मर्दों की आदत तो आप जानते ही है। जब किसी नई जगह पर जाते है, तो सबसे पहले ये देखते है कि आस-पास उनके काम की कोई औरत है या नहीं। ऐसा ही कुछ मेरे साथ था। मैं आस-पड़ोस की औरतों का ध्यान रखने लगा। फिर मुझे पता चला कि मेरे साथ वाले घर में एक मां-बेटा रहते थे। उनकी छत हमारी छत के साथ जुड़ती थी। जब मैं पहली बार उनसे मिला, तो मां को मैं देखता ही रह गया।
वो कोई 43 साल की थी, और उनका लड़का 20 साल का था। उसका फिगर तो बता नहीं सकता, लेकिन हाथ फेरने, और चूसने लायक बहुत सामान था। उसका पति ड्राइवर था, तो महीना-महीना बाहर ही रहता था। उसको देखते ही मैंने उसको चोदने का मन बना लिया था।
फिर थोड़ा वक्त बीता, और मेरा उसके साथ नैन-मटक्का शुरू हो गया। हमारी फोन पर पहले चैट और फिर बातें होनी शुरू हो गई। मेरी बीवी बिल्कुल गाय है, उसको बेवकूफ बनाना बहुत आसान है। उसको मैं ये बोल कर बात करता था कि काम कर रहा हूं।
अब हमने सेक्सी बातें करनी शुरू कर दी थी। वो भी चुदाई के लिए तड़प रही थी। लेकिन दिक्कत सिर्फ एक ही थी, और वो था उसका बेटा। उसके बेटे के रहते हम चुदाई नहीं कर सकते थे। फिर पहले मैंने उसके बेटे के साथ दोस्ती बढ़ानी शुरू की। हम साथ में क्रिकेट खेलने लगे। उसको क्रिकेट खेलना बहुत पसंद था, और मैं बहुत अच्छी क्रिकेट खेलता हूं, तो वो मेरा फैन बन गया।
एक दिन ऐसा ही हम क्रिकेट खेल कर आ रहे थे। हम दोनों बाइक पर थे, और वो मेरे पीछे बैठा था। मैंने महसूस किया कि उसका हाथ बार-बार मेरे लंड पर जा रहा था। पहले मैंने सोचा कि गलती से लग रहा होगा। लेकिन जब ज्यादा बार हुआ, तो मैंने बाइक रोकी, और उसकी तरफ देख कर पूछा-
मैं: ये क्या कर रहे हो तुम पंकज?
पंकज: भैया मैं आपको बहुत लाइक करता हूं। जब से आपको देखा है, बस आपके बारे में ही सोचता रहता हूं। मैं चाहता हूं कि आप मुझे प्यार करो।
उसके ऐसा कहते ही मुझे बड़ी खुशी हुई। मुझे लगा कि उसकी मां को चोदने के लिए मेरा रास्ता साफ हो गया। लेकिन फिर भी मैं उसको इतनी जल्दी हां नहीं बोलना चाहता था। इसलिए पहले मैंने थोड़ा नाटक किया। मैं उसको बोला-
मैं: ये क्या कह रहे हो पंकज। मैं शादी-शुदा हूं। और मेरा लड़कों में इंटरेस्ट भी नहीं है।
पंकज: भैया मैं जानता हूं कि आप शादी-शुदा हो। लेकिन मेरी वजह से आपको शादी में कोई दिक्कत नहीं आएगी। और जहां तक रही लड़कों में इंटरेस्ट ना होने की बात, तो मैं आपको बहुत मजा दूंगा। प्लीज भैया, अगर आप ने ना बोल दिया, तो मेरा दिल टूट जाएगा। प्लीज ना मत बोलना।
मैं: लंड चूसोगे?
पंकज: वो तो अभी चूस लूंगा।
फिर मैंने एक सरकारी ग्राउंड के बाहर बाइक रोकी। अंदर टॉयलेट बना हुआ था, तो हम दोनों अंदर चले गए। वहां जा कर मैंने उससे कहा-
मैं: पंकज, मैं तुझे एक मौका दे रहा हूं। अगर मुझे मजा नहीं आया, तो मुझसे हां कि उम्मीद मत रखना।
पंकज: ठीक है भैया।
ये कहते ही पंकज मेरे सामने अपने घुटनों पर बैठ गया। मैंने ट्रैक सूट पहना हुआ था। उसने मेरा पजामा नीचे किया, और अंडरवियर नीचे करके मेरा लंड बाहर निकाल लिया। मेरा लंड अभी सोया हुआ था। सबसे पहले उसने मेरे लंड पर किस्स किया। उसके बाद उसको हाथ से हल्का-हल्का सहलाने लगा। उसके ऐसा करने से मैं थोड़ा उत्तेजित हो रहा था, और मेरा लंड थोड़ा सख्त हो रहा था।
जैसे ही मेरा लंड सख्त हुआ, उसने मुंह खोला, और लंड मुंह में डाल लिया। अब वो मेरे लंड को चूसने लगा, जिसमें मुझे मजा आने लगा। कुछ ही पलों में मेरा लंड पूरा खड़ा हो गया। अब मेरा लंड पूरा उसके मुंह में नहीं जा रहा था, क्योंकि साइज में काफी बड़ा हो गया था। वो आधे लंड को ही चूसे जा रहा था।
तभी मैंने उसके बालों को पकड़ा, और जोर-जोर से उसके मुंह में धक्के देने लगा। मेरा लंड अब उसके गले की दीवार के साथ टकराने लगा, जिससे बीच-बीच में उसकी सांस रुक रही थी, और उसको खांसी आ रही थी। उसके मुंह से बहुत सारा थूक बहने लगा जिससे लंड पूरा चिकना हो गया था।
अब मेरा पूरा मूड बन गया था, तो मैंने उसी वक्त उसकी गांड चुदाई करने का फैसला किया। मैंने लंड उसके मुंह से बाहर निकाला, और उसको खड़ा होने को कहा। फिर मैंने उसका मुंह दूसरी तरफ घुमाया, और उसके हाथ सामने वाली स्लैब पर रखवा लिए। इसके लिए उसको थोड़ा झुकना पड़ा। उसकी गांड काफी बड़ी थी, जो झुकने से और बड़ी लग रही थी। उसकी गांड तो मेरी बीवी से भी बड़ी थी।
फिर मैंने उसका पजामा और अंडरवियर एक साथ नीचे कर दिए। गोरा रंग होने की वजह से उसकी गांड गोरी थी। अगर पत्ता ना हो कि वो एक लड़का है, तो गांड देख कर कोई बात नहीं पाएगा कि लड़का है या लड़की। मैंने पहले उसकी नंगी गांड को थोड़ा मसला, और उस पर थप्पड़ मारे। फिर मैंने अपना लंड उसकी गांड के छेद पर सेट किया।
उसकी गांड का छेद बिल्कुल टाइट था, और मेरा लंड बिल्कुल चिकना। मैंने जोर का धक्का मारा, तो लंड का टॉप अंदर घुस गया। उसकी चीख निकली, और मेरे लंड में भी दर्द हुआ। लेकिन मैं बिना परवाह किए उसकी गांड में धक्के पे धक्का पेलने लगा। कुछ ही क्षणों में मेरा लंड उसकी गांड में पूरा जा चुका था। उसको बहुत दर्द हो रहा था, और मेरा लंड भी दर्द कर रहा था।
धीरे-धीरे उसकी गांड का छेद खुल गया, और फिर हम दोनों को मजा आने लगा। अब वो आह आह करने लगा, और मैं दे दना दन उसकी गांड चुदाई करता गया। 15 मिनट में मैंने अपना माल उसके अंदर ही निकाल दिया।
इसके आगे क्या हुआ वो आपको इस कहानी के अगले पार्ट में पता चलेगा। कहानी कैसी लगी [email protected] पर बताएं।
अगला भाग पढ़े:-पड़ोस के मां-बेटे की चुदाई-2