हैलो दोस्तों मेरा नाम अंकित गोयल है। मैं अपनी पहली कहानी लिखने जा रहा हूँ। आशा करता हूँ कि आपको अच्छा लगेगा। अगर आपको यह कहानी अच्छी लगे तो आप मुझे फीडबैक के लिए ई मेल करें। मैं ऐसे ही कहानियाँ लेकर आपके सामने हाजिर होता रहूँगा। तो आइये अब कहानी शुरू करते हैं।
अच्छा तो जैसा कि आप सब जानते हैं, कि गोकुलधाम की सारी महिलाएं माँ बन चुकी हैं, लेकिन सिर्फ बबिता और अंजलि ही हैं जिनके कोई अभी बच्चे नहीं हैं। इसलिए एक दोपहर अंजलि और बबिता आपस में एक-दूसरे से बात कर रही है, और वो सोच रही है क्यों ना अब वे भी माँ बन जाए। तो इस पर बबिता कहती हैं कि वो इस बारे में अय्यर से बात करेगी और अंजलि भी इस बारे में तारक से बात करने वाली थी।
रात के समय जब अय्यर ऑफिस से घर आता है तो बबिता उसे वेलकम करती है और फिर वो दोनों डिनर करने के लिए बैठ जाते हैं डिनर टेबल पर। बबिता थोड़ी शरमाती हुई अय्यर से कहती है कि क्यों ना उन्हें अब बच्चा कर लेना चाहिए। अय्यर एक-दम से चौंक जाता है और बबिता को कहता है “क्या!” इस पर बबिता कहती है कि हाँ उसने ठीक सुना।
वो प्रेग्नेंट होना चाहती है। फिर अय्यर थोड़ा सोचता है, और उसके बाद मान जाता है। वह बबिता को कहता है कि वह सोडा पीने जा रहा है, और जब वह वापस आएगा तो बबिता उसके लिए तैयार रहें। और ये कह कर वह सोडा पीने चला जाता है।
अय्यर के जाने के बाद बबिता पहले थोड़ा शरमाती है, और फिर बाथरूम में चली जाती है। बाथरूम में जाकर पहले वह अपने सारे कपड़े उतारती है, और फिर ब्लैक कलर की ब्रा और पेंटी पहन लेती है, जो कि ट्रांसपैरेंट थी दोनों ही। उसके बाद वह एक ब्लू कलर का चमकदार सूट पहनती है, और नीचे लाल कलर की सलवार होती है हाथों में खनकती हुई चूड़ियां थी। कानों में झुमके, गले में एक सुंदर सा हार पैरों में पायल और घर की लाइट थोड़ी डिम कर देती है।
चारों तरफ एयर फ्रेशनर की वजह से बहुत अच्छी खुशबू आ रही थी। बबिता भी बहुत अच्छा परफ्यूम लगा लेती है। वह अपने बालों को खुले ही रखती है। मांग में सिंदूर और गले में मंगलसूत्र पहनती है, और थोड़ी लो हील्स पहनती है। अब वह पूरी तरह से अय्यर के लिए तैयार थी।
अय्यर जब सोडा पीके वापस आता है, तो बबिता ने दरवाजा खुला ही रखा होता है। तो वह सीधा अंदर आ जाता है। अंदर आके वह देखता है एक डिम लाइट, इतनी अच्छी खुशबू, और बहुत ही रोमांटिक माहौल होता है। फिर वह आवाज देता है “बबिता, बबिता”। आवाज सुन कर बबिता बेडरूम से धीरे-धीरे कैटवॉक करते हुए बाहर आती है, क्योंकि उसने पैरों में पायल पहनी हुई थी तो पूरे घर में छ्न छ्न छन छ्न की आवाज गूंज रही थी।
बबिता धीरे-धीरे अय्यर के पास आती है। अय्यर उसे देखते ही रह जाता है, क्योंकि वह इतनी ज्यादा खूबसूरत लग रही थी, और अब आप सब जानते ही हैं बबिता की ब्रेस्ट का साइज तो। और ऊपर से उसने एक दम फिट सूट पहना हुआ था। अय्यर उसे देख के पागल हो जाता है। अय्यर कहता है, “बबिता अब एक बच्चे से काम नहीं चलेगा लगता है। 10-12 बच्चे तो करने ही पड़ेंगे”।
इसके बाद वह बबिता का हाथ पकड़ कर उसे बेडरूम में ले जाता है। बबिता शर्माती हुई अपनी पायल की छ्न छ्न की आवाज के साथ बेडरूम में चली जाती है। अय्यर बेडरूम का दरवाजा बंद कर लेता है।
क्योंकि अय्यर को पता था कि आज उसे बबिता के साथ सेक्स करना था। इसीलिए उसने अब्दुल की दुकान पे ही वायग्रा की दो गोलियां खा ली थी। ऊपर से बबिता इतनी हॉट लग रही थी कि अय्यर का लंड पूरी तरह से खड़ा हो गया था। वह बबिता का हाथ पकड़ता है और उसे झटके से अपनी ओर खींचता है, जिससे बबिता अय्यर से टकरा जाती है।
बबिता की चूचियां अय्यर के सीने में गढ़ रही थी, और उसका खड़ा लौडा बबिता को महसूस हो रहा था अपने पेट पर। अब बबिता थोड़ा शर्मा जाती है। अय्यर अपना एक हाथ उसकी कमर में डाल देता है और दूसरे हाथ से उसके चूत्तड़ पकड़ लेता है, और ज़ोर से दबा देता है बबिता के मुँह से आह निकल जाती है। अब अय्यर और बबिता बिल्कुल नजदीक थे। उनके बीच में किसी चीज़ के लिए कोई जगह नहीं थी।
उनकी सांसें एक-दूसरे से टकरा रही थी उनके होंठ एक-दूसरे को खा जाने के लिए तैयार थे। बबिता भी पूरी तरह से तैयार थी माँ बनने के लिए। अब अय्यर आगे बढ़ता है, और बबिता को गाल पे एक किस कर देता है जिससे बबिता थोड़ा सहम जाती है। अब वह अपने दोनों हाथ बबिता के गालों पर रखता है, और उसे अपने पास ले आता है, और अय्यर बबिता के होठों पर किस करना शुरू कर देता है।
इस समय बबिता ने अपने हाथों को अय्यर की कमर पर रखा हुआ था। अय्यर उसके नीचे वाले होठ को पकड़ लेता है, और ऐसे चूसता है जैसे कोई छोटा बच्चा आइसक्रीम चूस रहा हो। वह उसे लगातार चूसता रहता है। इतना चूसता है कि अय्यर के दांत उसमें गढ़ जाते हैं और उसके होंठ पे खून आ जाता है।
फिर बबिता कहती है, “पागल हो गए हो क्या? ऐसे तो तुम मुझे खा ही जाओगे”। फिर अय्यर थोड़ा होश में आता है और उसके होठों पर नॉर्मल किस करना शुरू करता है। अब पूरे कमरे में सिर्फ उनके किस की आवाजें गूंज रही थी पुच… पुच… पुच… पुच…
बबिता की सांसें तेज हो रही थी। उन दोनों का ये चुंबन लगभग 15 मिनट चलता है।इसके बाद अय्यर और बबिता ने एक-दूसरे को देखा, और उन दोनों के चेहरे पर एक दूसरे का थूक लगा हुआ था। इसे देख कर वो दोनों स्माइल करते हैं।
उसके बाद अय्यर बेड पे बैठ जाता है और बबिता को अपनी गोद में बिठा लेता है अब अय्यर का खड़ा लंड़ बबिता की गांड में चुभ रहा था। बबिता को यह बहुत अच्छा लग रहा था। फिर वह बबिता की गर्दन से बालों को हटाता है, और धीरे से उसके नेकलेस को उतार देता है और उसकी गर्दन पर किस करना शुरू कर देता है। अब बबिता धीरे-धीरे मौन करना लगती है, और बबिता कि चूत पानी छोड़ना शुरू कर देती है।
बबिता ने अपने हाथों से बेड को कस कर पकड़ा हुआ था और वह बस मज़े ले रही थी। अय्यर उसे चाट रहा था। उसकी गर्दन को चाट रहा था और अपने हाथ अय्यर ने बबिता की जांघों पर रखे हुए थे। बीच-बीच में वह उसकी वजाइना को भी छू रहा था। इस तरह से किस करने के बाद अय्यर बबिता के हाथों को पकड़ लेता है, और धीरे-धीरे अपने हाथ उसकी बाहों के ऊपर ले जाने लगता है।
वो उसके कंधों तक पहुँच जाता है, और उसके कंधों से सूट को हटा देता है। फिर पीछे की डोरी खोल कर उसकी काले रंग की ब्रा स्ट्रैप बाहर आ जाती है और सूट चूचियों से थोड़ा नीचे चला जाता है तो उसकी चूचियां भी दिख रही थी। उनके बीच में मंगलसूत्र फंसा हुआ था। वह फिर से उसकी कमर में किस करता है। फिर वह उसी पोजिशन में बैठे-बैठे बबिता को सूट निकालने को कहता है।
बबिता को थोड़ी मुश्किल होती है, पर वह सूट निकाल देती हैं। जैसे ही सूट निकलता है, अय्यर कस कर उसके पेट को पकड़ लेता है और उसकी कमर को चाटने लगता है। अय्यर उसकी बरा भी उतार के फेंक देता है, और फिर आप सब जानते हैं कि क्या हुआ होगा। अय्यर उसकी चूचियों को ज़ोर से पकड़ लेता है और ज़ोर-ज़ोर से दबाने लगता है। क्योंकि बबिता का मंगलसूत्र उसकी चूचियों के बीच मे फसा हुआ था, तो अय्यर के जोर से दबाने के कारण मंगलसूत्र बबिता की चूचियों में गड़ जाता है।
इसके कारण बबिता को दर्द होता है और बबिता की चीख निकल जाती है आहहह… और बबिता की चूचियों से खून निकल जाता है। उसके बाद अय्यर बबिता के पिंक निप्पलस को अपनी उंगलियों से मसलता है, जिसकी वजह से बबिता को दर्द होता है और वह बोलती है कि, “आराम से करो ना अय्यर, ऐसे तो मैं दर्द से मर जाऊंगी”।
पर अय्यर बबिता कि बात पर ध्यान नहीं देता, और लगातार बबिता की गोरी-गोरी चूचियों को दबाता रहता है, और बीच-बीच में उसके पिंक निप्पलस को मसलता रहता है, जिसके कारण बबिता को दर्द हो रहा था, और वह चीख रही थी, “आहहह आहहह आहहह माँ, मर गई आहहह”। और उसकी आँखों में आंसू आ जाते हैं। पूरे कमरे में बस बबिता की चीखें और उसके रोने की आवाज गूंज रही थी।
फिर अय्यर उसकी सलवार का नाड़ा पकड़ता है, और उसे झटके से खोल देता है। फिर बबिता को खड़ा करता है, जिससे उसकी सलवार नीचे गिर जाती है। फिर वह उसकी पेंटी को फाड़ देता है, और खुद भी अपने सारे कपड़े उतार देता है, तो अब आप सोच सकते हैं कमरे में क्या सीन होगा। बबिता जैसी हॉट औरत बिल्कुल नंगी खड़ी थी अय्यर के सामने चुदने को तैयार।
अब अय्यर बबिता को अपनी गोद में उल्टा लिटा लेता है। मतलब अय्यर बैठा हुआ था और बबिता की पेट अय्यर के घुटनों पे था, और वह बेड पे उल्टी लेटी हुई थी। जिससे कि बबिता के चूतड़ अय्यर के मुँह के सामने थे। अब अय्यर वहाँ पड़े आइस बॉक्स में से बर्फ़ का एक टुकड़ा निकलता है, और उसे बबिता की कमर पर लगाता है। क्योंकि सर्दी का मौसम था, और एक-दम से बर्फ़ लगने से बबिता को बुरी तरह से झटका लगता है।
अब वो धीरे-धीरे बर्फ़ को उसकी गांड के छेद के पास ले जाता है, और धीरे से बर्फ़ को बबिता की गांड के छेद में डाल देता है। जिससे बबिता को दर्द होता है तो बबिता करहाती है आहह आहह। अय्यर अपने दोनों हाथों से बबिता के चूतड़ों को ज़ोर-ज़ोर से दबाता है। बीच-बीच में उन पर थप्पड़ भी मारता है।
जैसे ही वह थप्पड़ मारता है बबिता के मुँह से आहह निकल जाती है दर्द के कारण। फिर वह बबिता की चूत में अपना हाथ रख देता है, जिससे मानो बबिता कांप जाती है एक-दम से। फिर वह बिना कुछ सोचे एक-दम से अपनी दो उंगलियां बबिता की चूत के अंदर डाल देता है। अब बबिता के मुँह से सिसकारियां निकलने लगती है, “आहह आहह आहह आहह आहहह”।
अय्यर अपनी उंगलियों को ज़ोर-ज़ोर से अंदर बाहर करने लगता है, जिससे बबिता पानी छोड़ देती है। बबिता सिसकारियां लिए जा रही थी। अब वह बबिता को बेड पे लिटा देता है। बबिता बिल्कुल नंगी बेड पर लेटी हुई थी, और सेक्स के लिए तड़प रही थी। अब अय्यर बबिता के ऊपर जाता है। पहले उसके गालों पर किस करता है। फिर उसके होठों पर बहुत ज़ोर से किस करता है, जिसकी वजह से पहले जहाँ होंठ फटा था वहाँ से दोबारा खून आने लगता है।
फिर अय्यर बबिता की चूचियों पर किस करता है उनके निपल्स को जोर से काटता है, जिसकी वजह से बबिता की आंख में आंसू आ जाते हैं दर्द के कारण। फिर वह उसके पेट को चूमना शुरू करता है। बबिता की नाभि को तो मानो वो खा ही जाएगा।
फिर वह उसकी चूत के पास आता है। उसकी टांगों को किस करता है। उसके चूतड़ों को दबाता है, और अब अय्यर का लोड़ा भी पूरी तरह से खड़ा हो गया था। लोड़ा बबिता को प्रेग्नेंट करने के लिए बिल्कुल तैयार था। बबिता से भी रहा नहीं जा रहा था, तो वह कहती हैं, “अय्यर अब मुझे और मत तड़पाओ, प्लीज़ मेरे साथ सेक्स करो ना”।
आज की कहानी को यहीं विराम देता हूँ। इससे आगे की कहानी अगले पार्ट में। आशा करता हूँ कि आपको यह कहानी अच्छी लगी होगी। इसकी फीडबैक के लिए आप मुझे ईमेल कर सकते हैं [email protected] पर। और मैं ऐसी ही कहानियाँ लेकर आपके सामने आता रहूंगा। तब तक के लिए अपनी लाइफ को इंजॉय करते रहे।
अगला भाग पढ़े:- बबिता जी की मां बनने की इच्छा-2