पिछला भाग पढ़े:- दो गायें और दो सांड-15
हिंदी चुदाई कहानी अब आगे-
असलम बता रहा था, “मालिनी जी हमने जिन की दो-दो पेग लगाए और मस्ती का माहौल बन गया। नंगे हो कर लेटी ममता अम्मी से बोली, “आईये मौसी जी जरा अपनी जुबान का कमाल दिखाईये। चाटिये मेरी फुद्दी और मुझे भी अपनी नमकीन नमकीन फुद्दी चटवाईये।”
बड़े-बड़े चूतड़ों वाली ममता को फुद्दी उठाने के लिए चूतड़ों तकिया भी नहीं रखना पड़ता था।
“अम्मी ने भी एक मिनट भी नहीं लगाया और नंगी हो कर ममता के ऊपर उल्टा लेट गयी। ममता और अम्मी जोर-जोर से एक-दूसरी की फुद्दी और गांड चूस-चाट रही थी और उन्हें ये सब करते देख हमारे लंड फुंफकारे मार रहे थे।”
“विआग्रा हम खा ही चुके थे। हमने भी अपने कपड़े उतार दिए और लंड हाथों में लेकर मसलने लगे। जल्दी ही अम्मी और ममता की चूतों ने जल्दी ही पानी छोड़ दिया।”
“अम्मी उठी और ममता से ही पूछा, “ममता अब?”
“ममता बोली, “अब क्या मौसी जी, वो देखिये उन दोनों चूतियों के लंड किस तरह फुंफकारे मार रहे हैं। आईये बेड के किनारे चूतड़ों के नीचे तकिया रख कर सीधी लेट जाईये, फुद्दी उठा कर। डालने दीजिये इन गांडू चूतियों को अपने गधे जैसे लंड हमारी फुद्दियों में और गांडों में।”
ममता बोली, “अब आ भी जाओ चूतियों। किसका इंतजार कर रहे हो?”
“फिर मालिनी जी मैं गया और मैंने ममता की टाँगे थोड़ी खोल दी, जैसे ही ममता की गुलाबी फुद्दी मेरी आँखों के सामने आयी, मैंने एक बार ममता की फुद्दी को एक बार चाटा और लंड फुद्दी के छेद पर रख एक ही झटके में लंड सीधा फुद्दी के अंदर बिठा दिया।”
ममता हंसते हुए बोली, “वाह असलम, देख ले तेरे लंड को चूत का छेद भी नहीं ढूंढना पड़ा। गया ना तेरा लंड सीधा चूत के अंदर।”
“ये कह कर ममता हंस दी और बोली, “चल अब मस्त चुदाई कर मेरी।”
“बगल में लेटी अम्मी जोर-जोर से अपनी उंगली अपनी चूत में अंदर-बाहर कर रही थी। रोशन अभी भी सोफे पर ही बैठा था। अम्मी ने अपनी फुद्दी की फांकें खोली और रोशन से बोली, “रोशन अब क्या सोच रहे हो, क्यों अपना लंड हाथ में लिए बैठे हो। इधर देखो, फुद्दी तो इधर है। इधर आ कर अपना लंड डालो मेरी फुद्दी में ज़रा दिखाओ अपने लंड का जोर, दिखाओ कैसी मस्त चुदाई करते हो।”
“रोशन ने एक बार मेरी तरफ देखा, उठ कर और अपना लंड अम्मी की चूत पर रखा और एक झटके में पूरा लंड अंदर डाल कर बिना एक सेकण्ड भी रूके चुदाई शुरू कर दी।”
“चूत फिर गांड फिर चूत फिर गांड, पता नहीं किती देर ये चुदाई चली। हमारे लंड तो विआग्रा के कारण खड़े ही थे। अम्मी और ममता भी चुदाई करवाते हुए थक नहीं रही थी। दोनों ने अपनी अपनी टांगों में हमें जकड़ा हुआ था। दोनों चूतड़ घुमा झटका रही थी। जब मजा आता तो बस जोर से चूतड़ घुमा कर इतना बोल देती थी, “आ गया मजा, निकल गया चूत का पानी। क्या मस्त चुदाई हो रही है आज।”
बीच में रोशन ने चुदाई रोक कर अम्मी से पूछा, “मौसी, अब? असलम का लंड लेना है चूत में या मुझसे ही चुदाई करवानी है?”
अम्मी मेरी तरफ देखती हुई बोली, “तू ही चोदता रह रोशन, बढ़िया चुदाई तो कर रहा है तू। चूत में पूरा अंदर तक गया हुआ है तेरा मस्त लंड। असलम का लंड तो मैं लेती ही रहती हूं, आज तुम्हारे लंड से ही मजा लूंगी।”
“इतना सुनना था के रोशन हुंह हुंह हाह आअह की आवाजों के साथ जोर-जोर से अम्मी को चोदने लगा। हमारे टट्टों के ममता और अम्मी की गीली चूतों पर टकराने की कारण ठप्प ठप्प ठप्प की आवाजें हो रही थी। बड़ा ही कामुक माहौल था मालिनी जी।”
असलम की कहानी तो अच्छी खासी चुदाई की फिल्म से भी ज्यादा सेक्सी थी। मेरी चूत में आग लग चुकी थी। मैं बार-बार अपनी चूत खुजला रही थी।
असलम का किस्सा चालू था, “बस मालिनी जी इसके बाद रोशन अम्मी के ऊपर से नहीं उतरा और मैं ममता के ऊपर से नहीं उतरा। तीन घंटे चली इस चुदाई में मजा आ गया।”
“हैरानी की बात ये थी के हमारे लंड अभी भी खड़े ही थे, और अम्मी और ममता भी थकी हुए नहीं लग रही थी। इतनी चुदाई बाद हम दोनों, मैंने और रोशन ने, लंड ममता और अम्मी की चूत में से निकाले और खड़े हो गए।”
“ममता और अम्मी भी उठी और बेड के किनारे पर बैठ कर हमारे लंड मुंह में ले लिए। रोशन का लंड अम्मी के मुंह में था और मेरा लंड ममता के मुंह में था। पता नहीं कितना चूसा दोनों हमारे लंडों को। हमारे लंड थे कि झड़ने का नाम ही नहीं ले रहे थे।”
“अम्मी और ममता भी मस्त हो कर लंड चूस रही थी। तभी रोशन ने अम्मी का सर पकड़ लिया और जोर से बोला, “मौसी ये लो निकला आपके मुंह में, लो चूस लो चाट लो मेरे लंड का गरम शरबत।”
“तभी मेरे लंड का भी पानी छूट गया। ममता मस्त लंड आगे-पीछे करती हुई मेरा लंड चूस रही थी। जब अम्मी और ममता ने चूस-चूस कर हमारे लंड अच्छी तरह साफ़ कर दिए, तब जा कर हमें छोड़ा।”
“विआग्रा के कारण सख्त हुए पड़े लंड – और तीन घंटे की चुदाई, मजा भी मालिनी जी कमाल का आया। एक बार जब लंड झड़ गए तो हमें नींद आने लगी। अम्मी और ममता भी थक ही चुकी थी। सब निढाल हो कर लेट गए। रोशन अम्मी के साथ ही लेट गया और मैं ममता के साथ लेट गया। जल्दी ही हमारी आंख लग गयी।”
“रात को मुझे पेशाब लगा। मैं बाथरूम जाने के लिए उठा तो देखा रोशन अम्मी के ऊपर लेटा अम्मी की चुदाई कर रहा था। रोशन ने अम्मी को बाहों में जकड़ा हुआ था और अम्मी ने रोशन को जकड़ा हुआ था। अम्मी की टांगें रोशन की कमर के पीछे कैंची की तरह लिपटी हुई थी। अम्मी जोर-जोर से चूतड़ झटका झटका कर चुदाई करवा रही थी।”
“मैं हैरान हो रहा था कि आखिर को अम्मी को ये क्या हो गया है? इतनी प्यासी हो गयी है अम्मी लंड की, के रात को तीन घंटे रोशन से चुदवाने के बाद अब फिर रोशन से चुदाई करवा रही है? अम्मी और रोशन ने एक बार भी मेरी तरफ ध्यान नहीं गया और दोनों एक-दूसरे के होंठ चूसते हुए हुँह हुँह की आवाजों के साथ चुदाई में मस्त रहे।”
“मैं पेशाब करके आया और ममता के साथ लेट ममता की चूत में उंगली करने की कोशिश करने लगा। ममता कसमसाई और बोली, “असलम सोने दो बहुत थक गयी हूं तेरी चुदाई से।” मैंने रोशन और अम्मी की तरफ इशारा किया तो ममता भी उन दोनों की चुदाई देखने लगी। ममता ने बस इतना ही कहा, “कमाल हैं मौसी जी भी, कितना चुदवाती हैं।”
“मेरी नींद गायब हो चुकी थी। मेरी नज़र रोशन हुए अम्मी से हट ही नहीं रही थी। अम्मी और रोशन की चुदाई चालू ही थी। मेरा लंड खड़ा हो चुका था। मैंने लंड ममता के हाथ में पकड़ा दिया। ममता मेरे लंड की मुट्ठ मारने लगी।”
“मन तो कर रहा था रोशन से कहूं, “रोशन अब मुझे चोदने दे अम्मी को, मुझे डालने दे अम्मी की चूत में लंड। मगर फिर याद आ गया जब रोशन ने अम्मी से कहा मौसी, अब? असलम का लंड लेना है चूत में? अम्मी बोली थी, “तू ही चोदता रह रोशन, बढ़िया चुदाई तो कर रहा है तू। चूत में पूरा अंदर तक गया हुआ है तेरा मस्त लंड। असलम का लंड तो मैं लेती ही रहती हूं, आज तुम्हारे लंड से ही मजा लूंगी।”
“तभी अम्मी ने रोशन से कुछ कहा। रोशन ने सर हिलाया और अम्मी की चूत में से लंड निकाल कर खड़ा हो गया। अम्मी उठी और बैड के किनारे पर चूतड़ उठा कर उल्टा लेट गयी। अब अम्मी गांड चुदवाने की तैयारी में थी।”
“रोशन ने अम्मी की चूत में एक बार उंगली डाली और वही उंगली अम्मी की गांड में डाल दी। फिर रोशन ने अम्मी की गांड पर थोड़ा थूक लगाया और लंड गांड के छेद पर रख कर, कमर पकड़ी और एक जोर का झटका लगाया – रोशन का पूरा लंड अम्मी की गांड में था। अम्मी की आवाज, “हुंह रोशन हुंह रोशन आह रोशन, मजा आ गया रोशन” मुझे सुनाई दे रहीं थीं। रोशन अम्मी की गांड चुदाई चालू कर चुका था।”
“मेरी हालत खराब हो रही थी। जल्दी ही अम्मी की गांड में रोशन के धक्कों की स्पीड बढ़ गयी और उसका का लंड पानी छोड़ गया। कुछ रुकने के बाद रोशन ने अम्मी की गांड में से लंड निकाला और खड़ा हो गया। अम्मी भी उठी और रोशन का लंड एक बार मुंह में लिया और खड़ी हो कर रोशन को कुछ बोली। रोशन ने हां में सर हिलाया और दोनों बाथरूम की तरफ बढ़ गए। रोशन ने हाथ अम्मी के चूतड़ों पर रखा और उंगली अम्मी की गांड के छेद में डाल दी।”
“दोनों बाथरूम चले गए। दस मिनट बाद अम्मी और रोशन बाथरूम से निकले। दोनों हंस रहे थे। रोशन का एक हाथ अम्मी के चूतड़ों पर ही था। जैसी ही दोनों मुड़े मैंने देखा रोशन ने उंगली अम्मी की गांड में डाली हुई थी। मेरा लंड भी ममता के हाथ में ही पानी छोड़ चुका था। सच कहूं मालिनी जी, अम्मी को इस तरह चुदाई करवाते देख मुझे बहुत हैरानी सी होने लगी थी।”
“अम्मी और रोशन ने एक-दूसरे को बाहों में लिया और सो गए। मुझे और ममता को भी कुछ देर में नीद आ गयी। सुबह सात बजे हम उठे और इकट्ठे ही बाथरूम में चले गए। यहां भी अम्मी रोशन के लंड के साथ खिलवाड़ कर रही थी और रोशन कभी अम्मी की फुद्दी और कभी गांड में उंगली कर रहा था। ऐसी ही चुहुलबाजी मेरी और ममता के साथ भी चल रही थी, मगर मेरी आंखें अम्मी और रोशन पर ही थी।”
“नहा कर तैयार हो कर रोशन मुझसे बोला, “असलम यार तुम्हारी अम्मी तो बहुत ही मस्त चुदाई करवाती है। फुद्दी भी उनकी रेशम की तरह मुलायम और एक-दम कसी हुई है। पूरा लंड जकड़ लेती है अपने फुद्दी में मौसी। गांड का छेद भी बिल्कुल कसा हुआ है, ऊपर से मौसी चुदवाती भी मस्त हैं, चूतड़ घुमा-घुमा कर – चूतड़ झटका-झटका कर। आज तक मैंने बहुत फुद्दीयां चोदी हैं असलम, मगर मौसी जैसी मस्त मुलायम फुद्दी नहीं चोदी। तू बड़ा लक्की है यार जो ऐसी रेशमी फुद्दी वाली अम्मी को तू चोदता है।”
“इतना कह कर रोशन ने अम्मी को फिर बाहों मैं ले लिया और सलवार के ऊपर से ही अम्मी की गांड में उंगली करने लगा। फिर रोशन ने अम्मी को छोड़ा और अम्मी से बोला, “मौसी मन कर रहा है एक बार और चुदाई करूं आपकी। पता नहीं अब कब मिलेगी ये फुद्दी चोदने को।” इतना कह कर रोशन ने अम्मी की गांड से उंगली हटा कर अम्मी के चूत में उंगली कर दी, सलवार के ऊपर से ही।”
“ममता ने रोशन के चूतड़ों पर एक धप्प लगाते हुए कहा, “अब बस भी करो रोशन तीन घंटे रात को तूने मौसी को चोदा। फिर आधी रात को तूने दुबारा मौसी की चूत और गांड रगड़ी और अब फिर चुदाई की बात कर रहा है। तेरा मन नहीं भरा मौसी की इतनी चुदाई के बाद भी?”
“रोशन हंस पड़ा और मैं और अम्मी एक-दूसरे की तरफ देखने लगे।”
“फिर दुबारा से रोशन अम्मी से बोला, “मौसी अब कब चुदवाएंगी? बड़ा मजा आया है आपकी फुद्दी और गांड चोदने का।” ममता पास खड़ी मुस्कुरा रही थी।
“अम्मी अपने बाल ठीक करती हुई बस इतना ही बोली, “पता नहीं।”
“रोशन ने मुझसे पूछा, “असलम अब कब लाएगा अपनी अम्मी को। बड़ा मजा आया यार इनको चोदने का। बड़ा मन कर रहा है यार इन्हें फिर से चोदने का।”
“मैंने भी बस इतना ही कहा, “बनाते हैं प्रोग्राम”, और हम सब चलने के लिए तैयार हो गए। अम्मी ने आपके घर से निकहत को लेना था उसके बाद मैंने आपके पास आना था आपकी चुदाई के लिए।”
असलम और रोशन के साथ नसरीन और ममता की चुदाई मस्त हुई थी। लेकिन अब मेरी चूत और गांड में खुजली मची हुई थी। मन था के असलम पकड़ मुझे बेड पर लिटा दे और वैसी ही धुआधार चुदाई करे जैसे रोशन ने नसरीन कि की थी।।
मैंने जैसलमेर जिन के दो बड़े-बड़े घूँट और भरे और बोतल असलम के हाथ में देकर बोली, “लो असलम पहले वाली तो उतर गयी होगी। लगाओ दो घूंट और करो मेरी गांड और फुद्दी कि रगड़ाई। अब मेरी चूत और गांड की खुजली दूर करो, बहुत तंग कर रहे हैं दोनों छेद, आग बुझाओ इन दोनों छेदों की।
असलम बोतल मेरे हाथ से लेता हुआ बोला, “लेकिन मालिनी जी कहानी तो अभी खत्म नहीं हुई।”
मैंने हैरानी से कहा, “क्या अभी भी कुछ बाकी है? क्या फिर से चुदाई हो गयी?”
असलम बोला, “जी नहीं मालिनी जी, एक-दम से चुदाई तो हुई नहीं मगर तभी कहानी में बड़ा ही ज़बरदस्त मोड़ आ गया।”
“मालिनी जी अम्मी ने जो कहा और जो किया उससे मुझे खुद बहुत हैरानी हुई।”
मेरे मुंह से बस इतना ही निकला, “कमाल है, ऐसा भी क्या किया नसरीन ने।”
असलम बोला, “मालिनी जी, एक तरह का कमाल ही हो गया। जैसे ही रोशन और ममता गए, अम्मी ने मुझे बाहों में लेकर जोर-जोर से चूमना-चाटना शुरू कर दिया।”
“मालिनी जी पहले तो मैंने सोचा अम्मी को मुझ पर प्यार आ गया होगा, या मेरा लंड लेना चाहती होगी क्योंकि पिछली रात अम्मी ने खाली रोशन से ही चुदाई करवाई थी मुझ से नहीं।”
“अम्मी पहले भी चुदाई का मजा लेने के बाद ऐसा करती थी। मगर सुबह की चुम्मा-चाटी कुछ अलग ही तरह की थी। सुबह-सुबह हमारी तो अभी चुदाई भी नहीं हुई थी। मैंने कहा, “क्या हुआ अम्मी, चूत गरम हो रही है क्या? लंड डलवाने का मन है क्या चूत में?”
अम्मी मुझे छोड़ती हुई बोली, “नहीं बेटा चुदाई का मन नहीं है मगर असलम बेटा तुझसे कुछ बात करनी है।”
मैंने अम्मी के मम्मे दबाते हुए उनकी चूत में उंगली डालते हुए कहा, “बोलिये अम्मी क्या बात करनी है?”
अम्मी ने मेरी पैंट की ज़िप खोल कर मेरा लंड हाथ में लेकर बोली, “असलम बेटा, आज के बाद मैं तेरे लंड के अलावा किसी का भी लंड अपनी चूत में नहीं लूंगी। मेरे लिए बस तेरा ये लंड ही काफी है।”
मैंने हैरानी से पूछा, “क्या हुआ अम्मी क्या रोशन की चुदाई में मजा नहीं आया?”
“अम्मी बोली, “वो बात नहीं असलम, मजा तो बहुत आया, मस्त चोदा रोशन ने। अच्छे से चूत और गांड चुदाई की। मगर असलम बेटा मेरी चूत और मेरी गांड मेरे पास तुम्हारे अब्बू की अमानत हैं। इस पर पहले तुम्हारे अब्बू का हक़ था। अब जब वो नहीं हैं, तो इस पर पूरा का पूरा हक़ तुम्हारा है। मुझे अपनी फुद्दी में किसी भी गैर का लंड नहीं लेना। तुम्हारा लंड तुम्हारे अब्बू की देन है, बस मेरी चूत में यही जाना चाहिए, किसी और का लंड नहीं।”
“मालिनी जी मैं हैरान हो चुका था। अम्मी जमाल का लंड ले चुकी थी, संदीप का लंड ले चुकी थी और अब कह रही थी कि रोशन के साथ चुदाई का भी बहुत मजा आया, तो फिर ये सब? ये एक-दम क्या हो गया अम्मी को कि वो कह रही है वो किसी और का लंड अपनी चूत में नहीं लेगी?”
असलम बता रहा था, “इसके बाद तो मालिनी जी अम्मी फिर से मुझे बेतहाशा चूमने-चाटने लगी। अम्मी मुझे चूमती भी जा रही थी और साथ ही बोलती भी जा रही थी, आह मेरा राजा बेटा, मेरा बेटा, मेरा असलम बेटा।”
“मालिनी जी अम्मी राजा बेटा राजा बेटा बोलते-बोलते मेरा लंड आगे-पीछे कर रही थी, जैसे मेरे लंड की मुट्ठ मार रही हो। मुझे कुछ समझ तो आ नहीं रहा था मगर मुझे मस्ती भी आ गयी थी। मैं भी अम्मी को चूमने लगा।”
“एक हाथ से मैंने अम्मी की सलवार का नाड़ा खोल दिया और उनकी चड्ढी में हाथ डाल कर पीछे उनकी गांड में उंगली डाल दी। अम्मी आअह मेरा बेटा असलम आअह असलम की सिसकारियां लेने लगी। मैंने अपनी पैंट के बटन खोल कर पैंट नीचे गिर जाने दी और अपना अंडरवियर भी उतार दिया।”
“तभी अम्मी ने मुझे छोड़ा और बोली, “चल असलम आज तुझे जन्नत का मजा देती हूं।” ये कह कर अम्मी ने अपने बाकी के कपड़ भी उतार दिए।”
“मैंने भी अपने कपड़े उतारे और हम दोनों बेड की तरफ बढ़ गए। अम्मी बोली, चल असलम लेट जा।”
“मालिनी जी मैं बिस्तर पर लेट गया। मेरा लंड सीधा खड़ा था। अम्मी ने मेरा लंड मुंह में ले लिया और जोर-जोर से चूसने लगी। लंड पूरी तरह सख्त हो चुका था।”
“अम्मी उठी और अपनी टांगें मेरे दोनों तरफ करके मेरे लंड को अपनी चूत में ले कर बैठ गयी। अम्मी जोर-जोर से ऊपर-नीचे होने लगी। मेरे हाथ अपने आप अम्मी के चूतड़ों पर पहुंच गए। मुझे मजा आने लगा। मैंने भी अपने चूतड़ ऊपर नीचे करने शुरू कर दिये। अम्मी पूरा लंड बाहर निकाल कर झटके के साथ अंदर ले रही थी। तभी अम्मी जोर से उछली और “आह मेरा बेटा असलम” की आवाज के साथ ढीली हो गयी।”
“अम्मी को मजा आ गया था मगर मेरा लंड खड़ा ही था। अम्मी ने मेरा खड़ा लंड अपनी चूत में से निकाला और अपनी गांड में डाल लिया। अब अम्मी मेरे लंड पर फिर से उछल रही थी। अम्मी मेरे लंड पर उछाल रही थे और साथ-साथ ‘मेरा बेटा, मेरा राजा बेटा, मेरा असलम बेटा भी बोले जा रही थी।”
“अम्मी की टाइट गांड की रगड़ाई से मुझे भी मजा आने वाला हो गया। मैंने अम्मी के मम्मे पकड़ लिए और मम्मों के निप्पल मसलने लगा। मेरे मुंह से आह अम्मी आह अम्मी की आवाजें निकलने लगी – और तभी मेरे लंड से गर्म-गर्म गाढ़ा पानी निकला और अम्मी की गांड में चला गया। अम्मी ने भी एक सिसकारी ली आह असलम निकला बेटा तेरा भी गरम-गरम लंड का पानी मेरी गांड कि अंदर।”
“अम्मी कुछ देर लंड पर ऐसे ही बैठी रही और फिर टांगें उठा कर लंड गांड में से बाहर निकाल लिया। अम्मी गांड में से लंड निकाल बैठी रही और दोनों हाथ नीचे करके अपने चूतड़ खोल दिए। मेरे लंड का गाढ़ा सफ़ेद पानी टपक-टपक कर अम्मी की गांड में से निकल कर मेरे लंड पर फ़ैल गया। जब मेरे लंड के पानी की आख़री बूंद भी अम्मी की गांड में से टपक गयी तो अम्मी उतरी और झुक क़र जुबान से चाटते-चाटते मेरे लंड को साफ़ करने लगी।”
“जब मेरा लंड साफ़ हो गया तो अम्मी उठी और बोली, “चल मेरा बेटा अब बाथरूम में चल कर मूत मेरी फुद्दी पर और धुलाई कर इसकी।”
“बाथरूम में जा कर हमने एक-दूसरे पर मूता और लंड चूत गांड साफ करके बाहर आ गए। पूरा एक घंटा अम्मी ने मेरे लंड को चोदा था। हमने कपड़े पहने और आगे की तैयारी करने लगे। अम्मी ने आपके यहां से निकहत को लेना था और मैंने आपकी चुदाई के लिए यहां आना था।”
“सो मालिनी जी ये किस्सा है आज का, मुझे ये समझ नही आ रहा के अचानक से अम्मी को क्या हो गया जो कहने लगी कि अब किसी और का लंड अपने चूत गांड में नहीं लेगी। अब तक तो अम्मी ने जमाल, संदीप और रोशन से चुदाई का मजा लिया है, मस्त चुदाई करवाई है इन तीनों से, तो फिर ये सब? रोशन के साथ हुई चुदाई के बाद अम्मी को क्या हो गया? और इसके बाद जैसे अम्मी ने मेरे लंड पर बैठ कर मुझे चुदाई का मजा दिया, अपने गांड से निकला मेरे लंड का पानी चाट लिया, ये सब मेरे लिए अजीब सा ही था?”
असलम कह रहा था, “मेरे दिमाग में एक बार तो ये भी आया के कहीं रोशन से अम्मी को चुदवा कर मैंने गलती तो नहीं कर दी? आखिर रोशन मेरा दोस्त था और बचपन से हमारे घर आता था?”
मैंने नोट किया ये सब बताते-बताते असलम का लंड ढीला होने लग गया था। असलम पक्का ही अपनी अम्मी की इस बात से परेशान सा हो रहा था।
मैंने असलम का लंड दबाते हुए कहा, “नहीं असलम रोशन से अपनी अम्मी कि चुदाई करवा कर तुमने कोइ गलती नहीं की। ये चुदाई नसरीन की मर्जी से ही हुई है। मगर मैं समझती हूं चुदाई के मजे लेने के बाद तुम्हारी अम्मी को दो बातें अच्छी नहीं लगी।”
असलम मेरी तरफ देखने लगा। मैंने कहा, “असलम एक तो ये कि नसरीन ने उस रात की पूरी चुदाई के दौरान तुम्हारा लंड ना अपनी चूत मैं ही लिया ना गांड में ही लिया। ये बात शायद नसरीन को बाद में समझ आयी के ऐसा नहीं होना चाहिए था। उसकी फुद्दी और गांड पर पहला हक़ तो तुम्हारा ही है।”
“दूसरी बात मैं समझती हूं जिस तरीके से रोशन तुम्हारे सामने तुम्हारी अम्मी की चूत और गांड के बारे में बोल रहा था – जैसे कि तुम्हारी अम्मी की चूत और गांड रेशम की तरह मुलायम हैं, फुद्दी टाइट है और ये कि तू बड़ा लक्की है जो ऐसी रेशमी फुद्दी वाली अम्मी तुझे मिली है, अभी भी मौसी की चूत और गांड के छेद बिलकुल कसे हुए हैं। ऊपर चुदवाती भी मस्त हैं चूतड़ झटका-झटका कर वगैरह-वगैरह। ये बातें शायद नसरीन को अच्छी नहीं लगी।”
असलम का लंड अभी भी ढीला ही था। मैंने असलम की परेशानी दूर करने के लिए कहा, “असलम बेटा परेशान मत हो। नसरीन ने जो भी तुमसे कहा, उसके पीछे एक वजह है। पहली बात तो ये रोशन जब नसरीन की चूत और गांड के बारे में बोल रहा था, तब वो एक बेटे से उसके अम्मी के बारे में बात कर रहा था। और जो बातें वो कर रहा था – कसी हुई फुद्दी, रेशम की तरह की चूत और गांड – वो तो रोशन को भी नहीं करनी चाहिये थी।”
“चुदाई के दौरान ऐसी बातें होना एक अलग बात हैं। मैं भी करती हूं, रागिनी भी करती है, नसरीन भी करती है और अब निकहत भी करेगी। मगर इस तरह की बातें चुदाई के बाद? नहीं असलम रोशन को भी ये सब बातें नहीं बोलनी चाहिए थी।”
“असलम, आखिर रोशन से चुदाई का मजा तो नसरीन को आया ही है, मगर हर चीज़ की एक मर्यादा – एक हद होती है। तुमने मैंने और नसरीन ने संदीप के साथ भी दो गायें दो सांड का खेल खेला था। संदीप ने भी नसरीन के बारे में कुछ ऐसी ही बातें की थी। मगर संदीप को ये पता नहीं था कि नसरीन तुम्हारी अम्मी है।”
“असलम, रोशन के साथ यही दिक्कत हो गयी। रोशन जानता था कि नसरीन तुम्हारी अम्मी है इसीलिए रोशन की बातों में नसरीन को तुम्हारी तौहीन तुम्हारी इंसल्ट दिखाई दी और उसने तुमसे ये कहा कि अब वो किसी भी गैर मर्द से चुदाई नहीं करवाएगी। अब तुम रोशन का जिक्र कभी भी नसरीन के साथ मत करना। सब ठीक हो जाएगा।”
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