साली की सील तोड़ने की बात सुन कर मेरा लंड खड़ा हो गया। फिर मैंने गाड़ी साइड में एक सुनसान जगह पर लगाई। मैंने उसको बोला-
मैं: चलो फिर शुरू करते है।
साली: यहां, गाड़ी में?
मैं: हां, क्यों, कोई दिक्कत है?
साली: नहीं… पता नहीं। कमरे में नहीं जाएंगे हम?
मैं: अरे कमरे में भी चले जाएंगे। यहां शुरू करते है, कमरे में खत्म कर लेंगे।
ये बोल कर मैंने साली का हाथ पकड़ा, और उसको अपने पास खींच लिया। वो मेरे बिल्कुल करीब आ गई। उसके बदन से मधुर परफ्यूम की खुशबू आ रही थी। उसकी और मेरी गरम सांसें आपस में टकरा रही थी। फिर मैंने अपने होंठ उसके होंठो पर रख दिए, और उसके होंठों को चूसने लगा।
क्या नर्म होंठ थे, मजा ही आ गया। कुछ सेकंड्स तक सिर्फ मैं ही उसके होंठ चूसता रहा, उसकी तरफ से कोई रिस्पांस नहीं था। लेकिन कुछ सेकंड्स बाद उसने भी मेरा साथ देना शुरू किया। अब हम दोनों मजे से एक-दूसरे के होंठ चूस रहे थे।
उसके होंठों को चूसते हुए मैंने उसके बदन पर हाथ फेरना शुरू कर दिया। क्या संगमरमर सा कसा हुआ बदन था उसका। जब मैंने उसके चूचे दबाए, तो वो रूई जैसे सॉफ्ट थे। ऐसा लग रहा था जैसे जन्नत की कोई अप्सरा मेरे हाथ लग गई हो।
उसके होंठों का रस पीने के बाद मैंने उसकी गर्दन को चूमना शुरू किया। क्या मदहोश करने वाली खुशबू आ रही थी उसकी स्किन में से। वो गरम होने लग गई थी, और उसकी सांसें तेज होनी शुरू हो गई।
फिर मैं उससे दूर हटा और बोला: चलो कमरे में चलते है।
फिर मैंने गाड़ी भगाई, और उसको एक बढ़िया से होटल में ले गया। वहां कमरा बुक करवा कर हम दोनों कमरे में चले गए। कमरा बुकिंग के लिए मैंने उसको अपनी बीवी बताया, ताकि कोई दिक्कत ना हो।
फिर हम कमरे में दाखिल हुए। अंदर जाते ही मैंने दरवाज़ा बंद किया, और दीपाली को अपनी बाहों में भर लिया। हम दोनों फिर से किसिंग करने लगे। किसिंग करते हुए मैंने उसका टॉप उतार दिया, और उसको बिस्तर पर लिटा दिया। अब वो जींस और ब्रा में मेरे सामने लेटी थी।
फिर मैं उसके ऊपर आया, और उसके बदन को चूमते हुए उसकी ब्रा भी निकाल दी। अब उसके पिंक निपल्स वाले चूचे मेरे सामने थे। मैं उन पर टूट पड़ा और उनको पागलों जैसे चूसने लगा। वो आह आह करने लगी, और मेरे मुंह की अपने चूचों पर दबाने लगी।
मेरे चूसने से उसके चूचे लाल हो गए। फिर मैं नीचे गया और उसकी जींस उतार दी। साथ ही मैंने उसकी पैंटी भी उतार दी। अब मेरी साली की सील पैक गुलाबी चूत मेरे सामने थी। उसको देख कर मेरी आँखें चमक गई, और मेरी जीभ लपलपाने लगी। मैंने देखते ही चूत पर अपनी जीभ लगाई, और उसको चाटने लग गया।
दीपाली मदहोशी भरी सिसकियां भरने लगी। उसने बदन उत्तेजना से कांपने लगा। चूत अच्छे से चाटने के बाद मैंने अपने कपड़े निकाल दिए। अब मैं पूरा नंगा था, और मेरा लंड खड़ा हुआ था। फिर मैंने उसको कहा-
मैं: चलो दीपाली इसको तैयार करो अंदर डालने के लिए।
वो मेरी बात समझी नहीं और उसने पूछा: तैयार कैसे करूं?
मैं: चूस के।
वो बोली: इसको चूसना पड़ेगा?
मैं: हां, सब लड़कियां करती है। तुम्हारी दीदी ने भी चूसा हुआ।
फिर वो उठी, और मेरे सामने घुटनों पर बैठ गई। मैं लंड पकड़ कर उसके होंठों पर फेरने लगा। जैसे ही उसने मुंह खोला, मैंने अपना लंड उसके मुंह में डाल दिया। अब वो मेरा लंड चूसने लगी। उसको अच्छे से चूसना नहीं आता था, इसलिए इतना मजा नहीं आ रहा था। फिर मैंने कुछ धक्के मार कर लंड उसके मुंह से बाहर निकाल दिया।
उसके बाद मैंने उसको सीधी लिटाया और उसकी टांगों के बीच आ गया। मैंने अपना लंड उसकी चूत पर रगड़ना शुरू किया। उसकी सिसकियां निकलने लगी। फिर मैंने लंड चूत के मुंह पर लगा कर दबाव बनाया। लंड उसकी चूत को फाड़ता हुआ अंदर जाने लगा, और वो चीखने लगी। लेकिन उसने मुझे रोका नहीं।
वो चीखती गई, और मैं धक्के लगाता रहा। धीरे-धीरे मेरा पूरा लंड चूत में घुस गया। क्या टाइट और गरम चूत थी, मजा ही आ गया। उसकी चूत से थोड़ा खून निकला था, जो मेरे लंड पर लग गया था। फिर मैंने उसके होंठों को चूसते हुए उसकी चुदाई करनी शुरू की।
कुछ देर तक वो दर्द में थी, और उसकी आंखों से आंसू आ रहे थे। लेकिन कुछ देर बाद उसको मजा आना शुरू हो गया। मुझे ये तब पता चला जब उसने नीचे से गांड हिला कर चुदाई में साथ देना शुरू किया।
फिर मैंने अपनी स्पीड बढ़ाई, और उसको तेजी से चोदने लगा। वो अब कामुकता भरी सिसकियां भरने लगी। वो आह आह आह जीजू आह आह चोदो जीजू आह करने लगी। उसकी चूत से काफी पानी निकल रहा था, जिससे चुदाई में छप छप की आवाजें आने लगी।
जब उसकी चूत कुछ ज्यादा ही चिकनी हो गई तो मैं समझ गया उसका निकल चुका था। फिर मैंने और स्पीड बढ़ाई, और पूरा जोर लगा कर उसको चोदने लगा। वो जोर-जोर से चिल्लाने लगी। फिर मैंने अपना माल उसके अंदर ही निकाल दिया और उसके बाजू में लेट गया।
अब हम दोनों हाफ रहे थे, और हमारे बदन पसीने से भरे थे।
फिर वो बोली: जीजू आपके 8000 चुकता हो गए। अगली बार बता देना कब करना है।
ऐसे ही मैंने अपनी साली को तब तक चोदा जब तक 25000 पूरे नहीं हो गए। हर बार मैं अपना माल उसकी चूत में निकालता था। पैसे पूरे होने के बाद भी जब भी उसको पैसे चाहिए होते है, तो वो मेरे पास चुदने आ जाती है।
कहानी समाप्त। अपनी फीडबैक [email protected] पर दें।