दो गायें और दो सांड-3

पिछला भाग पढ़े:- दो गायें और दो सांड-2

अन्तर्वासना सेक्स कहानी अब आगे से-

असलम मेरे सामने आ कर खड़ा हो गया। मैंने असलम का लंड मुंह में लिया। कुछ देर लंड चूसने के बाद मैंने असलम को बोला, “चलो असलम अंदर चलो और मेरी चूत का पानी छुड़ाओ, रगड़ाई वाली चुदाई का मजा दो मुझे।”

अंदर जा कर मैंने साड़ी चूतड़ों से ऊपर कर दी और चड्ढी उतार दी। चूतड़ पीछे करके मैं बेड के किनारे पर उल्टा लेट गयी। असलम पीछे खड़ा हो कर और मेरे चूतड़ों पर हाथ फेरते-फेरते मेरी गांड के साथ खिलवाड़ कर रहा था, और साथ ही साथ बोल रहा था, “क्या मस्त चूतड़ हैं। दिल करता है दिन भर चाटता चोदता ही रहूं।”

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