बड़ी बहन के साथ सुहागरात-2

हेलो दोस्तों, मेरा नाम सोनू है। कहानी के पिछले भाग में आपने पढ़ा था, कि कैसे मुझे मेरी बड़ी बहन से प्यार हो गया और मैं उनकी पैंटी में मुठ मारते हुए पकड़ा गया। फिर दीदी ने मुझे काफी डांटा। अब आगे-

उसके बाद मैं डर की वजह से दीदी से दो दिन बोला नहीं। तीसरे दिन दीदी बोली-

दीदी: सोनू बाबू, मैंने तुझे डांट दिया, तो क्या मुझसे कभी बात नहीं करेगा?

मैं सोच रहा था, कि तीर सही लग गया। चलो गलती से ही सही, काम तो बन गया। दीदी की आंखों में आंसू थे।

दीदी बोली: तू गलत सोचता है। ये सब ठीक नहीं है।

तो मैं बोला: दीदी मैंने आपको कुछ बोला ही नहीं।

दीदी बोली: तू बात क्यों नही करता?

आगे हमने बात खत्म कर ली और सोने लगे।

फिर दीदी बोली: तेरी गर्लफ्रेंड नहीं है कोई?

मैं बोला: आपके जैसी नहीं मिलती।

इसपर दीदी बोली: मुझमें क्या अच्छा लगता है तुझे?

मैंने बोला: शर्म आ रही है।

दीदी बोली: मेरी पैंटी में जो कर रहा था, उसमे शर्म नहीं लगी? बोल ना क्या अच्छा लगता है?

फिर मैं बोला: आपके होंठ, आपके दूध और कमर।

दीदी शर्मा कर बोली: बड़ा हो गया मेरा भाई।

ये बात करते हुए दीदी समझ गई, कि मैं उसके चूचे देख रहा था।

फिर दीदी बोली: मैं तेरा एक काम कर सकती हूं। तू मेरे साथ कोई एक काम कर ले। या तो किस कर ले, या मेरे बूब्स पी सकता है।

मैंने फट से हां बोला और दीदी को बोला-

मैं : मैं आपका दूध पियूंगा।

तो दीदी बोली: पहले तू भी नंगा हो।

फिर मैंने सारे कपड़े निकाले और नंगा हो गया। दीदी मेरा लंड देख कर हसने लगी। मेरा लंड तन्न कर 6.3 इंच का हो गया था। फिर दीदी ने अपनी नाइटी निकली। नीचे दीदी ने जाली वाली गुलाबी पैंटी पहनी थी। मैं दीदी के ऊपर चढ़ गया और एक हाथ से दीदी की चूची मसलनी और दबानी शुरू की।

फिर मैं एक चूची को मुंह में डाल कर चूसने लगा। 10 मिनट के बाद दीदी की चूची तन गई थी और चूसने, मसलने और काटने की वजह से सफेद से लाल पड़ गई थी। दीदी की हालत खराब हो रही थी और दीदी बहुत गर्म हो गई थी।

फिर दीदी ने कहा: चोद दे! अब नही रहा जाता।

मैंने दीदी की पैंटी फ़ाड़ दी और दीदी की चूत देख कर पागल हो गया। एक दम गुलाबी चूत और उस पर घुंघराले सुनहरे बाल थे। मैंने दीदी की चूत में जीभ डाल कर दीदी को तड़पाया। दीदी मेरे सिर को अपनी चूत में दबा रही थी। 5 मिनट के बाद दीदी ने मेरे मुंह में पानी छोड़ दिया।

फिर मैंने दीदी के मुंह में लंड डाल कर चुसवाया और मैंने दिव्या दीदी के मुंह में 2 मिनट में पानी छोड़ दिया। उसके बाद हम दोनों बैठ गए। मैंने दीदी से बोला-

मैं: दीदी मैं आपको दुल्हन की तरह चोदना चाहता हूं।

दीदी ने बोला: मुझे 10 मिनट दे।

फिर मैं नंगा बैठा रहा बेड पर। दीदी पार्लर का काम जानती थी, तो वो तैयार होकर आ गई। रात के 2 बज रहे थे। दीदी ने पिंक ब्लाउज, गोल्डन साड़ी और साथ में लाल चुनरी ओढ़ी थी। गहरे लाल होंठ किए थे दीदी ने।

फिर वो आकर बेड पर बैठ गई। मैंने दीदी की चुनरी हटा कर फेंक दी और दीदी की साड़ी धीरे-धीरे से उसके बदन से अलग कर दी। दीदी शर्मा रही थी। मैंने साड़ी के बाद उसका ब्लाउज उतारा और उसको चूमने भी लगा। दीदी की तेज़ सांसों के साथ, उसके 36″ के चूचे भी ऊपर-नीचे हो रहे थे।

फिर मैंने दीदी का पेटीकोर्ट उतारा। दीदी ने नीचे काली ब्रा पैंटी पहनी थी। मैंने दीदी की ब्रा पैंटी उतार दी और उसको 10 मिनट की किस की। फिर जब चूत के मुंह पे लंड लगा कर धीरे से धक्का लगाया, तो लंड का सुपाड़ा दीदी के छेद में घुस गया। थोड़ा जोर लगाया, तो लंड आधा चूत में चला गया। दीदी की आंख से आंसू निकल आए, तो मैं बोला-

मैं: क्या हुआ दीदी?

तो उसने सिर हिला दिया। मैं समझ गया, कि दीदी चूत से खून आ रहा था। फिर मैं दीदी से बोला-

मैं: दीदी अपने मुझे स्वर्ग दे दिया। आपनें अपनी सील अपने भाई से तुड़वाई है।

दीदी बोली: मैं तेरे लिए जान दे दूं, तो जिस्म क्या है।

दीदी की आंखों से आंसू निकल रहे थे। मैंने दीदी के ऊपर लेटे हुए ही दीदी को चूची पर किस किया। फिर मैंने दम लगा कर लंड दीदी की चूत में धकेल दिया। लंड छेद में पूरा चला गया और खून निकल रहा था। फिर मैंने दीदी को चोदना शुरू कर दिया। मेरा लंड अब अंदर-बाहर हो रहा था।

दीदी 10 मिनट के बाद झड़ चुकी थी, लेकिन मैं अभी तक झड़ा नहीं था। मैंने दीदी की चूत का भोंसडा बना दिया था। फिर जब मैंने चूत से लंड निकाला, तो पूरा लंड खून और दिव्या दीदी की चूत के पानी से सना हुआ था। दीदी ने देखा तो दीदी बोली-

दीदी: मेरी चूत फाड़ कर अब तो खुश है।

और ये बोल कर दीदी मुस्कुराई। मैंने दीदी को बोला-

मैं : दीदी मैं अभी नहीं झड़ा हूं ।

दीदी ने कहा: चूत तो दे ही दी है तुझे, तो और चोद ले नहीं झड़ा तो।

मैंने दीदी को लिप किस करते हुए कहा-

मैं: दीदी मुझे आपकी गांड भी मारनी है।

दीदी बोली: तू पागल है? सब चूत चोदते हैं, और तुझे गांड चाहिए।

मैंने दीदी की चूचियों को मसलने लगा और दीदी की गर्दन पे काटने लगा। दीदी फिर से गर्म होने लगी। मैंने दीदी को बोला-

मैं: दीदी एक बार ही करूंगा। प्लीज गांड मारने दो।

बहन बोली: तू मानेगा नहीं, चल कर ले।

फिर मैंने दीदी के मेकप वाले सामान से क्रीम निकाली और दीदी को दी। मैंने अपना लंड दीदी की ब्रा से साफ किया और दीदी ने मेरे लंड पर क्रीम लगाई। फिर मैंने दिव्या दीदी को घोड़ी बनने को कहा और दीदी ने वैसे ही किया। दीदी घोड़ी बन गई और मैंने दीदी के हाथ से क्रीम लेकर दीदी की गांड में ठीक से भर दी। मैंने छेद के अंदर तक उंगली डाल कर क्रीम लगाई।

फिर मैंने दीदी की चुनरी लेकर दीदी की और अपनी जांघें बांध ली, ताकि जब दीदी की गांड में लंड घुसे, तो दीदी गांड हटाए नही। फिर मैंने दीदी की गांड के छेद पर लंड सेट किया और ज़ोर का झटका दिया। पहली बार में दीदी की गांड में लंड ठीक से घुसा नहीं। फिर मैंने ज़ोर लगा कर झटका मारा, तो आधा लंड दीदी की गांड में घुस गया। दीदी की चीख निकल गई और दीदी रोती हुई बोली-

दीदी: सोनू साले कुत्ते! इतना तो चूत फटने पर भी दर्द नहीं हुआ। ऐसा लग रहा है, जैसे गांड फट गई हो।

पर सच बताऊं दोस्तो, तो मेरे लंड में भी लग गई थी, क्योंकि गांड बहुत टाइट थी।

फिर दीदी बोली: तू लंड निकाल ले। तू चाहे तो पूरा दिन और पूरी रात तेरे साथ नंगी रहूंगी, तू चोदते रहना मुझे। लंड बाहर निकल ले बस। मैं मर जाऊंगी।

मैंने चार-पांच शॉट मारे और दीदी को बहुत तकलीफ हो रही थी। फिर मैंने लंड बाहर निकाल लिया दीदी की गांड में से। इससे दीदी को थोड़ी शांति मिली और वो मेरे गले लग गई। मैं थोड़ी देर दीदी को बाहों में लेकर बेड पर लेट गया। जब दीदी पूरी तरह शांत हो गई, तो मैंने दिव्या दीदी से पूछा-

मैं: दीदी मेरा लंड तो झाड़ दो।

दीदी बोली: मारेगा क्या अपनी दीदी को? अब आखिरी बार करना।

फिर मैंने दीदी को कुतिया बना कर चोदा। दीदी को पीछे से चोदते हुए जब मैं झड़ने पे आ गया, तो मैंने दीदी से पूछा-

मैं: माल़ कहा निकालूं?

तो दीदी बोली: अंदर ही डाल दे।

फिर मैंने तीन-चार शॉट मारे और दीदी की चूत में मेरे लंड ने पिचकारी छोड़ दी। इससे दीदी भी शांत पड़ गई और दीदी उल्टी ही बिस्तर पे पड़ गई। मैं भी दीदी के चूतड़ पे गिर गया। फिर 5 मिनट बाद दीदी ने मुझे हटाया। फिर उन्होंने साड़ी और बाकी कपड़े अलमारी में डाले। उन्होंने बेड शीट हटाई, जिसपे बहुत सारा मज़ा और खून गिरा था।

फिर चादर से ही दीदी ने चूत साफ करी और बाथरूम में धोने के लिए डाल दी। दीदी नंगी ही बाथरूम से बाहर आई। दिव्या दीदी से चला नहीं जा रहा था। फिर मैंने उनसे पूछा-

मैं: दीदी ज़्यादा परेशानी हो रही है क्या?

तो दीदी बोली: साले सारी चूत फाड़ दी, अब पूछ रहा है! कोई बात नहीं, फर्स्ट टाइम में प्रोब्लम होती है मेरे राजा।

फिर हम दोनों रात के 3 बजे नंगे ही सो गए। सुबह 7 बजे उठे, तो सब उठ चुके थे। दीदी उठी और फिर मुझे उठाया। हमने मार्निंग किस की और उसके दीदी नंगी ही फ्रेश होने चली गई। फिर मैं निक्कर पहन कर बाहर आ गया। कुछ दिन बाद दीदी को कुछ प्रॉब्लम हो रही थी, तो दीदी ने प्रेगा न्यूज किट मंगाई। मैंने किट लाकर दी और दीदी ने चेक किया, तो पॉजिटिव आया।

मुझे इन चीजों की जानकारी नहीं थी, तो दीदी ने मुझे बताया-

दीदी: तू बाप बनने बाला है।

मेरी ये खबर सुन कर गांड फट गई। फिर दिव्या दीदी ने मुझे किस करते हुए बोला-

दीदी: तू परेशान ना हो, मैं दवाई लाकर खा लूंगी।

कुछ दिन ऐसे ही दीदी के साथ चुदाई का खेल चलता रहा। फिर हम सेफ्टी इस्तेमाल करने लगे, तांकि हम दोनों को कोई परेशानी ना झेलनी पड़े। आप लोग भी सेफ्टी यूज किया करें। कुछ दिन बाद दिव्या दीदी की शादी हो गई। मैं फिर उनके नाम की मुठ मरता था। दीदी की शादी के बाद भी, दीदी जब कभी आती है, तो कम से कम एक बार चुदवाती ज़रूर है और पैसे भी देती है।

शुक्रिया दोस्तों, स्टोरी पढ़ने के लिए।

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