझे अचानक से याद आ गई। फिर मैंने उसको पूछा-
मैं: तुम्हारी मम्मी की तबियत खराब थी ना? वो ठीक है अब?
प्रांजल: जी एक बार तो ठीक हो गई है। लेकिन डॉक्टर ने कहा कि अगर परमानेंट इलाज नहीं कराया तो तबियत बार-बार खराब हो जाएगी।
मैं: तो कराया क्यों नहीं इलाज?
प्रांजल: उसके लिए 20000 रुपए चाहिए, जो हमारे पास हैं नहीं।
मैं: अरे, पैसों की कोई बात नहीं है। तुम इलाज कराओ, पैसे मेरे से ले जाओ।
फिर मैं अंदर जाके 20000 के करारे नोट लेके आया, और उसके हाथ में दे दिए। वो खुश हो गई, और बोली-
प्रांजल: सर मैं थोड़े-थोड़े करके अपनी सैलरी में से कटवा दूंगी।
मैं: अरे तुम्हें ये वापस करने की जरूरत नहीं है। मेरी अपनी मां नहीं है। मैं जानता हूं मां की कीमत क्या होती है। तुम इलाज कराओ। और चाहिए होंगे तो बताना।
प्रांजल खुश हो गई। ये मेरा पहला दाव था। फिर ऐसे ही दिन बीतते गए, और मैं प्रांजल से उसकी मां का हाल-चाल पूछने के बहाने बातें करने लगा। उसको मैं पैसे भी दे देता किसी ना किसी बहाने से। अब मुझे उसकी नज़रों में मेरे लिए प्यार नज़र आने लगा था, और मैं यहीं चाहता था। अब बस एक मौका चाहिए था, जब मैं उसको चोद सकूं।
फिर एक दिन मेरी बीवी अपने गुरु के सत्संग के लिए 2 दिन के घर से चली गई। इसी मौके का मुझे इंतेज़ार था। उस दिन जब प्रांजल घर के अंदर दाखिल हुई, तो मैं जान-बूझ फोन पर बात करने का नाटक करने लगा। मैं उस नाटक में अपनी पत्नी के साथ लड़ने लगा, और जब प्रांजल ने ये सुन लिया, तो मैं फोन काट कर रोने लगा।
वो जल्दी से मेरे पास आई, और मुझे चुप कराने लगी। उसने रोज़ की तरह लेगिंग्स कुर्ती पहनी हुई थी। मैं फूट-फूट कर रोने का नाटक करने लगा। तभी उसने पूछा-
प्रांजल: क्या हुआ सर?
मैं: मुझे कोई प्यार नहीं करता। मैंने अपनी पत्नी को इतना प्यार किया, लेकिन मुझे कभी उससे प्यार नहीं मिलता। मैं क्या करूं? मैं मर जाना चाहता हूं!
प्रांजल: नहीं सर आप तो इतने अच्छे है कि आपसे कोई भी लड़की प्यार करेगी।
मैं: क्या तुम मुझसे प्यार करोगी (प्रांजल की आंखों में देखते हुए)?
प्रांजल: हां सर, मैं आपको बहुत प्यार करती हूं। आपके लिए कुछ भी कर सकती हूं।
बस मुझे यहीं सुनना था उससे, और अब मैं उसकी आंखों में देखने लगा। वो भी मेरी आंखों में देख रही थी। मैं उसको अपने करीब करने लगा, और उसके होंठों से अपने होंठ जोड़ दिए। आह, जवान लड़की के रसीले होंठों के स्पर्श से मेरी बॉडी में करेंट दौड़ गया।
अब मैं उसके होंठों को चूसने लगा, और वो भी मेरा साथ देने लगी। उसकी बढ़ी हुई सांसे ये बता रही थी कि वो गरम हो रही थी। मैं लगातार उसके होंठ चूसे जा रहा था। फिर मैं अपने हाथ उसकी पीठ पर सहलाने लगा, और धीरे-धीरे उसकी गांड दबाने लगा। उसने भी अपना हाथ मेरे बालों में फिराना शुरू कर दिया। हम दोनों घर के हॉल में सोफा पर बैठे ये सब कर रहे थे।
लगभग 10 मिनट लगातार उसके होंठों का रस पीने के बाद हम दोनों अलग हुए। हम दोनों की सांसे तेज़ थी, और दोनों की आंखों में कामुकता भरी हुई थी। फिर मैंने उसको ‘आई लव यू’ कहा। उसने भी ‘आई लव यू 2’ कहा।
इसके आगे इस सेक्स कहानी में क्या हुआ, वो आपको अगले पार्ट में पता चलेगा। यहां तक की कहानी आपको कैसी लगी, authorcrazyfor@gmail.com पर मेल करके बताएं।
अगला भाग पढ़े:- कामवाली की चुदाई करते पकड़ा गया-2