हेलो दोस्तों, मेरा नाम विवेक है। मैं 22 साल का हूं, और मैं जिम करने का शौकीन हूं। बहुत ही अच्छी बॉडी बना रखी है मैंने। जिम के साथ-साथ मुझे लड़कियों का भी शौक है, तो मैं कई सारी गर्लफ्रेंड और आंटियों को चोद चुका हूं।
मेरी मां का नाम सुनीता है। वह दिखने में बहुत ही ज्यादा सुंदर, गोरी, और फिट है। घर के काम करने से मम्मी का बदन गठीला और सुंदर है। मैं जिम से आने के बाद घर पर भी हल्का-फुल्का पुश-अप वगैरा करता रहता हूं। जब मम्मी मुझे पसीने में भीगते हुए देखते हैं, तो बहुत खुश होती है, और मेरे पास आकर मुझे मेरे गाल पर किस्स करके बोलती है-
मम्मी: बस कर बेटा, अब कितना बॉडी फुलाएगा?
मैं: जब तक मेरी मम्मी को मैं अट्रैक्टिव ना लगने लगूं।
मम्मी (हंसते हुए): जा-जा, अपनी गर्लफ्रेंड्स को ही तू अट्रैक्टिव लग। मेरे लिए तो तू हमेशा ही मेरा मासूम बेटा रहेगा।
बात इसी योग दिवस की है। जब मैं घर पर बैठ कर अलग-अलग आसन में योग कर रहा था। तब मम्मी मेरे पास आई, और बोली-
मम्मी:मुझे भी योग करना है।
मैं: मम्मी इसमें बहुत कठिन-कठिन आसन होते हैं, आपसे नहीं होगा!
मम्मी: क्यों नहीं होगा? तू सिखाएगा तो जरूर हो जाएगा!
मैं: अच्छा ठीक है, लेकिन पहले आपको कपड़े चेंज करने होंगे! साड़ी ब्लाउज में योग नहीं होता। आपको टी-शर्ट और लोअर पहनना होगा!
मम्मी थोड़ी सी शरमाई, लेकिन फिर वह कमरे में जाकर लोअर और टी-शर्ट पहन कर आ गई। मम्मी लोअर और टी-शर्ट में बहुत ही ज्यादा हॉट लग रही थी। आज गर्लफ्रेंड और आंटी के बाद पहली बार मैं मम्मी को उसी नज़र से देख रहा था। उनकी बड़ी-बड़ी गांड और चूचियां बिल्कुल शानदार लग रहे थे।
मम्मी मेरे पास आकर बैठ गई, और मैं उन्हें आसन सिखाने लगा। मम्मी जब पैर फैला कर अलग-अलग आसन करती, तो मेरा लंड टाइट हो जाता।
मम्मी: मैं अच्छे से कर रही हूं ना बेटा?
मैं: हां मां, आप बहुत ही अच्छे से कर रही हो।
मम्मी: यह तेरे पैंट में क्या फूलता जा रहा है?
मैं: कुछ नहीं, मैं, वह मैंने पैंट में गेंद रखी हुई है।
मम्मी: अच्छा ठीक है। अब बता कौन सी आसन करनी है?
मैं उन्हें आसन सिखाने लगा। इस बार पैर को पीछे ले जाना था, और अकेले उनसे नहीं हो रहा था। तो मैं उनकी मदद करने लगा। उनकी मुलायम जांघो को छूकर मेरा लंड और टाइट होने लगा। उनकी चूत फूल कर उभर चुकी थी। मेरे हाथ कांपने लगे थे। उनका पैर पीछे करते समय ना जाने कब मेरा हाथ उनकी चूत पर लग गया, और मम्मी झट से अपने पैर नीचे करते हुए बोली-
मम्मी: हट, बदमाश कहीं का! इधर-उधर हाथ लग रहा है!
मैं: गलती से लग गया मम्मी!
मम्मी: अच्छा तो फिर दिखा जरा पैंट में कौन सा गेंद लिया है, जो अभी तक फूल रहा है?
मैं जब तक उन्हें रोकता, मम्मी ने झट से पैंट में हाथ डाल दिया, और मेरा लंबा लंड उनके हाथ लग गया। मम्मी का मुंह खुला का खुला रह गया। मम्मी झट से हाथ खींचते हुए वहां से कमरे में भाग गई। मैं उनके कमरे में गया और सॉरी बोलने लगा।
तब मम्मी मेरे पास आई और बोली: इसमें तेरी कोई गलती नहीं है। दरअसल मैं भी अपने आप को कंट्रोल नहीं कर पा रही हूं। तू सच बोल रहा था। मैं तेरी तरफ अट्रेक्ट हो रही हूं।
मम्मी यह सब बोलते हुए मेरे से बिल्कुल सट चुकी थी। हम दोनों एक-दूसरे के करीब थे। मम्मी के बोलने के अंदाज से साफ पता चल रहा था, कि वह भी गर्म हो चुकी थी। मैंने उन्हें बाहों में खींचते हुए अपने हाथ को उनके नितंबों पर रख दिया। मम्मी पहले थोड़ी सी सहमी, पर फिर वह भी मेरे बाहों में आ गई।
मम्मी: बेटा यह सब गलत है। अगर किसी को पता चला तो बहुत बदनामी होगी!
मैं: और किसी को पता ही ना चले तो?
मम्मी मेरी बात को समझ गई और सहमति दे दी। हम दोनों एक-दूसरे को बाहों में समाये, एक-दूसरे के होठों को चूसने लगे। मैं बिना देर किए मम्मी को बाहों में उठाया, और बिस्तर पर सुला दिया, और उनके ऊपर जाकर उनके होंठ, गाल, गर्दन और सभी अंग को चूमने लगा। मम्मी बिल्कुल गर्म हो चुकी थी। वह अपने हाथ से मेरे बदन को सहला रही थी, और मैं उनके नंगे जिस्म को चूम रहा था।
मैंने अपने बदन के सारे कपड़ों को उतार दिया, और अपना लहराता हुआ लंड मम्मी के हाथ में दे दिया। वह मेरे लंड को सहलाने लगी, और मैं उनके बदन के सारे कपड़े उतारने लगा। मम्मी अब सिर्फ पेंटी में थी। मैं उनके जांघों को चूम रहा था। फिर मैं नीचे लेटा और मम्मी मेरे ऊपर आकर मेरे लंड को चूसने लगी।
मम्मी मेरे लंड को चूस कर पूरी तरह से टाइट कर दी। फिर मैं उन्हें नीचे लिटाया, और उनकी जांघों के बीच जाकर पैंटी निकाल दिया, और फिर उनके चूत चूसने लगा। मैंने कई सारे चूत चूस हुए थे। पर मम्मी की चूत कुछ अलग ही थी।
मैं मम्मी के चूत को चूसने के बाद उनके पैरों को फैलाया, और अपना लंड उनकी चूत में डालने लगा। मम्मी हल्की सी चीखने लगी। मैंने उनके मुंह को दबाया, और अपना पूरा लंड उनकी चूत में घुसा दिया। उनकी चूचियों को सहलाते हुए उनको थोड़ा अच्छा महसूस कराया, और फिर धीरे-धीरे धक्का लगा कर उनकी चूत चोदने लगा।
थोड़ी ही देर में मम्मी मेरे बदन को सहलाने लगी, और चुदाई का आनंद लेने लगी। मैं मम्मी के पूरे बदन को मसलते हुए, उनकी चुदाई कर रहा था। फिर मैं मम्मी को उल्टा लिटाया और पीछे से उनकी चूत मारते हुए उनके गाल और गर्दन को चूमने लगा।
बाहर की चूत चोद कर मुझे उतना मजा नहीं आया जितना आज खुद की मम्मी की लेने में आ रहा था। मैं लगातार लंड अंदर-बाहर कर रहा था।
मम्मी: आआहहहह बेटा, आज तो अच्छा योग कराया। उउउफ्फफ्फ्फ़ चोद बेटे, शांत कर दे अपनी मां की चूत।
मैं लगातार मम्मी को अलग-अलग तरीके से चोद रहा था, और मम्मी ना जाने कई बार झड़ चुकी थी। उनकी चूत से पच-पच की आवाज़ आने लगी थी। मैं जोर-जोर से मम्मी को चोदते हुए उनकी चूत में झड़ गया। मैं मम्मी के ऊपर निढाल पड़ा रहा। मम्मी मुझे अपनी बाहों में लेकर कभी गाल तो कभी गर्दन को चूम रही थी। आज मम्मी बहुत खुश लग रही थी। हम दोनों साथ में नहाने गए और फिर हम दोनों तैयार हो गए। मम्मी बोली-
मम्मी: योग तो तूने करा कर मेरी चूत में दर्द कर दिया।
मैं मम्मी के चूत को कपड़े के ऊपर से मसलते हुए बोला: कोई बात नहीं मम्मी, एक दो बार और चुदेगी तो सब दर्द दूर हो जाएगा।
मम्मी हंसते हुए बोली: हाय, कितना बदमाश हो गया है तू!
कहानी समाप्त।