उस रात दीदी ने चखाया अपना गीलापन-9

पिछला भाग पढ़े:- उस रात दीदी ने चखाया अपना गीलापन-8

भाई-बहन अन्तर्वासना कहानी अब आगे से-

सुधा दीदी को देखने के लिए रिश्तेदार दोपहर के वक्त आने वाले थे। लेकिन मम्मी ने सुबह से ही घर सिर पर चढ़ा कर रखा था। वह सुबह से किचन में लगी थी, ताकि सब कुछ अच्छा हो। सुधा दीदी खुद को खुबसूरत बनाने की कोशिश कर रही थी और मैं ड्राइंग रूम में बस बैठा था। मुझे कुछ भी सुझा नहीं रहा था। जिस दीदी ने खुद को मेरे सामने पूरी तरह खोल दिया था, जिनको कुछ दिनों पहले इस बात पर हंसी आ रही थी कि दुल्हन एक अजनबी लड़के के साथ एक बिस्तर पर सोने वाली है। आज वही दीदी मुझसे मुंह फेर रही थी।

कुछ देर बाद वह ऊपर वाले कमरे से नीचे आई और सीधे किचन में चली गई। वहाँ जाकर उन्होंने मम्मी से धीमी आवाज़ में कहा, “मम्मी, मेरे पास पहनने के लिए अच्छा ड्रेस नहीं है।” उनकी आवाज़ में हल्की झुंझलाहट और बेबसी साफ़ महसूस हो रही थी।