जब पूरी दुनिया कोरोना की वजह से घर पे बैठी थी, तो मोबाइल में छुपी कई नयी दुनिया की शुरुआत हो गयी। आप सभी टेलीग्राम का इस्तेमाल करते होंगे। टेलीग्राम में पढ़ाई-लिखाई, सिनेमा, व्यवसाय और विभिन्न कलाओं से जुड़े कई टेलीग्राम ग्रुप्स हैं जहां हज़ारों लोग मौजूद होते हैं। और इसी टेलीग्राम से मुझे एक लड़की मिली, जिसे मैंने उसके प्रदेश उत्तराखंड में जाकर चोदा।
मेरा नाम प्रशांत है और मैं 28 साल का हूँ। मैं झारखण्ड में स्थित सिंघभूम का रहने वाला हूँ, और मुझे कविता लिखने का बहुत शौक़ है। कोरोना में बैठे-बैठे बोर हो रहा था, तो मेरे एक फ्रेंड के बताने पर मैंने एक टेलीग्राम चैनल ज्वाइन किया जहाँ आप अपनी कवितायें डाल सकते हैं। और वहां मौजूद मेंबर्स आपकी कमियों को सुधारते हैं, और तारीफ करते हैं।
तो एक दिन मैंने एक रोमांटिक कविता डाली, तो एक अनजान अकाउंट से मुझे पर्सनल मैसेज आया:
मैसेज: आप सिर्फ लिखते रोमांटिक हैं, या खुद भी रोमांटिक हैं?
कुछ देर यूँ ही शायराना अंदाज़ में बाते करते हुए पता चला, कि उसका नाम अक्षरा गौड़ था, और वो मसूरी (उत्तराखंड) की निवासी थी। बस वहीं से हमारी बातें शुरू हो गयी। हम दिन-रात बातें करने लगे।
कुछ महीने यूंही बातें चली। एक दिन मेरा जन्मदिन था, तो उसने मुझे कुछ भी गिफ्ट मांगने को कहा। मैंने उससे उसकी एक तस्वीर मांगी, क्यूंकि 2-3 महीने बातें करने के बावजूद हमने एक दूसरे को देखा नहीं था।
उसने झट से अपनी एक तस्वीर भेजी और मैं बस देखता ही रह गया। वो बिल्कुल पंजाबी अभिनेत्री वामिका गब्बी जैसी थी दिखने में। पहाड़न थी वो, और एक बिल्कुल टाइट सा सूट पहने हुए फोटो भेजी थी। उसमे उसके फिगर और बड़े बूब्स देख कर मैं कायल हो गया। मैंने ठान लिया की इसकी चुदाई करके रहूँगा। वैसे भी लॉकडाउन में बिना चुदाई किये ठरक बढ़ गयी थी।
दिसंबर में जब लॉकडाउन हल्का हुआ, तो मैंने मसूरी जाने का प्लान बनाया। अक्षरा से बात की, कि वो मसूरी में मेरे लिए एक सस्ता सा होटल कर दे। उसने अपने घर से दूर एक होटल में मेरे लिए कमरा बुक करवा दिया।
मैं वहां पहुंचा। अक्षरा ने मुझे मॉल रोड में मिलने को कहा। पर मैंने थकान का नाटक करते हुए उसे अपने होटल में ही बुला लिया।
पहले तो वो मना कर रही थी, कि कोई देख लेगा। क्यूंकि मसूरी में उसके पापा को सब पहचानते थे। पर मेरे ज़रा ज़ोर देने पर वो मान गयी।
जब वो मेरे कमरे में आयी, मैं उसे देखता ही रह गया। वो सामने से और ज़्यादा हॉट लग रही थी। मैंने उसे गले लगा कर उसका स्वागत किया। उसके बड़े बूब्स मेरे छाती से टकरा रहे थे। ये महसूस करके मेरी पैंट में मुझे तनाव सा महसूस हुआ।
अक्षरा से जब मैं मिला, वो 21 साल की थी। वो अभी अपने ग्रेजुएशन के तीसरे साल में थी। अक्षरा के बूब्स बिल्कुल बड़े-बड़े थे। उसकी गांड काफी उभरी हुई थी और पहाड़न वाला गदराया शरीर था। उसको देख के साफ़ पता चल रहा था, कि उसका बॉयफ्रेंड उसके काफी मज़े लेता होगा।
हम बातें करने लगे। मैंने कॉफ़ी मंगवाई और हम पास में बैठ कर पी रहे थे। कॉफ़ी काफी गरम थी। मुझे शरारत सूझी और मैंने उठ कर कुछ लेने के बहाने कॉफ़ी उसके बूब्स पर गिरा दी। अक्षरा अचानक डर गयी, और मैं पास में पड़े तौलिये से उसके बूब्स दबाने लगा। हाय, क्या मुलायम बूब्स थे।
मैंने अक्षरा से कहा कि वो अपनी कमीज़ उतार ले, और अंदर से खुद को साफ़ कर ले। पहले तो उसने आना-कानी की, पर मेरे ज़ोर देने पर उसने अपनी कमीज़ को उतार लिया।
अंदर उसने एक फूलों की प्रिंट वाली ब्रा पहन रखी थी, जो उसके बूब्स के लिए काफी छोटी थी। उसका आधा बूब्स बपहर निकलने के लिए लटका हुआ था। उसके बूब्स बिल्कुल मसूरी के पहाड़ों और वादियों जैसे ही लग रहे थे, काफी खूबसूरत।
मैंने सोचा यही मौका था। मैं अक्षरा को बाहों में लेकर उसके होंठों को चूमने लगा। पहले कुछ सेकंड्स उसने मुझसे अलग होने की कोशिश की, पर फिर साथ देने लगी। वो पहले से चुदी हुयी माल थी, तो ज़्यादा देर उसने भी नाटक ना करना ठीक समझा।
मैं: ओह बेबी, जब से तुम्हें देखा है, तब से इस दिन को जीने का सपना देख रहा था।
हम दोनों पागलों के तरह चूम रहे थे एक-दूसरे को।
वो: हाँ, बेबी। मैं भी तुम्हारा इंतज़ार कर रही थी।
मैं भी काफी महीनो बाद किसी महोतरमा के साथ था, तो मेरे अंदर का जानवर जाग गया। मैंने झट से उसकी ब्रा को फाड़ दिया, और उसके बूब्स बिल्कुल कूद कर बाहर आ गए।
मैं: क्या मस्त बूब्स हैं तेरे यार। इतने मोटे-मोटे बूब्स। इससे तो पूरा मसूरी दूध पी सकता है।
वो: हाँ, बेबी। चुसो बेबी। पी लो मेरा दुद्दू।
मैंने उसके एक बूब्स को अपने मुंह में लेकर उसकी किसमिस को चूसने लगा और वो सिसकियाँ लेने लगी।
वो: आह, आह, उह, उह उहह, सी, सी, सी, इस, मेरे दुद्दू को काट-काट के निकालो। भींच दो मेरे किसमिस को, बेबी।
अभी तक उसका सिर्फ ऊपर का बदन नंगा था। मैंने उसकी सलवार को निकल फेंका। उसने अंदर अपनी ब्रा से मैचिंग फूलों वाली चड्डी भी पहनी थी। मैंने उसकी चूत को उसकी चड्डी के ऊपर से मसला तो उसकी चड्डी बिल्कुल चिपचिप हो रखी थी।
मैं: हाय मेरी रानी, तू तो पहले से ही तैयार हो रखी है।
वो: हाँ मेरे राजा। मैं हर दिन तुम्हारे बारे में सोच कर ऊँगली करती थी।
मैं: मैं भी रानी, तेरी तस्वीरों को देख कर रोज़ मुठ मारता हूँ।
फिर मैंने उसकी चड्डी उतार दी, और उसको अपने बेड पर लिटा दिया। उसके पैरों को फैला कर सीधे उसकी गीली चूत को अपनी जीभ से चाटने लगा। उसकी चूत पे बिल्कुल छोटे-छोटे झांट के बाल थे, जिससे बड़ी ही मादक सी खुशबू आ रही थी। मैं उसकी चूत में अपनी जीभ घुमा कर चांटने लगा।
वो: हाय मेरे राजा। निकाल दो मेरा पानी। सी सी सी सी ओह ओह यह सी सी ईश आअह। पूरा झाड़ दो मेरे राजा।
कुछ देर मेरे चूत चांटने के बाद वो बिल्कुल गरम हो गयी।
वो: अब अपना हथियार डाल दो, मेरे राजा। अब ये चूत बहुत तड़प रही है। प्लीज अब देर मत करो। चोद दो मुझे।
जब मैंने अपना पैंट खोल कर अपने लौड़े को आज़ाद किया, तो वो डर गयी।
वो: राजा, तुम्हारा इतना बड़ा है? इतना बड़ा तो मैं पहली बार देख रही हूं।
मेरा लौड़ा 8 इंच लम्बा और 3 इंच गोल है, और मैं आधे घंटे से पहले नहीं झड़ता। शायद गांव में रहन-सहन का यही फायदा है।
मैंने अपने लौड़े को उसके पास ले जाकर उसको उस पर थूकने को कहा।
फिर मैंने उसकी चूत में थूका और अपने लौड़े को सेट करके उसपे रगड़ना चालू कर दिया।
वो: ओह मेरे राजा। अब बर्दाश्त नहीं हो रहा। प्लीज घुसा दो अपने इस मुसल हथियार को।
उसके कहते ही मैंने जैसे अपना लौड़ा अंदर घुसेंड़ा, वो आधा ही गया, पर अक्षरा की चीख ही निकल गयी।
वो: हाय माधरचोद। मैं तो मर जाउंगी साले भड़वे। निकाल अपना ये जानवर।
मैंने उसकी एक ना सुनी, और अपने लौड़े को थोड़ा सा बाहर निकाल कर फिर से उसके चूत में ज़ोरदार झटका देते हुए लौड़े को डाल दिया।
और वो रोने लगी।
वो: प्लीज़ प्लीज़ साले कुत्ते, निकाल ले अपने लौड़े को। प्लीज़, मैं मर जाउंगी। मेरी नंगी लाश बचेगी। तू बड़ा बेरहम है बहनचोद।
मुझे पता था ये पहले से चुदी हुयी थी, इसलिए ये रंडी-रोना सिर्फ कुछ देर की बात थी। और वैसा ही हुआ।
मैंने उसकी बातों को अनसुना करते हुए उसकी चुदाई जारी रखी। और कुछ देर के बाद वो खुद ही अपनी कमर लचका-लचका कर मुझसे चुदने लगी।
मैं: क्यों बे साली? कुछ देर पहले तो बहुत नाटक कर रही थी? मर जाउंगी, मिट जाउंगी?
वो: मेरे राजा, कई बॉयफ्रैंड्स से चुदी हूँ, पर तेरे जैसा लम्बा लंड किसी का नहीं। तूने तो मेरी चूत फाड़ दी। पर अब मज़ा आ रहा है।
मैं: चल आजा रानी, मेरी कुतिया बन जा।
और वो आकर मेरे सामने कुतिया जैसी आ गयी और मैंने पीछे से उसकी चुदाई चालू कर दी। मैं उसके बालों को खींच कर उसकी चुदाई करने लगा।
वो: राजा, लगता है तुमसे दोस्ती करने का तोहफा मुझे ऊपर वाला दे रहा है। क्या मस्त चुदाई करता है तू। मैं जीवन भर तेरी पर्सनल रंडी बन कर रहूंगी।
मैं: हाँ मेरी रंडी रानी। तू भी गज़ब की मस्त आइटम है। तुझे तो मैं मरते दम तक चोदूँगा।
उसकी उभरी ब बड़ी मटकती गांड पे मैं थपकी मार रहा था, और अक्षरा को और ज़्यादा मज़ा आ रहा था।
वो: हाँ, राजा, चोदो, सी सी सी यह आह, और ज़ोर से मारो। फाड़ दो मेरी चूत, मेरे राजा।
काफी देर चुदाई करने के बाद मैं थक गया।
फिर मैं उससे हट कर बिस्तर पर लेट गया। मैंने उसे इशारा किया कि वो मुझे आकर ब्लोजॉब दे। और उसने आकर मेरे लौड़े पर खूब सारा थूका और चूसने लगी।
मैं: हाँ मेरे रानी। ये तेरा ही लॉलीपॉप है। पूरा चूस। अच्छे से चूस। अपनी चूत के रस को भी साफ़ कर दे।
वो बिल्कुल एक छोटी बच्ची की तरह मेरे लौड़े को चूसे जा रही थी। जब मेरी थकान थोड़ी सी कम हुयी, तो मैंने उसे अपने पास खींच कर लिटा लिया। फिर मैंने उसकी एक टांग को उठा कर साइड से अपने लौड़े को उसकी चूत में डाल दिया। और पीछे से उसे धक्के मारने लगा।
वो: आ आ आह आ आअह, मेरे राजा। तुम्हारा लौड़ा मेरी चूत के लिए बेस्ट है मेरी जान। क्या मस्त चूत को रगड़ता है ये तुम्हारा हथियार।
काफी देर ऐसे ही चुदाई करने के बाद वो अचानक बिल्कुल कराहने लगी, और तेज़ी से चिल्लाने लगी।
वो: मैं झड़ने वाली हूँ राजा। और तेज़ चोद और तेज़ चोद मादरचोद। फाड़ दे मेरी फुद्दी साले। इस रंडी की माँ चोद दे।
और वो कराहते हुए झड़ गयी, और उसका पूरा रस मेरे लौड़े की बगल से टपकने लगा।
थोड़ी देर धीरे-धीरे उसकी चूत में अपना लौड़ा अंदर बाहर करते हुए अब मैं भी झड़ने वाला था।
मैं: रानी, मैं भी झड़ने वाला हूँ। कहाँ लेगी मेरा वीर्य?
वो: मेरे मुंह में राजा। पहली बार मैं तुम्हारा वीर्य टेस्ट करुँगी।
और मैं अब अपना लौड़ा निकाल कर उसके मुंह के पास आ गया और अपना पूरा सफ़ेद गाढ़ा वीर्य उसके मुंह के अंदर डाल दिया। और वो एक-एक बूंद पी गयी।
वो: हाय मेरे राजा। पहली बार इतना ज़्यादा मज़ा आया चुदाई में।
उस शाम अक्षरा ने कुछ जुगाड़ लगाया, और अपनी सहेली से झूठ बुलवा कर मेरे होटल में ही रुक गयी। हमने रात भर में 3 बार और चुदाई की। मैं मसूरी 3 दिनों के लिए गया था। एक दिन उसने मुझे आस-पास घुमाया। फिर होटल में आकर मैं अक्षरा की चुदाई करता। एक तो बहार ठण्ड, और उसमे कोई मस्त माल मिल जाए चुदाई के लिए फिर तो मज़ा ही आ जाए।
अभी तक मैं चार बार मसूरी जा चूका हूँ। और जब भी हम मिलते हैं, खूब चुदाई करते हैं। जब नवंबर 2022 में गया था तो उसने बताया कि उसके घरवाले उसके लिए लड़का देख रहे थे और उसकी शादी हो जायेगी 2023 में।
शादी से पहले वो मेरे साथ कहीं घूमने जाना चाहती है और मुझे भी उसकी गांड चोदने का मन है।
देखते हैं, क्या होता है। अगर कुछ बात बनी तो ज़रूर लिखूंगा अगली बार।
अगर किसी भाभी, आंटी, कमसिन लड़की को मुझसे मिलना या बात करनी है, तो ज़रूर [email protected] पर मेल करें। मुझे घूमने का शौंक़ है। आप जहां कहेंगी, मैं मुलाक़ात करने आ जाऊंगा।