गांव से शहर आए दादा जी ने-3

पिछला भाग पढ़े:- गांव से शहर आए दादा जी ने-2

नमस्कार दोस्तों, उम्मीद है इसके पिछले पार्ट्स को आपने पढ़ लिए होंगे। अब तक आपने पढ़ा कि किस तरह पापा ने मम्मी और दादा जी की चुदाई देख ली, और बहुत गुस्से में कमरे के अंदर जाने लगे। अब आगे-

मैं कमरे के दरवाजे के पास खड़ी चुप-चाप उन्हें देख रही थी। मेरी आंखों के सामने धुंधला होने लगा। एक पल के लिए ऐसा लगा कि अब मम्मी और दादा जी को मेरे पापा के हाथों से कोई नहीं बचा सकता।

तभी मुझे ख्याल आने लगा कि‌ इससे मेरा परिवार बिखर जाएगा। ऊपर से लोग क्या सोचेंगे, कि अपने ही घर में रंगरलियां मना रही थी इसकी मम्मी। हे भगवान…!

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