पिछला भाग पढ़े:- भोली रानी की सुहागरात-6
नमस्कार दोस्तों, मेरी हिंदी चुदाई कहानी के अगले पार्ट में आपका स्वागत है। पिछले पार्ट्स को आपने बहुत प्यार दिया। उसके लिए आपका बहुत धन्यवाद। उम्मीद है आगे भी आपका ये प्यार बरकरार रहेगा। जिन रीडर्स ने भी पिछले पार्ट अभी तक नहीं पढ़े है, वो उनको जरूर पढ़ ले।
अब तक आपने पढ़ा था कि मैं सुहागरात पर अपनी नई-नवेली बीवी की गांड मारना चाहता था। लेकिन इसमें उसको बहुत दर्द हो रहा था। उसके चीखने-चिल्लाने की वजह से बात उसकी विधवा भाभी तक पहुंच गई। फिर उसकी भाभी मेरे लंड पर मोहित हो गई, और हमारी चुदाई हो गई। अब आगे-
मैंने कहा: तब आप ही बताओ कि मैं क्या करूं। क्या मैं रानी को छोड़ कर केवल आपकी चुदाई ही करूं?
वो बोली: मैं ऐसा थोड़े ही कह रही हूँ। अबकी बार जब आप रानी की चुदाई करना, तो उसके ऊपर जरा सा भी रहम मत करना। वो चाहे कितना भी चीखे या चिल्लाए, आप अपना पूरा का पूरा लंड अन्दर घुसा देना। उसकी चीख मुझे सुनाई पड़ेगी। लेकिन आप इसकी परवाह मत करना।
मैंने कहा: ठीक है, भाभी मैं ऐसा ही करूंगा।
वो बोली: थोड़ी देर आराम कर लीजिए। उसके बाद रानी के पास चले जाईएगा। अबकी बार हार नहीं मानना। पूरा का पूरा लंड घुसा देना, भले ही वो कितना भी चीखे या चिल्लाए।
मैंने कहा: मैं ऐसा ही करूंगा।
सुबह के 3 बजने वाले थे। थोड़ी देर भाभी की बांहों में आराम करने के बाद मैं रानी के पास चला गया। रानी सो रही थी। मैंने उसे जगाया, तो वो उठ गई।
मैंने उससे कहा: जाकर तेल की शीशी उठा लाओ और मेरे लंड पर ढेर सारा तेल लगा दो।
वो बोली: मुझे शर्म आती है।
मैंने कहा: अगर तुम मेरे लंड पर तेल नहीं लगाओगी, तो मैं ऐसे ही अपना सूखा लंड तुम्हारे छेद में घुसा दूंगा।
वो बोली: ना बाबा ना, ऐसा मत करना। जब तेल लगाने के बाद इतना दर्द होता है, तो बिना तेल लगाए तुम अपना औजार अन्दर घुसाओगे, तो मैं तो मर ही जाऊंगी। मैं तुम्हारे औजार पर तेल लगा देती हूँ।
इतना कह कर वो उठी। उसने तेल की शीशी से तेल निकाल कर मेरे लंड पर लगा दिया। उसके तेल लगाने से मेरा लंड एक-दम सख्त हो गया। उसके बाद वो मेरे कुछ कहे बिना ही पेट के बल लेट गई और बोली: प्लीज़ धीरे-धीरे घुसाना।
अब मैं उसके ऊपर आ गया। मैंने अपने लंड का सुपाड़ा उसकी गांड के छेद पर रख दिया और फिर उसकी कमर के नीचे से हाथ डाल कर उसकी कमर को जोर से पकड़ लिया। मैंने थोड़ा सा जोर लगाया तो उसके मुँह से आह निकल गई। मैंने थोड़ा जोर और लगाया उसके मुँह से हल्की सी चीख निकल गई।
मेरा लंड उसकी गांड में 3″ इंच तक घुस चुका था। मैंने थोड़ा सा जोर और लगाया तो वो फिर से चिल्लाने लगी और मेरा लंड 4″ इंच तक घुस गया। मैंने उसकी चीख पर जरा सा भी ध्यान नहीं दिया। मैंने जोर का धक्का मारा तो वो तड़पने लगी और जोर-जोर से चीखने लगी: भाभी, बचा लो मुझे, मैं मर जाऊंगी।
इस धक्के के साथ मेरा लंड 5″ इंच तक घुस गया। मैंने फिर से बहुत ही जोर का एक धक्का और मारा तो अपने हाथों को जोर-जोर से बिस्तर पर पटकने लगी। उसने अपने सिर के बाल नोचने शुरु कर दिये और बहुत ही जोर-जोर से चिल्लाने लगी। अब तक मेरा लंड मेरी बीवी की गांड में 6″ इंच तक घुस चुका था।
मैंने पूरी ताकत के साथ फिर से जोर का धक्का मारा तो वो बहुत जोर-जोर से रोने लगी। लग रहा था कि जैसे वो मर जायेगी।तो मैं रुक गया।
इस धक्के के साथ मेरा लंड उसकी गांड में 7″ इंच घुस चुका था। मैंने अपना लंड एक झटके से बाहर खींच लिया। पुक की आवाज के साथ मेरा लंड बाहर आ गया। मैंने देखा कि उसकी गांड का मुँह खुला का खुला हुआ ही रह गया था और ढेर सारा खून मेरे लंड पर और उसकी गांड पर लगा हुआ था।
मैंने तेल की शीशी उठाई और उसकी गांड के छेद में ढेर सारा तेल डाल दिया। उसके बाद मैंने फिर से अपना लंड धीरे-धीरे उसकी गांड में घुसा दिया। जब मेरा लंड उसकी गांड में 7″ इंच तक घुस गया तो मैंने पूरे ताकत के साथ 2 बहुत ही जोरदार धक्के लगा दिये।
वो जोर-जोर से चिल्लाने लगी: भाभी, आपने मुझे कहां फसा दिया। मैं तो मरी जा रही हूँ और आप हो कि सुन ही नहीं रही हो। बचा लो मुझे, नहीं तो ये मुझे मार डालेंगे।
मैंने कहा: अब चुप हो जाओ मेरी जान। मेरा पूरा लंड अब घुस चुका है। अब तुम्हें दर्द नही होगा जान, केवल मजे आएँगे।
वो कुछ नहीं बोली, केवल सिसक सिसक कर रोती रही।
मैं अपना लंड उसकी गांड में ही डाले हुए थोड़ी देर तक रुका रहा। धीरे-धीरे वो कुछ हद तक शान्त हो गई।
तभी कमरे के बाहर से ही भाभी ने पूछा: काम हो गया?
मैंने कहा: अभी तो मैंने केवल अपना औजार ही पूरा अन्दर घुसाया है।
वो बोली: ठीक है, नंदोई ज़ी अब अपना पानी जल्दी निकल दो और बाहर आ जाओ।
मैंने हाँ बोल कर धीरे-धीरे धक्के लगाने शुरु कर दिये तो रानी फिर से चीखने लगी। समय गुजरता गया और वो धीरे-धीरे शान्त होती गई। दस मिनट में वो एक-दम शान्त हो गई तो मैंने अपनी स्पीड बढ़ानी शुरु कर दी। अब उसके मुँह से केवल हल्की-हल्की सी आह ही निकाल रही थी।
अपनी स्पीड मैंने और तेज कर दी। तेल लगा होने की वजह से मेरा लंड उसकी गांड में सटासट अन्दर-बाहर हो रहा था। मुझे खूब मज़ा आ रहा था। रानी को भी अब कुछ-कुछ मज़ा आने लगा था। मैं भी पूरे जोश में आ चुका था और तेजी के साथ उसकी गांड मार रहा था।
10 मिनट तक मैंने उसकी गांड मारी और फिर झड़ गया। लंड का सारा पानी उसकी गांड में निकाल देने के बाद भी मैं उसके गांड में ही अपना लंड डाले रखा और उसके ऊपर लेट गया।
मैंने रानी से पूछा: कुछ मज़ा आया?
रानी ने मेरे सवाल का क्या जवाब दिया, और इसके आगे इस सेक्स कहानी में क्या-क्या हुआ, वो आपको इसके अगले पार्ट में पता चलेगा। यहां तक की कहानी आपको कैसी लगी, कमेंट करके ज़रूर बताएं।
अगला भाग पढ़े:- भोली रानी की सुहागरात-8