उस वक़्त सिर्फ़ टॉवल में उनका आधा नंगा जिस्म दिख रहा था, जिससे मेरा 8 इंच का मोटा लंड खड़ा हो गया। लेकिन मैंने खुद को संभाला, और अम्मी को ले जा कर बेडरूम में सुला दिया।
काफ़ी टाइम बाद अम्मी उठी, और आई। उन्होंने डिनर बनाया, जो हमने खाया और सो गये। लेकिन मुझे अम्मी का गीला नंगा जिस्म ही याद आ रहा था, और मेरा लंड खड़ा हो गया था। उस दिन मैंने पहली बार अम्मी के नाम से मुठ मारी।
तब से मुझे अजीब ख़याल आने लगे। मेरा अम्मी को छोड़ने का मन होने लगा। सोचा इतने साल से अब्बू नहीं थे, तो अम्मी भी प्यासी होगी। तो क्यूँ ना मौका देख कर अम्मी को चोद लूं।
मेरे घर में सब लोग काफ़ी खुले विचारों के थे। सब लोग एक-दूसरे के साथ खुल कर बात करते थे। तो एक दिन अम्मी से मैंने पूछा-
मैं: अम्मी, तुमने हमारे लिए अपनी ज़िंदगी बर्बाद कर ली। तुमने फिर से शादी नहीं की। तुम्हें अब्बू की कमी नहीं होती क्या?
अम्मी बोली: बहुत होती है। लेकिन अल्लाह की मर्ज़ी के आगे हम कुछ नहीं कर सकते बेटा।
और ये बोलते हुए उनकी आँखों में आँसू आ गये। मैंने अम्मी का सर मेरे कंधे पर लिया, और समझाने लगा। मैं धीरे से उनकी पीठ पर हाथ फेरने लगा। धीरे-धीरे मैंने उनकी गांड को टच किया, तो वो उठी और चली गयी। ऐसे ही कुछ दिन मैं मौका देख कर अम्मी को टच करता था।
एक दिन हमें अम्मी की सहेली की बेटी की रिसेप्शन पार्टी में जाना था। उस वक़्त अम्मी को तैयार हुए देख कर मेरा मन हुआ कि आज नंगा कर दूं। फिर हम दावत में गये। वहां मैंने अपने कुछ दोस्तों के साथ थोड़ा ड्रिंक भी किया। फिर खाना ख़ाके हम घर के लिए निकल पड़े।
आते टाइम काफ़ी लेट हो गया। ठंड ज़्यादा थी। आने के बाद अम्मी चेंज कर रही थी। मैंने दरवाज़ा कुछ खुला देखा, तो मैं तुरंत मौका देख कर अंदर गया। अम्मी बिल्कुल नंगी थी, और मुझे देख कर वो तुरंत अपना जिस्म छुपाने लगी। मैं फिर जल्दी से बाहर आ गया।
कुछ देर बाद मैं सोने गया। अम्मी भी आ कर सो गयी। थोड़ी सी लाइट में अम्मी का जिस्म मुझे पागल कर रहा था। हल्के दारू के नशे में होने के कारण मुझमें थोड़ी हिमत आई और सोचा आज कुछ भी हो, अपनी बेवा अम्मी की चुदाई करके उनकी प्यास बुझा के ही रहूंगा। मैंने धीरे से अम्मी को जगाया, और फिर से अब्बू की बातें करने लगा। वो भी थोड़ा इमोशनल हो गयी, और मैंने उनको मनाने के लिए उनसे किस्स का पूछा।
अम्मी बोली: इतना बड़ा हो गया है, आज प्यार आ रहा है तुझे अम्मी पर?
मैंने तुरंत अम्मी के गालों पर किस्स किया। फिर ऐसे ही होंठो पर किस्स किया, और धीरे से पीठ पर हाथ फेरते हुए गांड सहलाने लगा। अम्मी ने मुझे रोका और बोली-
अम्मी: बस बेटा, क्या कर रहा है तू?
मैंने अम्मी का हाथ अपने लंड से टच करवाया तो वो समझ गयी थी। फिर मैंने अम्मी को बोला-
मैं: अब्बू की कमी को तुम कैसे रोकती हो अम्मी?
अम्मी बोली: ये सब बातें नहीं बताते बेटा। किस्मत ही ऐसी है मेरी।
मैंने फिर अम्मी के होंठ अपने होंठो से मिलाए, और चूसने लगा। अम्मी मुझे दूर करने की कोशिश कर रही थी। मैं उनको कस के चूम रहा था, और मेरे हाथ उनके जिस्म को सहला रहे थे। मैंने अम्मी के बूब्स पर हाथ रखा, और दबाने शुरू कर दिए।
अब अम्मी आहें भरने लगी थी, और बोली: आह, अफ़ज़ल बेटा क्या कर रहा है तू?
मैं कुछ सुने बिना बस दबा रहा था, और चूम रहा था। फिर मैंने उनका ब्लाउस खोल दिया, और बूब्स पे किस्स करने लगा। अब अम्मी का विरोध थोड़ा कमज़ोर हो रहा था।
मैंने मौके का फ़ायदा उठा कर उनकी सलवार में हाथ डाला, और उनकी चूत सहलाने लगा। अम्मी मदहोश हो गयी थी, और धीरे-धीरे मैंने भी ट्राउज़र निकाल दी और सिर्फ़ चड्डी में आ गया। अम्मी सिर्फ़ ब्रा और सलवार में थी।
अब मुझसे रहा नहीं गया। मैंने अम्मी का नाडा खोला, और चूत को सहलाते हुए ब्रा खोल दी। अम्मी मना करते हुए ही मदहोश हो रही थी। मैंने अपना लंड निकाला, और अम्मी को पकड़ाया। अम्मी ने मना करते-करते कुछ देर में लंड पकड़ा, और बोली-
अम्मी: ये सही नहीं है बेटा। मत कर, बस रुक जा।
मैं नशे मैं था, तो मैं सुनने वाला कहा था। फिर मैं नीचे आया पेट पर किस्स करते हुए, और चूत के बाल चूसने लगा खींचते हुए। अम्मी सिसकारियां निकाल रही थी और बोल रही थी-
अम्मी-आह, हम्म, अफ़ज़ल मत ये मत कर।
फिर मैंने चूत चाटनी शुरू की। मैं 69 पोज़िशन में आ गया, और अब अम्मी लंड अच्छे से सहला रही थी, और मैं मेरा लंड उनके मु़ंह से लगा रहा था। वो मना कर रही थी। फिर मैं धीरे से अपना लंड रगड़ने लगा अम्मी की चूत पर। वो गरम हो गयी थी पूरी तरह से।
फिर मैंने धीरे से लंड अंदर डाला चूत में, और अम्मी चिल्लाने लगी। वो बोली-
अम्मी: बेटा निकाल इसको।
मैंने ज़ोर का धक्का लगाया, और लंड घुसा दिया चूत में। अब अम्मी भी मेरा साथ देने लगी। मैं बूब्स दबाते हुए उनको धक्के मार रहा था, और अम्मी बोलने लगी-
अम्मी: बेटा तूने ये क्या कर दिया? अम्मी हूं तेरी मैं, और तू मुझे ही चोद रहा है!
फिर मैंने बोला: अम्मी, अब्बू नहीं है इतने साल से, और तुम भी प्यासी हो। और मुझे भी मन हुआ तुम्हे नंगी देख कर चोदने का।
और मैं धक्के ज़ोर से मारने लगा।
अब अम्मी बोलने लगी: चोद ले बेटा मुझे, और अपने अब्बू की कमी को पूरा कर दे। मेरी प्यास को मिटा दे। आज खुल के चोद अपनी अम्मी को। जिस जगह से तू आया है, आज फिर से तेरा लंड डाल दे और चोद अपनी अम्मी को।
अम्मी दो बार झड़ गयी। उनकी चूत से काफ़ी माल निकला। फिर मैं भी उनकी
चूत में झड़ गया। ऐसे ही मैंने पूरी रात अम्मी को चोदा, और मैंने 4-5 बार अम्मी के अंदर ही अपना माल निकाल दिया। चुदाई के बाद हम बिस्तर पर ऐसे ही नंगे पड़े थे, तो अम्मी ने मेरा लंड पकड़ा, और चूमने लगी।
वो बोली: बेटा आज तुमने मुझे वो सुख दिया है, जो तेरे अब्बू ने नहीं दिया कभी। लेकिन मेरे तीनों बेटो ने उनकी कमी पूरी कर दी।
अम्मी के मुंह से तीनो बेटो सुन कर मैं तो हैरान हो गया और पूछा-
मैं: तीनो बेटों? ऐसे क्यूँ बोल रही हो अम्मी?
अम्मी हसी और बोली: तुम परेशान मत हो। तुम्हारे दोनों भाइयों ने भी मेरी चूत की प्यास बुझाई है। वो मैं तुम्हें फिर कभी सुनाऊंगी।
और अम्मी अपने कमरे में चली गयी। मैंने भी फिर उनसे दोबारा कुछ नहीं पूछा और सोचा कि मेरे दोनों भाईयों ने बाजी मार ली। ऐसे ही अब जब मन होता है मैं अम्मी को बोल देता हूं, और हम फुल नाइट सेक्स करते है।
दोस्तों ये कहानी आपको कैसे लगी ज़रूर बताए और मैं जल्दी ही आप सब के लिए अपनी अम्मी और भाइयों की चुदाई की कहानी लेके आऊंगा। तब तक के लिए अलविदा और शुक्रिया मेरो दोस्तों ये कहानी पढ़ने के लिए।