आगे बढ़ने से पहले मेरी दीदी के बारे में जान लीजिए। उस समय दीदी 23 साल की थी। मेरी दीदी का रंग गोरा था, और शरीर कसा हुआ था। वो इतनी खूबसूरत थी, कि किसी भी लड़के का ध्यान उनकी तरफ जाता ही था।
फिर दीदी ने जॉब के लिए इंटरव्यू देने शुरू किए, लेकिन उसके जॉब नहीं मिल रही थी। दीदी सुबह घर से अपना टिफिन और बैग में अपना रिज्यूमे लेके निकल जाती थी, और अलग-अलग जगह जा कर जॉब के लिए ट्राई करती थी। लेकिन उसको जॉब मिल नहीं रही थी। कुछ दिन ऐसे ही बीत गए, लेकिन जॉब का कोई अता-पता नहीं था। फिर मम्मी ने जब दीदी से पूछा तो दीदी ने कहा कि जल्दी मिल जाएगी नौकरी।
कुछ दिन और बीत गए, लेकिन जॉब अभी तक नहीं मिली थी। तो मम्मी ने दीदी से कहा-
मम्मी: बेटा अब आखरी 500 रुपए बचे है। उनके खत्म होने के बाद हमारे पास कुछ नहीं बचेगा। तू कुछ कर।
ये सुन कर दीदी दुखी हो गई।
फिर दीदी बोली: मां मेरी एक सेठ जी से बात हुई थी। आज मेरी नौकरी पक्की हो जाएगी, और एडवांस भी मिल जाएगा।
ये बोल कर दीदी घर से निकल गई। लेकिन जल्दी-जल्दी में वो टिफिन लेके जाना भूल गई। मम्मी ने मुझे उसके पीछे भेजा, और टिफिन देके आने के लिए कहा। क्योंकि उनको गए को 3-4 मिनट हो गए थे, तो मैं साइकिल पर उनका पीछा करने लगा।
मैंने देखा दीदी मेन रोड से ऑटो पकड़ रही थी। मैंने उनको आवाज़ दी, लेकिन उनको सुनी नहीं। फिर मैं साइकिल ऑटो के पीछे भगाने लगा। मैं उसके पीछे था, लेकिन उस तक पहुंच नहीं पाया। 5 मिनट ऐसे ही मैं ऑटो का पीछा करता रहा। फिर मैंने देखा ऑटो एक बंगले के बाहर जा कर रुक गया, और दीदी ऑटो से उतर कर अंदर चली गई।
मैं वहां पहुंचा, और मैं भी अंदर चला गया। बाहर कोई भी खड़ा नहीं था। फिर मैं अन्दर वाली बिल्डिंग के अंदर गया, तो सामने बड़ा सा हॉल था। वहां एक आदमी सोफे पर बैठा था, जो लगभग 40-45 का था, और दीदी उसके सामने खड़ी थी। मुझे लगा उन दोनों के बीच कुछ इंपॉर्टेंट बात चल रही होगी, तो मैं वहीं खड़ा हो कर दीदी के वापस आने का इंतेज़ार करने लगा।
कुछ मिनट की बातों के बाद वो आदमी सोफे से खड़ा हो कर दीदी के करीब आया, और उसके होंठों से होंठ चिपका दिए। ये देख कर मैं हैरान रह गया। दीदी ने उस दिन पजामी-कुर्ती पहनी थी। वो आदमी दीदी के होंठों को चूसते हुए उसके बूब्स को दबाने लग गया। मुझे समझ नहीं आया कि दीदी उसको ऐसा करने क्यों दे रही थी।
कुछ देर दीदी के होंठ चूसने के बाद वो उस आदमी ने दीदी की कुर्ती उतार दी। अब दीदी ऊपर से नीले रंग की ब्रा में थी। फिर उस आदमी ने दीदी की पजामी का नाडा खोला, और उसको नीचे गिरा दिया। अब दीदी सिर्फ ब्रा और पैंटी में थी। उसके बाद वो दोबारा दीदी के होंठों और गर्दन पर किस्स करने लगा, और साथ में पैंटी के ऊपर से दीदी की गांड दबाने लगा।
फिर उसने दीदी को अपनी बाहों में उठा लिया, और अंदर कमरे में ले गया। मैं भी धीरे से जा कर कमरे के बाहर खड़ा हो गया। उस आदमी ने दीदी को बिस्तर पर लिटाया, और अपने कपड़े उतार कर नंगा हो गया। उसका लंड बहुत बड़ा और मोटा था। फिर वो दीदी की नंगी टांगें चाटने लगा, और पैंटी निकाल दी। उसके बाद वो दीदी की चूत चाटने लगा। दीदी आह आह कर रही थी। उसकी चूत अभी कुंवारी थी।
कुछ देर चूत चाटने के बाद वो ऊपर गया, और दीदी का पेट चूमते हुए उसकी ब्रा निकाल दी। अब दीदी पूरी नंगी थी। वो दीदी के ऊपर आ गया, और उसके भारी शरीर के नीचे दीदी दब गई। फिर वो दीदी के बूब्स चूसते हुए अपना लंड उनकी चूत पर सेट करने लगा। कुछ सेकंड्स में उसने जोर का धक्का मारा, और लंड दीदी की चूत में आधा घुस गया। दीदी दर्द से तड़पने लगी, लेकिन वो इतना भारी था कि वो कुछ कर नहीं पा रही थी।
फिर वो धक्के पे धक्का मारता गया, और दीदी चीखती रही। पूरा लंड घुसाने के बाद वो रुक गया, और दीदी को चूमने लगा। कुछ देर बाद उसने चुदाई शुरू कर दी। ये सब देख कर मेरा लंड भी खड़ा हो चुका था। कुछ देर बाद वो आदमी तेजी से दीदी को चोदने लगा। दीदी आह आह कर रही थी, और उसकी पीठ पर अपने नाखून गाड़ रही थी। कमरे में थप थप की आवाजें आ रही थी।
लगभग 10 मिनट बाद वो आह आह करने लगा और दीदी की चूत में ही झड़ गया। फिर वो दीदी की साइड में लेट गया। दीदी की सांस फूली हुई थी, और चूत खून से लाल थी। उनकी चूत में से उस आदमी का वीर्य टपक रहा था। उनकी आँखें में हल्के आंसू भी थे।
फिर वो आदमी उठा, और अलमारी से पैसों का बंडल निकाल कर दीदी के ऊपर फेंक दिया।
वो बोला: कल से नौकरी पर आ जाना।
कुछ देर बाद दीदी वहां से उठी, और कपड़े पहनने लगी। मैं बाहर आके घर वापस चला गया, और मम्मी को बोला कि दीदी नहीं मिली। शाम को दीदी ने आके मम्मी को पैसे दिए, और हमारे घर का खर्च चलना शुरू हुआ।
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