भाभी के साथ सेक्स वाला प्यार-2

पिछला भाग पढ़े:- भाभी के साथ सेक्स वाला प्यार-1

एक दिन पूजा मेरी शॉप पर आई। मैंने उससे नज़रें नहीं मिलाई। झुकी नज़रों से मैंने पूजा को सॉरी बोल दिया, तो पूजा बोली कि, “कोई बात नहीं। सागर तुम मुझसे नाराज़ तो नहीं हो”? मैं कुछ नहीं बोला।

अगले दिन शाम को पूजा की कॉल आयी और बोली कि, “मेरे घर आ जाओ थोड़ी देर में”। मैं उसके घर गया तो उसने काले रंग का गाउन पहन रखा था। बाल खुले हुए और लाल रंग की लिपिस्टिक लगा रखी थी। मैंने कहा, “पूजा बोलो क्या काम है”? तो पूजा बोली कि, “अंदर तो आओ”। मैं अंदर गया तो देखा कि उसका पति घर आया हुआ था, और ड्रिंक कर रहा था, और उसको अपना होश नहीं था।

पूजा मुझसे बोली, “सागर मुझे माफ़ कर दो। उस दिन मैंने तुमको बहुत बुरा कहा”। फिर वो मुझसे लिपट गयी और बोली, “आज तुम जो करना चाहो, वो कर लो”। मैंने पूजा से कहा कि, “क्या हुआ, जो तुम ये सब कर रही हो”? पूजा बोली कि उसके पति का कहीं और चक्कर चल रहा था। इसलिए अपने पति को सबक सिखाने के लिए वो ये सब करेगी।

इतना कह कर वो मुझे लिप किस करने लगी, और मैं भी करने लगा। मैं उसकी गांड को दबाने लगा। उधर उसका पति ड्रिंक करता रहा और उसके सामने मैं उसकी पत्नी को चोदने की तैयारी कर रहा था। फिर मैंने पूजा को बोला कि वो अपनी काली वाली साड़ी पहन कर आये और मुझे थोड़ा सरसो का तेल देदे। उसने मुझे तेल दिया और वो साड़ी पहनने चली गयी। मैंने अपने लंड की तेल से अच्छे से मालिश की।

थोड़ी देर में पूजा साड़ी पहन कर आई। मैं उसको देखता रह गया। मैंने उसकी कमर में हाथ डाल कर उसको अपने से कस कर चिपका लिया, और पागलों की तरह उसको किस करने लगा। पूजा भी मेरे बालों को नोचने लगी। मैंने उसको दीवार के सहारे खड़ा किया और उसके चिकने पेट पर किस करने लगा। पूजा जोर-जोर से सिसकियां लेने लगी।

फिर मैंने उसकी साड़ी ऊपर की, और पेंटी के ऊपर से ही उसकी नरम चूत को सहलाने लगा। उसकी चूत एक दम से गीली थी। फिर मैंने उसकी पैंटी को एक साइड किया, और उसकी चिकनी गुलाबी चूत को चाटने लगा। कुछ देर चूत चाटने के बाद मैंने पूजा को बेड पर लिटा दिया और धीरे-धीरे उसकी साड़ी को ऊपर करते हुए उसकी चिकनी टांगों को किस करने लगा।

जब उसकी चूत के पास आया तो पूजा बोली कि, “सागर बस अब और नहीं, मैं नहीं कर पाउंगी”। मैंने कहा, “पूजा क्या हुआ? तुमने ही तो खुद बोला था”। तो पूजा बोली कि, “नहीं”। इधर उसको इस हालत में देख कर मेरे लंड का बुरा हाल था। मैंने कहा, “नहीं पूजा, अब मेरा लंड तेरी चूत में जाकर ही शांत होगा”। पूजा बोली, “कैसी बात कर रहे हो? मैं नहीं कर सकती”।

मैंने कहा, “साली जब अपनी चूत नहीं मरवानी थी, तो मेरे लंड में आग क्यूं लगाई”? तो पूजा बोली कि, “वो मुझे नहीं पता, बस तुम जाओ यहां से”। मैंने कहा, “मैं आज तेरी चूत में अपना लंड डाले बिना नहीं जाऊंगा”। और इतना कह कर मैंने पूजा को बैड पर गिरा दिया और उसका पति वहीं शराब पी रहा था। फिर मैंने अपने कपड़े उतारे, और मैं सिर्फ अंडरवियर में उसके सामने था, और मैं उसके ऊपर लेट गया।

पूजा मुझे कहने लगी, “सागर मान जाओ, मत करो”। मैंने कहा, “साली चुप हो”। और फिर मैंने उसकी साड़ी का पल्लू हटाया और उसके ब्लाउज़ के हुक खोल दिये। अब वो अपने बूब्स को हाथों से छुपाने लगी। फिर मैंने उसको उल्टा लिटाया, और उसकी ब्रा खोल कर उसकी चिकनी कमर को किस करने लगा। थोड़ी देर में वो भी गर्म हो गयी, लेकिन चुदने को मना करती रही।

फिर मैंने उसको सीधा लिटाया, उसकी साड़ी ऊपर की, और अपना लंड बाहर निकाला जो पूजा भाभी की चूत में जाने को तड़प रहा था। अब उसकी चिकनी जांघो पर लंड को फिराना शुरू किया। बहुत मज़ा आ रहा था उसकी चिकनी टांगो पर अपना लैंड फिराते हुए। फिर मैंने एक झटके में उसकी पैंटी नीचे की और उसकी गुलाबी चिकनी चूत एक-दम गर्म थी। उसके मादरचोद पति के सामने मैं उसकी पत्नी को चोदने जा रहा था, और उसे घंटा फर्क नहीं था।

फिर मैंने अपने लंड से उसकी चूत को रगड़ा। वो तड़प उठी, लेकिन चुदने को तैयार नहीं हुई। बार-बार यहीं बोल रही सागर मुझे छोड़ दो। अब मैंने अपने लंड पर थूक लगाया, और उसकी चूत में लंड लगा कर एक जोरदार धक्का मारा। मेरे लंड का टॉप उसकी चूत को चीरते हुए उसकी चूत में घुस गया। मुझे ऐसा लगा जैसे उसकी चूत पहली बार चुद रही हो।

पूजा की बहुत जोर से चीख निकल गयी और बोली, “इसको बाहर निकालो, मेरी जान लोगे क्या”? मैंने कहा, “जान तेरा पति तेरी चूत नहीं मारता क्या”? वो कुछ नहीं बोली। थोड़ी देर में मैंने एक जोरदार धक्का और मारा, और मेरा आधा लंड पूजा की चूत में घुस गया। अब मैं धीरे-धीरे अपना लंड अंदर-बाहर करने लगा। मेरा लंड पूजा की चूत में जा रहा था। पूजा की चूत बहुत टाइट थी।

अब मैंने एक धक्का और मारा, और अपने होंठो से उसको लिप किस करने लगा, और मेरा लंड पूजा की चूत को फाड़ते हुए उसमें समा गया। लंड पूजा की बच्चेदानी पर चोट मारने लगा। पूजा बार-बार यही बोल रही थी, “ये क्या किया तुमने सागर”? इधर मैं फूल मस्ती में पूजा की चुदाई कर रहा था। फिर पूजा के बूब्स के गुलाबी निपप्लस को चूसने लगा।

लगभग 30 मिनट तक मैंने पूजा को जबरदस्त चोदा और अपने लंड का माल उसकी चूत में ही निकाल दिया। पूजा बिल्कुल निढाल सी हो गयी। मैं उसकी चूत में लंड डाले रहा जब तक मेरा लंड ढीला नहीं हो गया। थोड़ी देर बाद मैंने पूजा के माथे पर किस की तो उसने मुझे अपने से कस के चिपका लिया और बोली, “आज तुमने मेरी आग मिटा दी। मैं कब से तड़प रही थी। तुमसे चुद कर बहुत अच्छा लगा। मेरा मादरचोद पति तो कुछ नहीं करता। ना उसका लंड तुम्हारे जैसा है”।

वो खड़ी हुई और मुझसे बोली, “सागर आज तुम जम कर मेरी चूत मारो इस बहनचोद के सामने। फिर मैंने पूजा को पकड़ा और किस शुरू कर दिए। उस रात मैंने पूजा को इतना चोदा कि अगले दिन वो सुबह उठ भी नहीं पायी, और ना सही से चल पाई।

तो दोस्तों कैसे लगी पूजा भाभी की चुदाई की कहानी?

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