पिछला भाग पढ़े:- मां को चोदने के लिए लोगों ने उकसाया-20
गार्गी की तरह ही इस औरत संपा से पहली बार ही मिल रहा था लेकिन कुतिया ने मेरे बारे में सारी जानकारी निकाल कर रखी थी। लेकिन मुझे समझ नहीं आ रहा था कि इस रंडी को मेरे बारे में किसने यह सब बताया। समझ में आ गया कि इस औरत से कुछ भी छिपाना बेकार था।
मैं: संपा मैडम, अभी नाम मत पूछना, आज एक नई औरत ने बुलाया है। उसने कहा कि पहले मेरे हाथ का खाना खाना और फिर मुझे जितना खाने का मन करे खाना। मैडम आज पूरी रात बाहर रहने का परमिशन लेने आया हूं। कल सुबह मेरी मां आ रही है। हेडमास्टर साहब ने कल का पूरा दिन और रात बाहर रहने का परमिशन दे दी है, वो भी बताने आया था।
संपा: ठीक है अभी तुम्हारी नई कुतिया का नाम नहीं पुछूंगी। मित्रा साहब अपने बेटे के साथ बाहर गये है, कल शाम को आयेंगे। तुम्हारी मां की ट्रेन कब आती है?
मैं: मां हावड़ा देहरादून मेल से आ रही है। 8 बजे आती है।
संपा: वो ट्रेन हमेशा डेढ़-दो घंटा लेट रहती है। नई कुतिया को चोद कर पहले मेरे घर आओगे, मुझे पूरी रिपोर्ट दोगे, और उसके बाद ही अपनी मां को चोदने जाना। अगर अभी तक अपनी मां को नहीं चोदा है, तो कल ही होटल में चोद लेना। मेरे जैसी औरत को सैकड़ों बार चोद कर जितना मज़ा आयेगा उससे ज़्यादा मज़ा अपनी मां को एक बार चोदने में ही आयेगा।
साली एक और औरत मां को चोदने के लिए उकसा रही थी।
नौकरानी: मैडम लेट हो रहा है।
संपा: अगर अपनी नई कुतिया को चोदना है, अपनी मां की गांड मारनी है, तो जल्दी से नंगे हो जाओ। नहीं तो यहां से जाने नहीं दूंगी। अभी शिकायत कर दूंगी कि घर में मुझे अकेला देख कर तुम ज़बरदस्ती कर रहे थे। जल्दी से कपड़े खोलो।
मैं बुरी तरह से फस गया था। एक तो इसे मालूम था कि मैं किस-किस को चोद रहा था। दूसरा ये हरामजादी धमकी भी दे रही थी। मैं क्या करता? तो मैं नंगा हो गया। संपा और नौकरानी दोनों ने एक साथ लंड को पकड़ा और साथ ही मसलने लगी।
नौकरानी: मैडम, सीमा ने ग़लत नहीं कहा था, ये घोड़े के लंड जैसा ही है।
संपा: अपनी मां से मुझे भी मिलाना, रंडी से पुछूंगी कि किस घोड़े से चुदवा कर हरामजादी ने तुम्हें पैदा किया। हम भी तो देखें कि ये सिर्फ़ देखने में ही बढ़िया है कि काम भी बढ़िया करता है। अभी 6 भी नहीं बजे है। हम दोनों को खुश कर दे और उसके बाद तुम्हें अपने सर से परमिशन लेने की ज़रूरत नहीं रहेगी। हर रात बाहर गुज़ारो लेकिन हर हफ़्ते कम से कम दो बार तुम हम दोनों को चोदोगे।
मेरा सोचना ग़लत नहीं था। चुदाई की ज़रूरत हम मर्दों से ज़्यादा औरतों को होती है। ये दो औरत जिनसे मैं पहली बार ही मिल रहा था मुझसे चुदवाना चाहती थी। मैं भी क्यों मौक़ा चूकता? मैंने पहले संपा को नंगा किया और थोड़ी देर उसकी मदमस्त जवानी को घूरता रहा। उसके बाद मैंने उसकी नौकरानी को भी नंगा किया।
नौकरानी: अमित, मेरा नाम सपना है, मैं सीमा की बड़ी बहन हूं और अपनी इस संपा दीदी की नौकरानी हूं।
संपा ने सपना की बूर को ज़ोर से दबाया।
संपा: कुतिया, झूठ क्यों बोल रही है रंडी? अमित, ये लड़की मुझे इतनी पसंद आई कि मैंने इसकी मां को एक लाख रुपया दिया और अब ये हर हमेशा हमारे साथ ही रहती है। ये साथ ही नहीं रहती, हम दोनों साथ ही तुम्हारे मित्रा साहब से चुदवाते हैं। मेरे दोनों बच्चों को भी हमारा ये रिश्ता मालूम है।
सपना 24 साल की थी और संपा 42 साल की। दोनों के बीच का प्रेम और स्नेह शायद कहीं और नहीं दिखता। सात साल से दोनों औरत साथ रह रही थी। दोनों एक ही आदमी से चुदवा रही थी।
मैं: मैडम आप दोनों की जवानी मुझे ललचा रही है। आप दोनों एक ही आदमी की पत्नी हैं। आप दोनों एक ही आदमी से प्यार करती हैं फिर मुझे क्यों पाप में डाल रही है?
संपा: बेटा, ज़्यादा शराफ़त दिखाने की ज़रूरत नहीं है। देखो तुम्हारा सांप ( लंड ) हमारी बिल ( बूर ) के अंदर घुसने के लिए कितना बेताब है। और तुम्हें यह सोच-सोच कर खुश होने की ज़रूरत नहीं कि हमारे घरवाले के अलावा तुम ही हमें चोद रहे हो। इससे पहले हमने ना यहां के किसी स्टूडेंट्स के साथ सेक्स किया है और ना यहां के चुदक्कड़ आदमियों के साथ ही चुदाई की है।
संपा: लेकिन हम दोनों बीच-बीच में शहर जाते हैं। एक ख़ास होटल में हमारे कस्टोमर हमें हमारी क़ीमत देकर चोदते हैं। हम औरतों के बूर की, हमारी जवानी की बहुत क़ीमत हैं। सिर्फ़ तुम्हारे जैसे सांड और घोड़ों के जैसे चोदने वाले के साथ ही मुफ़्त में चुदवाते है लेकिन बाज़ार में हमारी क़ीमत बहुत ज़्यादा है। हम दोनों को खुश करो और रात भर जिस रंडी को चोदना है चोदो। लेकिन याद रखो, सुबह 6 बजे मैं तुम्हारा इंतज़ार करुंगी।
वार्डन की घरवाली की बात सुन कर समझ गया कि ये दोनों बिना चुदवाये मुझे बाहर नहीं जाने देंगी। उस समय शाम का छह ( 6:00) ही हुआ था। गार्गी मैडम ने आठ बजे बुलाया था। लेकिन जब दो माल मेरे सामने नंगी थी तो उन्हें बिना चोदे कैसे जाता? मैंने संपा की दोनों चूचियों को सहलाना, मसलना शुरु किया। दोनों एक साथ ही मेरे लंड से खेल रही थी।
मैं: संपा रानी, जब 11-12 दिन पहले मेरे एक दोस्त ने यह कहा कि वो यहां की सबसे खूबसूरत औरत को चोदना चाहता है, तब पहली बार मेरे मन में भी उसके लिए चाह जगी। अब तुम कहोगी कि मैं तुम्हारे मुंह पर कह रहा हूं। लेकिन अगर मुझे ये ऑप्शन दिया जाए कि तुम्हें या रेखा में से मैं सिर्फ़ एक ही औरत को चोद सकता हूं, तो मैं हर बार, बार-बार तुम्हें ही पसंद करुंगा, तुम्हें ही चोदूंगा।
मैं: संगीता, रेखा, या तुम्हारी इस सपना जैसी बदन वाली औरत हर दस औरत में 7-8 तो होंगी ही। मुझे पर हमेशा तुम्हारी जैसी मस्त-मस्त माल ही चाहिए थी। अब मुझे समझ में आया कि पहले मेरे मन में मां या अपनी दीदी को चोदने का ख़्याल क्यों नहीं आया? क्योंकि मेरी 40-41 साल की मां की बॉडी भी तुम्हारी बॉडी जैसी मस्त और मालदार नहीं है। इस उम्र में भी तुम्हारी चूचियां कितनी टाईट है। पहले किसे चोदूं?
सपना: पहले इस आग की भट्टी मेरी घरवाली की बूर में लंड पेलो। अगर इस कुतिया के बूर की गर्मी से तेरा लंड सही सलामत बाहर निकल गया, फिर मुझे चोदना। मैं सात साल से इस हरामजादी को चुदवाते देख रही हूं, लेकिन ये रंडी किसी भी लंड को अपनी बूर में 10 मिनट भी टाईट नहीं रहने देती है। तुम्हारे सर हर बार मेरा बूर में 25-30 मिनट टाईट रहते हैं, लेकिन रंडी 7-8 मिनट में ही चूस कर ठंडा कर देती है। देखें तेरा लंड कितनी देर इस कुतिया की गर्मी संभाल सकता है। चल रंडी बेड पर लेट जा।
एक 24 साल की लड़की अपनी मालकिन को कुतिया, हरामजादी, रंडी बोल रही थी, बोल रही थी कि वो उसे चोदती थी। ऐसे बोल रही थी मानो संपा ही नौकरानी हो।
संपा: राजा, तू मुझे अपनी बूर चूसने दे तब चुदवाने में और मज़ा आयेगा।
संपा अपनी नौकरानी को “राजा” बोल रही थी। मुझे समझ नहीं आ रहा था कि दोनों क्या बात कर रही थी।
सपना: आ जा रानी, तू किसी भी कुत्ते से ज़्यादा बढ़िया से चाटती है, आजा, आज इस मादरचोद के सामने तुझे पेशाब पिलाऊंगी।
पेशाब पिलाने की बात पर संपा ने सपना के दोनों जांघों को पकड़ा और बूर को चाटने लगी। मुझे विश्वास नहीं हो रहा था कि कोई औरत दूसरी औरत की बूर चाट सकती है।
मैं: तुम दोनों बेड पर आओ, मुझे देर हो रही है, सपना तू मेरा लंड चूस और मुझे संपा रानी की मालपुआ जैसी बूर का स्वाद लेने दे।
मैं बेड पर लेट गया। मैंने संपा से कहा कि मेरे उपर उल्टा (69) लेट जाए। संपा मेरे उपर उल्टी हो गई। मैं उसकी दोनों जांघों को पकड़ कर बूर को चूसने-चाटने लगा और दोनों रंडी लंड को चूसने-चाटने लगी। मैं कभी क्लिट को चूसता था तो कभी बूर की पत्तियां चबाता था।
बीच-बीच में जीभ को भी बूर के अंदर डालता था। सच कह रहा हूं संपा की बूर का स्वाद बाक़ी सभी बूर का स्वाद से बढ़िया लग रहा था। कुछ देर, क़रीब 15 मिनट हम तीनों अपना काम शांति से करते रहे। कमरे में सिर्फ़ चाटने और चुभलाने की आवाज़ गूंज रही थी।
“अमित, बूर की आग बहुत भड़क गई है, इसे ठंडा करो।” बोल कर संपा बेड पर फ़्लैट लेट गई। मैंने उसकी मस्त हथिनी जैसी जांघों के बीच पोज़ीशन ली। एक हाथ से उसके एक कंधा को पकड़ा, और दूसरे हाथ से लंड को पकड़ कर बूर में दबाया। चूत्तड़ों को थोड़ा उपर कर फ़ोकस किया, और पूरी ताक़त से धक्का मारा।
“उफ़, बहुत मोटा है।” संपा ने मादक आवाज़ में कहा। मैं लगातार धक्के मारता रहा, और चौथे धक्का में लंड की पूरी लंबाई बूर के अंदर चली गई। मैं लगातार पूरी ताक़त से पेलता रहा, और सपना अपनी रानी के बदन को सहलाती रही। संपा के चेहरे को देख कर साफ़ दिख रहा था कि औरत को बहुत ही ज़्यादा मज़ा आ रहा है। सपना ने संपा की दोनों चूचियों को ज़ोर से दबाया।
सपना: साफ़ दिख रहा है कि तेरी बूर को ये घोड़े का लंड बहुत ज़्यादा पसंद आ गया है।
संपा: राजा, डिस्टर्ब मत कर। उफ़ अमित बहुत ही बढ़िया से चोद रहे हो। बहुत मज़ा आ रहा है यार। पहले ही क्यों नहीं चोदा? जब से सीमा ने तेरी चूदाई और लंड की बात की, तब से ही हम दोनों की बूर इस लंड को अंदर लेने के लिए तड़प रही थी। सीमा ने ग़लत नहीं कहा था। तेरे जैसा मर्द और कोई नहीं होगा।
मुझे भी उस मस्तानी माल को चोदने में बहुत मज़ा आ रहा था।
मैं: संपा, मेरी मां कल आ ही रही है। तुम्हारे पास लाऊंगा, फिर तुम ही उसकी बूर को धन्यवाद देना कि उसने एक घोड़े को पैदा किया।
सपना: तुमने अपनी मां को चोदा है ना?
मैं: सपना रानी, अपने इस लंड की क़सम अभी तक नहीं चोदा है। लेकिन मैं कल ही रंडी को अपना लंड दिखाऊंगा फिर देखता हूं कि कुतिया क्या करती है। लेकिन एक बात तो पक्की है कि दुनिया में कोई दूसरी कुतिया तुम्हारी इस रानी जैसी चूदाई का मज़ा नहीं दे सकती।
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