मैं मम्मी के मुंह से ये सब बातें सुन कर हैरान था। मैंने सोचा चलो अच्छा है मम्मी सब पहले से समझ गई। फिर मैं आगे बढ़ने लगा तो मम्मी बोली-
मम्मी: आगे बढ़ने से पहले मैं बता दूं। हाथ तभी लगाना जब अकाउंट में पैसे ट्रांसफर हो जाएंगे। पहले पैसे, फिर चुदाई।
मैं उसी वक्त अपने कमरे में वापस गया, और मम्मी को 10000 रुपए गूगल पे किए। फिर मैं दोबारा मम्मी के कमरे में गया। इस बार मम्मी बिस्तर पर लेटी हुई थी। उनको देख कर मेरा दिल गार्डन-गार्डन हो गया। मैं खड़ा मम्मी को देख रहा था, तो मम्मी बोली-
मम्मी: अब वहां खड़ा देखता रहेगा या आएगा और कुछ करेगा भी?
मैं बहुत उत्तेजित हो गया था। फिर मैं मम्मी के करीब गया, और मम्मी के मोटे चूचे को दबाया। आह क्या एहसास था। दोस्तों किसी भी औरत या लड़की के बदन को छू कर, उसको चोद कर, आपको मजा तो आएगा। लेकिन जो एहसास आपको अपनी मां के बदन को छू कर, और उसकी चुदाई करके मिलेगा, वो कहीं और नहीं मिल सकता।
मैं मां के चूचे को दबा कर मजा ले रहा था कि तभी मां बोली-
मम्मी: झिझक क्या रहा है। आज के लिए मैं तेरी हूं। तू जो चाहे कर, और जो चाहे करवा मुझसे।
ये बोल कर मां ने मेरा हाथ पकड़ा, और मुझे अपने ऊपर खींच लिया। अब मैं अपनी मां के ऊपर था। उसका शरीर मेरे शरीर से चिपका हुआ था, और हम दोनों की सांसे आपस में टकरा रही थीं। दोस्तों आज मैं अपनी मां को पहली बार इतने करीब से देख रहा था। फिर मैं अपने मुंह को मां के मुंह के करीब ले गया, और उनके होंठों से अपने होंठ चिपका दिए। उन रसीले होंठों का स्वाद मैं आपको क्या बताऊं दोस्तों, बस यही कह सकता हूं कि मैं जन्नत में था।
मां के होंठों को चूसते हुए मैं उनके चूचे को दबाने लगा। क्या सॉफ्ट चूचा था, बिल्कुल रुई जैसा। ऐसा लग रहा था जैसे दूध से भरा हुआ हो। कुछ देर तक मां के होंठों का रस पीने के बाद मैं उनकी गर्दन पर किस्स करने लगा। मां के मुंह से आह निकल गई, और उनकी सांसे तेज़ होने लगी। उनके जिस्म की खुशबू ने मुझे पागल कर दिया, और मैंने उनकी गर्दन पर चूमते हुए लव बाइट दे दिया।
फिर मैं नीचे गया, और उनकी टी-शर्ट उठाई। उन्होंने नीचे कुछ नहीं पहना था, तो उनके गोरे चूचे मेरे सामने नंगे थे। मैं पागलों की तरह उनके चूचे चूसने लगा। ऐसे तो शायद बचपन में भी नहीं चूसे होंगे। मां मेरे सर को अपने चूचों में दबा रही थी, और सिसकियां भर रही थी। कुछ देर मैंने जम कर मां के चूचे चूसे, और उनको लाल कर दिया। अब उनकी चूत में लौड़ा घुसाने के लिए मैं और इंतेज़ार नहीं कर सकता था।
मैं नीचे गया, और उनकी शॉर्ट्स खींच कर उतार दी। पैंटी में मां बहुत सेक्सी लग रही थी। मैंने उनकी पैंटी उतारी, और चिकनी चूत को चूसने लगा। मां आह आह आह कर रही थी, और गांड उठा-उठा कर चूत चटवा रही थी। कुछ देर चूत चाट कर जब वो पूरी चिकनी हो गई, तो मैं पूरा नंगा हो गया। मेरा लंड देख कर मां हैरान हो गई। शायद उन्होंने सोचा होगा कि मेरा लंड छोटा सा था।
फिर मैंने लंड उनकी चूत के मुंह पर रखा, और जबरदस्त धक्का मारा। मां की चीख निकल गई, और लौड़ा आधा उनकी चूत में घुस गया। जन्नत थी जन्नत एक-दम मां की चूत। मैंने लंड पर और जोर लगाया, और मेरा लंड चूत फाड़ता हुआ पूरा अंदर चल गया। मां की चीखों से लग रहा था कि पापा का लंड छोटा था, इसलिए उनको इतना दर्द हो रहा था। पूरा लंड डाल कर मैं मां के होंठ चूसने लगा।
फिर कुछ मिनट बाद मां खुद ही नीचे से गांड उठा कर लंड अंदर लेने लगी। मैं समझ गया अब वो चुदाई चाहती थी, तो मैंने धक्के लगाने शुरू कर दिए। साथ में मैं उनके चूचे चूस रहा था। बड़ा मजा आ रहा था। मां की आहें मुझे दीवाना बना रही थी। उनके होंठों और चूचों का स्वाद अदभुत था, और उनकी खुशबू की तो बात ही क्या करें।
कुछ देर चुदाई करने के बाद मैंने मां की टांगें पूरी ऊपर कर दी, और धक्के लगाने लगा। इस तरह से लंड मां की चूत की दीवार को लगने लगा। मां को भी बहुत मजा आ रहा था, तो वो बोली-
मम्मी: आह बेटा चोद, चोद अपनी मां को। जोर से चोद, और बना ले मुझे अपनी रंडी। इतना मजा तो आज तक तेरे बाप ने भी मुझे नहीं दिया। तू बस मुझे जब जरूरत हो पैसे दे दिया कर। उसके बदले जब तेरा दिल करेगा, मैं तेरे लिए अपनी टांगे खोल दूंगी। तेजी से चोद मेरे राजा।
मां की बात सुन कर मैं और जोश में आ गया, और फुल स्पीड में पूरी ताकत के साथ उसको चोदने लगा। 15 मिनट बाद जब मैं झड़ने वाला था, तो मैं अपना लंड बाहर निकालने लगा। लेकिन मां ने मुझे रोक लिया, और अपने अंदर ही पानी निकालने को बोला। फिर मैंने मैं अपना सारा माल मां की चूत में निकाल दिया।
अब हम दोनों शांत हो गए, और मैं मां के साथ उसी बिस्तर पर सो गया। उस दिन के बाद मैंने मां की बहुत चुदाई की, और आज तक करता हूं।
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