दो गायें और दो सांड-20 (अंतिम भाग)

पिछला भाग पढ़े:- दो गायें और दो सांड-19

अन्तर्वासना कहानी अब आगे-

नसरीन बता रही थी, “मैंने निकहत के दोनों गाल अपने हाथों में लिए और प्यार से बोली, “मेरी निकहत। इसके साथ ही मैंने निकहत के होंठ अपने होठों में ले लिए और चूसने लगी। निकहत ने भी मुझे बाहों में ले लिया।”

“मालिनी जी अब रहा नहीं जा रहा था। मैं निकहत से बोली, “तो निकहत बोलो, चूसें एक-दूसरी की फुद्दी, चाटें एक-दूसरी के चूतड़?”

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