फिर उसने मुझे धीरे से “पापा” कह कर आवाज लगाई। शायद वो ये कन्फर्म करना चाहता था कि मैं कहीं जाग तो नहीं जाता थोड़ी सी आवाज़ से। लेकिन मैंने गहरी नींद का दिखावा करते हुए कोई रिएक्शन नहीं दिया। इससे वो निश्चिंत हो गया मेरे जागने को लेके।
फिर उसने दोबारा अपना हाथ मेरे लंड पर रखा, और उसको धीरे-धीरे ऊपर-नीचे करने लगा। मुझे मजा आ रहा था। मेरे बेटे का हाथ बिल्कुल लड़कियों जैसा सॉफ्ट था। मैं समझ गया था कि आज उसकी सेक्सी गांड में मेरा लंड जाने वाला था।
कुछ देर लंड हिलाने के बाद वो नीचे की तरफ हुआ, और आराम से मेरा पजामा खोलने की कोशिश करने लगा। उसने मेरे पजामे का नाडा खोला, और धीरे से उसको नीचे कर दिया। ये सब करते हुए उसका ध्यान मेरे चेहरे पर ही था, कि कहीं मैं जाग तो नहीं रहा था।
पजामा नीचे करने के बाद उसने मेरे अंडरवियर का इलास्टिक पकड़ कर बड़ी ही सावधानी से नीचे करना शुरू किया। अब मेरा लंड उसके सामने आ चुका था, और पत्थर की तरह सख्त हुआ पड़ा था। मेरा लंड देख कर संजीव की आँखें चमक गई। उसकी आंखों की चमक देख कर मुझे यकीन हो गया कि मेरा बेटा पक्का गांडू था।
लंड को देखने के बाद उसने मेरी तरफ नहीं देखा। शायद उसकी लंड की भूख इतनी ज्यादा थी, कि उसके दीदार के बाद उसको कोई परवाह नहीं रही मेरे जागने की। उसने मेरे लंड को हाथ में लिया, और उसकी चमड़ी को आराम से ऊपर-नीचे करने लगा। इससे मेरे शरीर में भी करेंट सा दौड़ने लगा। फिर उसने अपनी जीभ बाहर निकाली, और लंड के टोपे पर फिरा कर उसको चाटने लगा।
उसके ऐसा करने से मुझे भी बहुत मजा आने लगा। मेरा दिल तो कर रहा था, कि उसके बालों को पकड़ कर पूरा लंड उसके मुंह में घुसेड़ दूं। लेकिन मैं कोई जल्दी नहीं करना चाहता था। जीभ फ़िराते हुए संजीव लंड को अपने मुंह में ले लिया, और देखते ही देखते उसको चूसना शुरू कर दिया। वो पूरा लंड अपने मुंह में ले रहा था, बिल्कुल अपने गले तक। उसकी मां ने भी मेरा लंड चूसा हुआ था, लेकिन इतनी अंदर तक वो भी नहीं ले पाती थी, और ना ही इतने अच्छे से चूस पाती थी। वो कहते है ना जो काम मां-बाप नहीं कर पाते, वो बच्चे करते है। यहां भी कुछ ऐसा ही था।
अब मेरा बेटा मजे से मेरा लंड चूस रहा था। मुझे लगा यहीं सही वक्त था अपनी आँखें खोलने के लिए। मैंने अपनी आँखें खोली, और बेटे के सर पर हाथ रख दिया। सर पर हाथ पड़ते ही वो चौंक गया, और उसने लंड अपने मुंह से बाहर निकाल दिया। लेकिन मैंने उसको कहा-
मैं: सब ठीक है बेटा, जो काम शुरू किया है, उसको पूरा करो।
ये बोल कर मैंने उसके सर पर प्रेशर डाला, जिससे उसका सर नीचे हुआ, और उसने लंड फिर से मुंह में डाल लिया। अब मैंने नीचे से गांड हिला कर ऊपर की तरफ उसके मुंह में धक्के देने शुरू किए। उसका मुंह थूक से भर चुका था, और थूक मेरे लंड पर बह रहा था। लंड अंदर-बाहर होने की वजह से पच-पच की आवाजें आ रही थी।
कुछ देर ऐसे ही लंड चुसाई चलती रही। उसके बाद मैंने लंड उसके मुंह से निकाला, और उसको कपड़े उतारने के लिए बोला। मेरा हुकुम मानते हुए उसने अपने सारे कपड़े उतार दिए, और नंगा हो गया। क्या जिस्म था साले गांडू का। फिर मैंने भी अपने बाकी के कपड़े उतार दिए। अब हम दोनों बिस्तर पर नंगे थे। मैंने उसको अपनी बाहों में लिया, और उसके होंठ चूसने लगा। वो भी मेरा साथ देने लगा।
जल्दी ही हमारी किस्स वाइल्ड हो गई। किसिंग के बाद मैंने उसको उल्टा बिस्तर पर लिटाया, और खुद उसकी गांड के ऊपर आके दोनों हाथों से उसके चूतड़ खोल दिए। उसका छेद बिल्कुल कुंवारा था। मैं अपना मुंह उसकी गांड के पास ले जा कर उसका छेद चाटने लगा। वो सिसकियां भरने लगा, और मस्ती में गांड हिलाने लगा।
जब उसका छेद गीला हो गया, तो उसमें मैंने उंगली घुसा दी। उसकी हल्की आह निकली। मैं उंगली अंदर-बाहर करने लगा। जब उसको मजा आने लगा, तो मैंने एक उंगली और डाल दी। अब 2 उंगलियां उसकी गांड में अंदर-बाहर हो रही थी।
अब बारी थी लंड डालने की। मेरा लंड तो पहले से चिकना था उसकी थूक से। फिर भी मैंने अपने लंड पर थूका, और उसकी गांड के छेद पर लंड का टोपा सेट कर लिया। फिर मैंने जोर से उसके छेद पर धक्का मारा, जिससे मेरा टोपा उसकी गांड में चला गया। मैं जानता था उसको बहुत दर्द होने वाला था, इसलिए मैं टोपा अन्दर डाल कर उसके ऊपर ही लेट गया, ताकि मेरे वजन से वो हिल ना पाए।
वो दर्द से तड़पने लगा, लेकिन मेरे सर पर हवस सवार थी। मैं उसके ऊपर लेटा दबाव बनाता गया, और मेरा लंड सरकता हुआ उसकी गांड में पूरा फिट हो गया। वो चीखें मार रहा था, और बिस्तर पर अपने हाथ पीट रहा था। लेकिन मुझे कोई परवाह नहीं थी। पूरा लंड डाल कर मैं कुछ देर तक रुक गया। फिर जब उसका दर्द कम हुआ, तो मैंने धक्के मार कर उसकी चुदाई शुरू की।
कुछ ही देर में वो आह आह करके चुदाई का मजा लेने लगा, और मैं भी उसको फुल स्पीड पर पेलने लगा। कुछ देर वैसे ही चुदाई करने के बाद मैंने लंड उसकी गांड से निकाला। लंड पर खून गया था। फिर मैंने लंड और उसकी गांड दोनों साफ किए। उसके बाद मैंने उसको सीधे लिटा कर उसकी टांगें उठाई और मिशनरी पोजीशन में उसको चोदने लगा। मुझे बड़ा मजा आ रहा था उसकी टाइट गांड चोद कर।
आधा घंटा चुदाई करने के बाद मैंने उसके मुंह को अपने माल से भर दिया। उस रात शुरू हुआ हमारा चुदाई का रिश्ता रोज़ाना चुदाई में बदल गया, और अब भी चल रहा है।
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