हैलो दोस्तों मेरा नाम आहान राठौर है, और जो मेरा यूजरनेम है फ़िलोगायनिस्ट आहान, इसका मतलब मैं कहानी में बताऊंगा आगे। मैं बदायूं जिले में बिनावर के पास एक गांव का रहने वाला हूं।
मेरी उम्र 25 साल है, और मैं एक स्टूडेंट हूं। लंड का साइज 6.5″ है। मैंने कई लड़कियों के साथ सेक्स किया है, और 2 भाभियों के साथ भी किया है, और एक आंटी भी मिल चुकी हैं अब तक। पर आज की कहानी पहली बार मैं जिस भाभी से मिला था उनके बारे में है। वो भी बिल्कुल सच। मैं आपको सबकी कहानियां शेयर करूंगा, पर वो सब अलग-अलग स्टोरी में बताऊंगा।
सेक्सी कहानियों का पाठक तो मैं बहुत पहले से हूं। कीपैड फोन में पड़ता था उस टाइम मैं। पर आज लिखने का मन किया तो मैं अपने आप को रोक नहीं पाया। उम्मीद करता हूं कि आपको ये कहानी पढ़ कर बहुत मजा आने वाला है। और हां, अगर कुछ गलती हो जाती है लिखने में, तो मुझे माफ कर देना। तो ज्यादा समय खराब ना करते हुए सीधे कहानी पर आता हूं।
बात उस समय की है जब मैं ग्रेजुएशन कर रहा था। 2019 में मैं फाइनल ईयर में था, तो मैं गांव से रोज ऑटो से शहर आता था कॉलेज करने के लिए। ऑटो वो जो बड़े वाले होते है ना, विक्रम नाम से जो चलते है उनसे।
ऐसे ही एक दिन मैं कॉलेज से निकल कर ऑटो का वेट कर रहा था। गर्मियों का समय था। मैं तो गांव का गबरू था, और अंगोछा गले में डाल कर चलता था। शरीर से भी काफी अच्छा हूं, बॉडी फिट है एक दम।
तभी एक ऑटो आया और मैं उसमें चढ़ गया। मैंने देखा कि सामने एक 32 साल की बहुत ही खूबसूरत भाभी बैठी थी। हमारे रोड पे बहुत ऑटो चलते हैं, तो ज्यादा भीड़ नहीं होती है। बस मैं था और वो थी, एक अंकल थे। बाकी दो लोग ड्राइवर के साथ आगे बैठे थे।
जब मैंने उनको देखा तो एक मिनट के लिए देखता ही रह गया। क्या कमाल का फिगर था उनका 34-32-40, जो मुझे बाद में पता चला। मुझे भाभियों में इंटरेस्ट कक्षा 12 से ही आने लगा था पता नहीं क्यों। बड़े-बड़े बूब्स और चूतड़ देख कर मेरे मन में एक अजीब सी बेचैनी होने लगती है।
तो जैसा की मैंने स्टार्टिंग में बोला था, कि मेरा यूजरनेम फ़िलोगायनिस्ट आहान है, जिसका मतलब होता है औरतों को चाहने वाला आहान। या फिर यूं कहिए औरतों का आशिक।
जब मैंने उनको देखा और उन्होंने मुझे देखा। काफी देर तक देखते रहे एक-दूसरे की तरफ। फिर मैंने नज़रें नीचे कर ली। फिर मैंने उनकी तरफ देखा तो वो मुझे देख के हल्के से मुस्कुरा दी, और मैंने भी हल्की सी स्माइल पास कर दी। पर कोई बात नहीं हुई हम दोनों में।
थोड़ी दूर ऑटो आगे चला था, तभी उन्होंने अपना मोबाइल निकला, जो नोकिया का एंड्रॉयड फोन था। उस टाइम मार्केट में नया ही आया था, जिसमें 1 जीबी रैम होती थी। वो फोन मुझे देखा-देखा सा लगा। दिमाग पे जोर डाला तो मुझे याद आया मैं अपने बड़े भाई को वही सेम फोन पिछले हफ्ते दिलवा के लाया था। सेम कलर था फोन का। जैसे ही मुझे याद आया मेरे मुंह से उस फोन का नाम निकल गया, नाम से मतलब मॉडल नंबर।
फोन का नाम सुनते ही उन्होंने मेरी तरफ देखा और बोली: हां ये मेरे फोन का ही नाम है।
फिर मैंने उनको उसकी सारी डिटेल बता दी, जिसे सुन कर वो भी मुस्कुरा दी, और अंकल भी जो बगल में बैठे थे।
फिर वो बोली: मैंने भी ये फोन नया लिया है। मुझे कम चलाना आता है।
मैंने कहा: कोई बात नहीं मेरे घर पे भी ऐसा ही फोन है, तो मुझे जानकारी है इसकी अच्छी खासी।
तो उन्होंने मुझसे कहा: लो मेरे फोन में ये नंबर आया है (कॉल हिस्ट्री दिखा कर बोली)। इसको सेव कर दो मेरे फोन में।
मैंने झट से फोन लेकर उन्होंने जो नाम बोला वो लिख कर सेव कर दिया।
फिर उन्होंने कहा: इसको हिंदी में कर दो।
पूरा फोन इंग्लिश में था। वो बोली मुझे इंग्लिश कम आती है। मैंने वो भी कर दिया और फोन में कहां पर क्या मिलेगा ये उनको बताने लगा। धीरे-धीरे वो मेरी तरफ खूब देखने लगी, और मैं भी। काफी देर तक ऐसे ही चलता रहा। तो मैं दूसरी तरफ देख के हल्के से मुसकाया, फिर उनकी तरफ देखा। वो एक-दम से खिली आंखों से मुझे देख कर ऐसे हसी, कि मुझे लगा की ये कुछ तो चाह रही थी।
इन सब बातों के बीच में उनका फोन मेरे पास ही था, तो मैं उसको चलाने लगा। फिर मेरे दिमाग में एक इंडिया आया। मैंने तुरंत उनके फोन से अपना नंबर लगा दिया, और एक मिस कॉल कर ली। फिर मैंने उनको उनका फोन दे दिया।
फिर मैंने उनसे पूछा: आप कहां जा रही हो?
तो उन्होंने बताया कि वो एक शादी अटेंड करने विनावार तक ही जा रही थी। फिर मैंने पूछा कि कहा से आई है तो उन्होंने बदायूं के शिवपुरम मोहल्ले का नाम लिया। फिर मैंने उनसे पूछा शिवपुरम में कहां पर, तो उन्होंने मुझे अपनी गली नंबर बताई। मेरा तो पूरा शहर घुमा हुआ है, आखिर है तो मेरा अपना शहर।
फिर मैंने उनसे उनका नाम पूछा तो उन्होंने मुझे बताया मुस्कान सिंह। जब मैं उनसे ये बात पूछ रहा था तो बिल्कुल उनकी आंखों में देख रहा था, और वो मेरी। मुझे एक-दम से बेचैनी होने लगी। मेरा लंड खड़ा होने लगा। शायद ये बात उन्होंने नोट कर ली, तो वो और ज्यादा देखने लगी, और मुस्कुरा रही थीं।
फिर उन्होंने मुझसे पूछा कि मैं कौन हूं क्या करता हूं। जब मैंने उन्हें बताया तो एक अलग चमक दिखी उनकी आंखों में। यही सब बातें करते हुए हम लोग बिनावर पहुंच गए। फिर हम लोग ऑटो वाले को पैसे देकर उतर के चलने लगे, तो उन्होंने मुझे बाय बोला, और एक जोरदार मुस्कान के साथ वो आगे चली गई, और मैं अपने गांव को।
फिर तीन-चार दिन बाद मैंने शाम के टाइम उनको कॉल किया तो उन्होंने फोन नहीं उठाया। फिर मैंने दोबारा काल किया बिल्कुल लास्ट टाइम पे उन्होंने फोन उठा लिया। बोली कौन, और मैं तुरंत आवाज पहचान गया
मैंने कहा: कैसी हो भाभी जी?
तो वो बोली: मैं ठीक हूं, पर तुम कौन बोल रहे हो?
तो मैंने कहा: इतनी जल्दी भूल गई!
तो वो बोली: नाम बताओ, मैंने आवाज नहीं पहचानी आपकी।
तो मैंने अपना नाम बताया।
तो उन्होंने कहा: कौन आहान, किसको किया है फोन? रॉन्ग नंबर।
वो कॉल कट करने वाली थी, तभी मैंने कहा: मैं वो आहान हूं जो आपको 3-4 दिन पहले जब एक एक दावत में बिनावर जा रही थी, तो ऑटो में मिला था।
तो वो बोली: ओह अच्छा, आहान। अब याद आया। पर मेरा नंबर तुम्हारे पास कैसे आया?
तो मैंने कहा: जादू से।
बोली: अच्छा तो तुम जादूगर भी हो (और जोर से हसने लगी)।
फिर मैंने पूछा: कैसी रही शादी?
तो बोली: अच्छी थी।
फिर मैंने पूछा: आपके हसबैंड क्या करते है?
तो उन्होंने मुझे बताया: वो बीड़ी के किसी ब्रांड का फील्ड का काम करते हैं।
फिर ऐसे ही हसी-मजाक होती रही लगभग एक महीने तक। एक दिन मैंने जब उनको फोन किया, तो वो उदास लग रही थीं।
मैंने पूछा: क्या हुआ?
तो उन्होंने कहा: कुछ नहीं, घर के छोटे-मोटे क्लेश हैं। तो मन अच्छा नहीं है आज।
फिर मैंने कहा: बताओ तो सही।
मेरे ज्यादा जोर देने पर वो बोली: मेरे हसबैंड से मेरा झगड़ा हुआ है।
मैंने कहा: क्यों, क्या बात हो गई?
तो बोली: मेरी शादी डेढ़ साल पहले हुई है, और वो अभी से…
मैंने कहा: क्या अभी से?
बोली: चलो छोड़ो, कोई बात नहीं।
मैंने कहा: आप मुझे अपना दोस्त मानते हो ना? तो प्लीज मुझे बताओ। तुम्हे मेरी कसम।
फिर कुछ देर चुप रहने के बाद वो बोली: कुछ नहीं वो अभी से मुझे खुश नहीं रख पा रहे।
मैंने कहा: क्या मतलब खुश नहीं रख पा रहे?
तो बोली: तुम बहुत भोले हो।
जबकि मैंने ये जान-बूझ कर पूछा था। मुझे समझ आ गया था वो क्या बोल रही थी।
फिर मैंने कहा: थोड़ा सही से बताओ ना।
तो बोली: उनका खुद तो जल्दी हो जाता है, और मुझे गरम ही छोड़ देते है। इस बात को मैंने बोला तो मुझे डांटने लगे और बोले, “चुप-चाप रहा कर ठीक है?” यहीं सारी बाते हुई थी काफी देर तक, इसलिए मेरा मूड ऑफ है।
मैंने कहा: ओह, ऐसा है क्या?
फिर मैंने उन्हें समझाया और हमारी नॉर्मल बात होने लगी। फिर इसी बात को लेकर मैं कभी-कभी उनको मज़ाक में बोलने और पूछने लगा, कि आज तो गरम नहीं हो, या आज तो गरम नहीं छोड़ दिया तुम्हारे हसबैंड ने? तो वो भी मजाक में बोल देती कर भी क्या सकती हूं।
तो ऐसे ही मजाक मज़ाक में मैंने बोल दिया: मैं हूं ना।
वो बोली: हट पगले, तुम तो मुझसे 10-12 साल छोटे हो।
तो मैंने कहा: पर काम तो बड़े वाले कर सकता हूं।
फिर उन्होंने मेरी बात मजाक में टाल दी।
फिर ऐसे ही एक दिन नॉर्मली बात हो रही थी। तो उन्होंने मुझसे कहा: कभी हमारे घर पे आओ।
मैंने कहा: मैं तो रोज आता हूं, आप बताओ कब आना है?
तो बोली: कल आ जाओ।
मैंने कहा: देख लो, मैं आ भी जाऊंगा।
बोली: आ जाना।
मैंने कहा: देख लो
बोली: हां देख लिया।
मैंने ओके बोल दिया।
अगले दिन मैं कॉलेज खत्म करके जब निकला लगभग 3 बजे होंगे। तो मैंने काल किया कि मैं आ रहा हूं।
वो एक-दम से चौंक कर बोली: सच में?
मैंने कहा: कल तुमने ही तो बोला था।
तो वो बोली: मुझे लगा तुम नहीं आओगे।
मैंने कहा: बाहर गेट पे मिलो, मैं तुम्हारी गली पर आ रहा हूं।
फिर मैं उनकी गली पे पहुंचा, तो मैंने काल किया। फिर उन्होंने गली में अंदर आने को बोला। मैं अंदर चलता गया। फिर एक गेट के अंदर भाभी को खड़ा देखा तो देखता ही रह गया। वो रेड कलर के पंजाबी सूट में एक-दम माल लग रही थी। मैं उन्हें देख कर रुक गया, तो वो बोली-
भाभी: अंदर आओ ना, बाहर ही खड़े रहोगे?
मैं घर में घुस गया। अंदर ले जाके उन्होंने पानी ऑफर किया। फिर चाय बनाने चली गई। मैं सोफे पर बैठ कर फोन चलाने लगा। चाय लेकर जब वो आई, तो मैंने उनसे पूछा-
मैं: घर में कोई दिखाई नहीं दे रहा?
तो वो बोली: हां, सास-ससुर गांव गए है, और हसबैंड काम से 2 दिन के लिए बाहर गए है।
फिर उन्होंने बोला: चाय पियो, ठंडी हो रही है।
मैंने कहा: मैं चाय ठंडी करके ही पीता हूं, आपको होना हो तो बोलो।
बोली: मतलब?
मैंने कहा: कुछ नहीं।
वो बोली: नहीं-नहीं बताओ क्या बोल रहे हो?
वो जोर देने लगी तो मैंने कहा: कुछ नहीं, मजाक कर रहा था, कि आपको ठंडी होना हो तो बताओ।
एक पल के लिए उसने मुझे देखा फिर हसने लगी और बोली: तुम भी ना!
फिर मैंने कहा: नहीं अगर ऐसा कुछ है तो बोलो. देखते है ना ट्राई करके।
पहले तो साफ माना किया। फिर मेरे ही सोफे पर आके बैठ गई और रोने लगी। फिर मैंने झट से उनको चुप कराने के लिए गले लगा लिया, और कंधे पे हाथ फेरने लगा। वो भी मेरी बाहों में एक-दम से लिपट गई। उनके बड़े-बड़े बूब्स मेरे सीने में दबने लगे। मेरा तो पूरा शरीर ही सुन पड़ गया, और लौड़ा भी जोर मारने लगा।
फिर उनका कंधा सहलाते-सहलाते मैंने उनके गले पर किस्स कर लिया। पर वो मुझसे लिपटी ही रही। मैंने फिर से उनके कान के नीचे किस्स किया तो उन्होंने फिर कुछ नहीं बोला। तो मैं उनकी गर्दन पे बार-बार किस्स करने लगा, और वो उत्तेजित होने लगी। फिर एक-दम से उन्होंने मेरे होंठ चूम लिए, और लिप-लॉक कर लिया। होंठों को चूमते-चूमते मेरे हाथ उनकी बड़ी-बड़ी चूचियों को मसलने लगे। वो और ज्यादा खुलती जा रही थी बिल्कुल। लग रहा था कब की भूखी हो।
उनके बूब्स दबाते-दबाते मैंने उनका सूट उतार दिया। अंदर काली ब्रा में 34″ साइज के मम्मे देख कर मेरा लंड झटके भरने लगा। फिर मैंने ब्रा के हुक खोल कर उनको आजाद किया, और उनके साथ खेलने और चूमने लगा। वो सिसकारियां भरने लगी उम्मम…. सीईईईई…… आआहाहाहा उम्मम… आआहाहाहाहाहा… उम्मम… सीईईईई… आआहाहाहाहाहा… आआहाहाहाहाहा
फिर वो खूब जोश में आ गई, और मेरे कपड़े उतारने लगी, और मेरे शरीर को चूमने-चाटने लगी। मुझे भी खूब मज़ा आ रहा था। फिर मैंने उनकी सलवार उतार कर अलग की, तो देखा काली पैंटी में गजब का गोरा बदन चमकने लगा।
मैं फिर उनको ऊपर से नीचे तक किस्स करते हुए आया, और उनकी पैंटी पे आ कर रुक गया। पैंटी के ऊपर से ही उनकी चूत को सहलाने लगा, और मम्मे दबाने लगा। एक को मुंह में लेके और दूसरे को चुटकी से मसलने लगा।
काफी देर ऐसा करने के बाद वो बोली: आहान प्लीज, अब करो ना। अब रहा नहीं जा रहा।
मैंने भी मौका देख कर अपनी पैंट उतार कर अपना लंड जैसे ही उनके सामने निकाला, तो वो देखती ही रह गई, और बोली: ये तो मेरे पति देव से काफी बड़ा है (और खुश भी हो रही थी)।
मैंने उनसे कहा: इसको चूसो।
उन्होंने मना कर दिया और बोली: मैं शाकाहारी हूं, मैं नहीं चुस्ती लंड को।
मेरे ज्यादा कहने पर उन्होंने उसपे किस्स किया। फिर मैंने कहा: मुंह में नहीं लेना तो कोई बात नहीं। थूक लगा के गीला तो कर दो।
फिर उन्होंने अपना थूक निकाल के दोनों हाथों से मेरा लंड गीला किया। उनके हाथ में भी जादू लग रहा था, इतने सॉफ्ट-सॉफ्ट थे। मज़ा ही आ गया। फिर मैं उनके नीचे गया, और पैंटी उतारी और चूत के आस-पास चूमने लगा। उंगली पे थूक लेके मैं उनकी चूत पर रगड़ने लगा।
वो सिसकारियां भरने लगी: ओहह… आहह अब डाल भी दो आहान अपने इस बड़े लंड को मेरी इस गरम चूत में। अब बिल्कुल बर्दाश्त नहीं हो रहा।
मैंने तुरंत अपने लंड का टोपा उनकी चूत पे सेट किया, और जोर से झटका मारा, और वो एक-दम से चिल्ला उठी: आआआहहह्ह्ह्ह… धीरे… काफी मोटा लंड है तुम्हारा आहान।
दोस्तों जब कोई सेक्स करते हुए तुम्हारा नाम ले तो अलग ही जोश आ जाता है। मैं भी जोश में भर गया और एक जोर का झटका मारा। पूरा का पूरा लंड उसकी चूत में उतर गया।
वो छटपटाने लगी बोली: निकालो इसे, मुझे बहुत दर्द हो रहा है। प्लीज निकलो।
मैं चुप-चाप ऐसे ही रुका रहा। फिर किस्स किया होंठों पे, गले पे, तो थोड़ा शांत हुई।फिर मैंने धीरे-धीरे ऊपर-नीचे करना शुरू किया, तो वो भी मेरा साथ देने लगी, और चिल्लाने लगी जोर-जोर से सिसकियों के साथ-
भाभी: आह आह ओह आह आह ओह ओह। ऐसे ही करते रहो आह आह ओह ओह।
5 मिनट बाद मैं झड़ने वाला था, पहला राउंड था इसलिए।
मैंने कहा: मैं झड़ने वाला हूं।
तो वो बोली: मैं भी।
हम दोनों जोरदार झटकों के साथ एक साथ झड़ गए
वो बोली: आज तो वाकई में मैं ठंडी हो गई।
उसके बाद हमने 2 राउंड और किए। 30-40 मिनट तक वो 3-4 बार झड़ चुकी थी, और पूरी की पूरी ठंडी और ढीली पड़ गई थी। वो उसका ही बनाया हुआ प्लान था, ये मुझे बाद में बताया उसने कि, “मैंने तुमको इसीलिए बुलाया था, घर पे आज कोई नहीं था।”
तो ये थी मेरी कहानी। आप लोगों को कैसी लगी मुझे theahanrathore@gmail.com पर मैसेज करके जरूर बताना। धन्यवाद।