उसके एक हाथ में फोन था, और दूसरे हाथ में लंड, जो कि बड़ा और मोटा था। वो फोन पर कुछ देख कर अपना लंड हिला रहा था। उसका लंड देख कर मेरे मुंह में पानी आने लगा। मेरी चूत में खुजली होने लगी। कुछ देर तक मैंने उसको मुठ मारते देखा। फिर जब मैं गरम हो गई, तो मैं वापस अपने कमरे की तरफ चली गई।
अब मेरा भी दिल था कि मैं भी अपनी चूत में फिंगरिंग करूं। मैंने शॉर्ट्स और टीशर्ट पहनी हुई थी। फिर मैं बिस्तर पर सीधी लेट गई, और अपनी चूत को शॉर्ट्स के ऊपर से रगड़ने लगी। मुझे मजा आने लगा, और मेरे मुंह से आहें निकलने लगी। मेरी आंखों के सामने भाई का लंड आ रहा था, और भाई से चुदने का खयाल करके ही मैं चूत रगड़ रही थी।
फिर मैंने शॉर्ट्स का बटन खोला, और उसको उतार दिया। अब मैं सिर्फ लाल रंग की पैंटी में थी, और मेरी पैंटी चूत वाली जगह से गीली हुई पड़ी थी। फिर मैंने पैंटी में हाथ डाला, और ज़ोर-ज़ोर से अपनी चूत के दाने को रगड़ने लगी। मेरी सिसकियां निकल रही थी मजे से।
ये सब करते हुए मुझे इस बात का बिल्कुल अंदाजा नहीं था, कि मेरा भाई मुझे रूम के बाहर खड़े हो कर देख रहा था। शायद जब मैं उसको देख रही थी, तो उसको पता चल गया था। फिर जब मैं आई, तो वो मेरे पीछे आ गया और मुझे देखने लगा। मैं बस आराम से अपनी चूत में उंगली कर रही थी। मुझे उसके होने का तब पता चला, जब उसने मुझे कहा-
भाई: दीदी, मैं इसमें आपकी मदद कर दूं?
ये सुन कर मेरी आँखें खुल गई, और मैं जल्दी से अपने आप को ढकने लगी।
फिर मैं गुस्से में बोली: तू यहां क्या कर रहा है?
भाई: जो आप मेरे कमरे के बाहर कर रही थी।
मैं: लेकिन मैं अंदर तो नहीं आई ना!
भाई: लेकिन मैं तो आ गया ना। देखो दीदी, मेरे पास लंड है, आपके पास चूत। दोनों ही प्यासे है। तो क्यों ना भाई-बहन का रिश्ता थोड़ी देर के लिए भूल जाए, और सेक्स का मजा ले? देखिए आप फिंगरिंग करते हुए मुझे ही इमेजिन कर रही होंगी। और मैंने भी आपके बारे में सोच कर बहुत बार हिलाया है। तो बोलो क्या कहती हो?
भाई की बात सुन कर मुझे लगा कि उसकी बात में दम तो था। फिर भी मैंने सोचने का नाटक किया। फिर 2 मिनट बाद मैं उसको बोली-
मैं: लेकिन किसी को भी पता नहीं चलना चाहिए।
भाई: दीदी ये राज हमारे साथ ही दुनिया से जाएगा।
ये बोल कर भाई बिस्तर पर मेरे करीब आया, और मैं सरेंडर करके उसके सामने लेट गई। पहले भाई ने मेरी जांघों पर हाथ घुमाया और उनको चूमने लगा। इससे मेरे बदन में हलचल सी होने लगी। फिर वो मेरी जांघों पर अपनी जीभ फिराने लगा, और ऊपर आते हुए मेरी पैंटी पर आ गया। उसके बाद भाई ने मेरी गीली पैंटी पर चूत वाली जगह पर मुंह लगा लिया। इससे मैं तड़प उठी, और मेरी सिसकियां निकलनी शुरू हो गई। भाई मेरी चूत को पैंटी के ऊपर से चाटने लगा।
कुछ देर में उसने पैंटी उतार दी, और मेरी नंगी चूत चूसने लगा। मैं तो मानो पागल हुई जा रही थी, मैं उसके सर को अपनी चूत में दबाने लगी। वो कुत्तों की तरह मेरी चूत चाट रहा था। कुछ देर बाद वो बिस्तर पर खड़ा हुआ और नंगा हो गया। मैं जल्दी से घुटनों के बल उसके सामने बैठ गई, और किसी प्यासी रांड की तरह उसका लंड चूसने लगी।
भाई ने लंड चुसवाते हुए मेरे टीशर्ट उतार दी, और ब्रा खोल कर मेरे चूचे आजाद कर दिए। अब वो मेरे चूचों को मसल रहा था। मुझे बहुत तपिश चढ़ रही थी। कुछ देर की लंड चुसाई के बाद मुझसे बर्दाश्त नहीं हुआ। मैं सीधी टांगें खोल कर बिस्तर पर लेट गई, और भाई को मुझे चोदने को बोलने लगी।
भाई भी बिना देर किए मेरी टांगों के बीच आया, और लंड मेरी चूत पर सेट कर लिया। फिर उसने धक्का मार कर अपना लंड मेरी चूत में घुसाया, और अंदर-बाहर करने लगा। मैं आह आह करके उसके लंड से चुदने का मजा लेने लगी। साथ में वो मेरे चूचे दबा रहा था, और चूस रहा था।
हम दोनों को बड़ा मजा आ रहा था। इस तरह के चुदाई रिश्ते की वजह से बाहर मुंह नहीं मारना पड़ता। लंड को चूत और चूत को लंड घर में ही मिल जाता है।
मेरी चूत और भाई के लंड के मिलन से थप थप और चप चप की आवाजें आ रही थी। मेरे मुंह से आह आह की सिसकियां निकल रही थी। कुछ देर उसी पोजीशन में चोदने के बाद भाई ने मुझे डॉगी स्टाइल में किया, और पीछे से मुझे चोदने लगा। अब भाई और जोश में मुझे चोद रहा था। शायद मेरी सेक्सी गांड ने उसको और जोश दिला दिया था। मैं अब झड़ने वाली थी, और आह आह करते हुए झड़ गई। वो एक मिनट और चोदता रहा, और उसने लंड चूत से निकाल कर सारा माल मेरी गांड पर निकाल दिया।
फिर कुछ देर मेरे साथ लेटने के बाद वो आपके कमरे में चला गया। इस तरह की क्विक चुदाई हम अक्सर कर लेते है। इससे चूत और लंड भी संतुष्ट रहते है, और घर की बात घर में ही रहती है।
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