एक दिन मम्मी ऐसे ही व्यायाम कर रही थी। तभी मैं अपने कमरे से बाहर आया। जब मैं बाहर आया, तो मम्मी झुक कर अपने पैरों के अंगूठे को पकड़ने की कोशिश कर रही थी। मम्मी को देखते ही मेरा लंड खड़ा हो गया, और मेरे मुंह में पानी आने लगा।
ऐसा इसलिए नहीं था, कि उन्होंने टाइट कपड़े पहने थे, बल्कि इसलिए था, कि जो टाइट लेगिंग्स उन्होंने पहनी थी, वो पीछे से फटी हुई थी। इससे भी हैरानी वाली बात ये थी कि वो लेगिंग्स चूत वाली जगह से फटी हुई थी, और मम्मी ने पैंटी भी नहीं पहनी थी। इस वजह से मुझे मम्मी की नंगी, चिकनी चूत साफ नज़र आ रही थी।
ये नजारा देखते ही मैं समझ गया कि ये मम्मी की चाल थी मुझे उकसाने के लिए। क्योंकि पहली बात कि इतनी सेंसिटिव जगह से अगर कपड़ा फटा हो, तो बाहर की हवा महसूस हो जाती है। इससे पता चल जाता है कि हमने कपड़ा फटा हुआ पहना है। चलो अगर ना भी पता चले, तो मम्मी ने पैंटी क्यों नहीं पहनी थी? इससे पहले मैंने जब कभी भी मम्मी को इन कपड़ों में देखा था, तो उन्होंने पैंटी पहनी हुई थी। इसके अलावा उनकी चूत बिल्कुल चिकनी थी, जो शायद उन्होंने मुझे रिझाने के लिए शेव करी होगी।
अब मैं भी ठहरा मर्द जात, कब तक अपने पर काबू रखता? और जब इतनी कामुक औरत मेरी रंडी बनने को तैयार बैठी थी, तो मैं क्यों ईद का चंद बन कर बैठा रहता? तो मैंने सोचा कि आज सारी बातें खोल ही ली जाए।
ये सोच कर मैं मम्मी के पीछे से उनके करीब गया। उन्होंने ऐसा दिखाया कि वो नहीं जानती थी कि मैं उनके पीछे था। फिर मैंने हाथ उनकी गांड की तरफ बढ़ाया, और उनकी चूत में उंगली डाल दी। मेरे उंगली डालते ही मम्मी की चीख निकल गई, और वो लड़खड़ाते हुए सीधी खड़ी हो गई। फिर वो बोली-
मम्मी: बेटा ये क्या बदतमीजी है?
मैं: मम्मी आपकी लेगिंग्स पीछे से फटी हुई है, और आप उसी को पहन कर व्यायाम कर रही हो?
मम्मी: हां ठीक है फटी हुई होगी, मुझे नहीं पता चला। लेकिन ये क्या तरीका था बताने का? अपनी मां की चूत में उंगली करते हुए तुझे शर्म नहीं आई?
ये सुन कर मैं हंसने लगा। फिर मैं बोला-
मैं: मम्मी ये जो इतने दिनों से आप कर रही हो, और जो मुझसे करवाना चाहती हो, और क्यों करवाना चाहती हो, सब पता है मुझे। तो बेहतर यहीं होगा कि मुद्दे की बात करो सीधे।
ये सुन कर मम्मी के चेहरे के हाव-भाव बदल गए। फिर वो मेरे बिल्कुल करीब आके खड़ी हो गई, इतनी करीब की हम दोनों एक-दूसरे की सांसों को महसूस कर पा रहे थे। फिर वो बोली-
मम्मी: देख अगर तू सीधी बात सुनना ही चाहता है, तो सीधी बात ये है, कि तू मेरा खयाल रख, और मैं तेरा खयाल रखूंगी।
मैं: आपका खयाल तो मुझे पता है कि आपको पैसे दे कर रखा जाएगा। लेकिन मेरा खयाल आप कैसे रखोगी?
मम्मी: देख बेटा, ये जो मर्द का लंड है ना, इसको औरत के जिस्म की प्यास होती है। मैं तेरे लंड को कभी प्यासा नहीं रहने दूंगी।
मैं: सोच लीजिए मम्मी, मेरे लंड की प्यास इतनी आसानी से नहीं बुझती। अभी तो आप बोल रही हो, बाद में ये मत कहना कि नहीं कर सकती।
मम्मी: नहीं बिल्कुल नहीं कहूंगी। तू जो कहेगा, जैसा कहेगा मैं करूंगी। लेकिन मुझे भी पूरी ऐश करनी है।
मैं: मैं आपको अपनी आधी सैलेरी दूंगा। चलेगी?
मम्मी (खुश हो कर): हां बेटा, दौड़ेगी। अब तू बता कि तुझे कैसे खुश करूं?
जैसे ही मम्मी ने ये कहा, मैंने उनके मुंह पर एक जोर का थप्पड़ मारा। थप्पड़ पड़ते ही मम्मी हैरान हो गई। उनके चेहरे के भाव पूरे बदल गए, और ऐसा लग रहा था जैसे वो रोने लगेंगी अभी। तभी उन्होंने पूछा-
मम्मी: बेटा मारा क्यों?
मैंने एक और थप्पड़ मारा, और बोला-
मैं: बेटा नहीं, आज से मैं तेरा मालिक हूं छिनाल। मुझे तू घर पर मालिक ही बोलेगी। अब से तू मेरी है। तुझे मैंने अपनी आधी सैलेरी दे कर खरीद लिया है। तेरा ये गदराया हुआ जिस्म मेरा है। तेरा हर अंग मेरा है। आज से मैं जैसे चाहे तुझे इस्तेमाल करूंगा, और जो प्यास तूने अपने ठुमके दिखा-दिखा कर मेरे अंदर जगाई है, उसको बुझाऊंगा।
ये बोलते हुए मैं मम्मी के पीछे चला गया। फिर मैंने अपना हाथ मम्मी के चूतड़ पर रखा, और चूतड़ पर हाथ फेरते हुए वहां ले गया, जहां से लेगिंग्स फटी हुई थी। मैंने एक झटके से मम्मी की चूत में उंगली घुसा दी, जिससे मम्मी उछल पड़ी। उनके मुंह से आह निकल गई।
फिर जैसे ही वो मेरी तरफ घूमी, मैंने उनको अपनी बाहों में भर लिया, और उनके होंठों से अपने होंठ चिपका दिए। मैं मम्मी के होंठों को पागलों की तरह चूसने लगा।
इसके आगे इस हॉट सेक्स कहानी में क्या हुआ, वो आपको आने वाले पार्ट में पता चलेगा। यहां तक की कहानी के लिए अपनी फीडबैक gulati.gulati555@gmail.com पर शेयर करें।
अगला भाग पढ़े:- मेरी लालची मम्मी और बेवड़ा बाप-3