पिछला भाग पढ़े:- मेरी पहली और आखिरी चुदाई-1
हिंदी सेक्स कहानी के पिछले पार्ट में आपने पढ़ा कैसे मैंने अपने बड़े भाई की गांड चुदाई की। अब आगे बढ़ते है-
शाम को मम्मी एक नाइट ड्रेस में बैठ कर सब्जी बना रही थी, और भैया उन्हीं के पास बैठे हुए थे। भैया शुरुआत से ही मम्मी से बहुत ज्यादा घुले-मिले थे। मम्मी भैया से ज्यादा बड़ी नहीं है, लगभग 10 साल बड़ी होंगी।
मम्मी शुरुआत से ही दिखने में बहुत ज्यादा खूबसूरत है और उनका फिगर बहुत ही जबरदस्त है। भैया हमेशा मम्मी के आस-पास ही रहते थे। मुझे शक था कि भैया पक्का मम्मी को चोदते भी होंगे, पर मैंने कभी देखा नहीं था।
भैया बहुत ही ज्यादा कामुक किस्म के आदमी थे। मुझे उन पर हमेशा शक रहता था कि वह जिसके पास भी होते थे, चुदाई तो पक्का होती थी। मम्मी उस दिन सब्जी बना रही थी, और भैया उनके पास बैठे हुए थे। दोनों हंसी मजाक कर रहे थे।
मेरे भाई बहन छत पर बैठ कर पढ़ रहे थे, और मैं अपने कमरे में बैठा हुआ था, और किचन मेरे कमरे के पास में ही था। उन दोनों की हंसी-मजाक सुनाई दे रही थी, कि थोड़ी देर बाद उन दोनों में खामोशी हो गई।
मुझे थोड़ा अजीब लगा तो मैं छिप कर उन्हें देखने लगा। तब देखा कि भैया मम्मी के बिल्कुल पीछे खड़े थे, और उन्हें अपनी बाहों में लेकर उनकी गर्दन को चूम रहे थे।
मम्मी उन्हें फुसफुसा कर बोल रही थी कि जाओ यहां से कोई आ जाएगा।
मुझे यह देख कर उस दिन पक्का यकीन हो गया कि मम्मी भैया से चुदवाती थी। मम्मी भैया से बोल रही थी कि-
मम्मी: पहले यह बताओ कि कल रात तुम मेरे बेटे के साथ क्या कर रहे थे? मुझे कल रात तुम्हारे कमरे से बहुत ही कामुक आवाज सुनाई दी थी?
भैया ने हंसते हुए बात को टालने की कोशिश की, पर मम्मी जिद पर अड़ी हुई थी।
तब भैया बोले: कुछ नहीं बस ऐसे ही हम लोग इंजॉय कर रहे थे। यदि आपका भी मन हो तो अभी आ जाना।
मम्मी हंसते हुए एक घूसा उनकी छाती में मार दी और बोली: जाओ यहां से। बहुत शैतान हो गए हो तुम।
फिर हम खाना खा कर सोने लगे। लेकिन आज मैं जगा हुआ था कि आज भी भैया को चोदूंगा। पर भैया ने आज कोई हरकत नहीं की, और मेरी हिम्मत नहीं हो रही थी कि उनके साथ कुछ करूं। मैं करवट फिरा कर सोने की कोशिश कर रहा था, पर नींद नहीं लग रही थी।
तभी मेरे रूम का दरवाजा खुला और मम्मी अंदर आई। मम्मी नाइट ड्रेस पहनी हुई थी, जो कि घुटने तक ही थी, और बहुत ज्यादा सेक्सी लग रही थी। फिर रूम का दरवाजा बंद की। भैया मेरे बगल में लेटे हुए थे, और मम्मी भैया के बगल में लेट गई। मम्मी भैया से फुसफुसाते हुए बोली कि यदि मनीष जाग गया तो।
फिर भैया बोले: आप चिंता मत करो, यदि वह जाग गया और कुछ पूछेगा तो बोल देना कि आप यहां पर पंखे की हवा खाने के लिए आई हुई थी। छत पर हवा नहीं लग रही है।
मम्मी उनकी बात सुन कर खुश हुई और उन्हें अपनी बाहों में खींचते हुए उनके होंठ को चूसने लगी। उनकी चूड़ियों की हल्की-हल्की खनखनाहट मेरे तन-बदन में आग लग रही थी, और भैया लगातार मम्मी के होठों को चूस रहे थे। मेरा भी लंड तन रहा था।
मम्मी भैया के पैर पर अपना पैर रगड़ रही थी, जिससे उनकी पायलों की हल्की-हल्की आवाज आ रही थी। फिर भैया ने मम्मी के होंठों को चूसते हुए उनकी नाइटी से उनकी चूचियों को निकाला, और हल्के-हल्के मसलने लगे। मम्मी यह देख कर बहुत खुश हुई, और उनके होंठों को और जोर से चूसने लगी। भैया को दर्द हुआ तब उन्होंने मम्मी को अलग किया।
मम्मी उन्हें देख कर मुस्कुरा रही थी। फिर भैया ने अपना मुंह को मम्मी के चूचियों पर लगा लिया। मम्मी हंसते हुए अपनी आंखें बंद की, और उनके सर को पकड़ कर अपनी चूचियों में धंसा कर चुसवाने लगी।
कुछ देर इसी तरह भैया मम्मी की चूचियों को चूसते रहे, और अपना एक हाथ नीचे ले जाकर मम्मी की चूत को सहला कर गीला कर रहे थे।
मैं यह सब देख कर पानी-पानी हो रहा था। पर मैं क्या करता, सोने का नाटक कर रहा था और अपनी एक आंख से किसी तरह मम्मी की चुदाई देख रहा था। फिर भैया ने मम्मी को उल्टा लिटाया, और अपने लंड को उनके चूत में डाल दिया, और मम्मी के कान को चूसते हुए धीरे-धीरे धक्के लगा कर चोदने लगे। मम्मी बड़ा आनंद लेकर चुदाई करवा रही थी।
भैया लगातार मम्मी को पीछे से चोद रहे थे, कि तभी भैया ने अपना एक हाथ पीछे किया, और मेरे लंड को पकड़ लिया। मैं समझ नहीं पा रहा था कि वह मम्मी को चोदते हुए क्या करना चाह रहे थे? वो मेरे लंड को अपनी गांड की ओर खींचने लगे। मैं ना चाहते हुए भी उनकी गांड पर आ गया।
फिर उन्होंने मेरी पैंट को नीचे किया। मेरा लंड पहले से ही पानी छोड़ रहा था। उन्होंने मेरे लंड को अपनी गांड पर सेट किया, और मुझे धक्के लगाने के लिए बोलने लगे, और वह तो लगातार मम्मी की चुदाई कर ही रहे थे।
थोड़ी कोशिश करने के बाद मैं अपने लंड को भैया के गांड में घुसा दिया, और भैया का लंड मम्मी के चूत में था, और मम्मी का मुंह दूसरे तरफ। भैया आगे-पीछे करके गांड हिलाने लगे। मैं इधर मेरा लंड उनकी गांड में आगे-पीछे कर रहा था, और उधर मम्मी की चूत में भैया का लंड आगे-पीछे हो रहा था।
हम तीनों एक दूसरे में गुथे हुए थे। मम्मी को जब आभास हुआ कि कुछ अलग ही हो रहा था, तो वह पलट कर मुझे देखी। तो वह शर्मा गई और अपने सर को तकिए के नीचे छुपा कर मुस्कुराने लगी। भैया ने मेरा हाथ पकड़ कर मम्मी की चूची पर रख दिया। मम्मी का चूचा इतना मुलायम था कि मुझसे रहा नहीं गया। मैंने मम्मी की चूची को कस के दबाया, और भैया की गांड में कस के धक्का मार दिया। दोनों के मुंह से चीख निकल गई।
अब मैं मम्मी के मुलायम चूचियों को मसलते हुए भैया की गांड में धक्के मार रहा था, और मेरे धक्के से भैया का लंड भी मम्मी की चूत में धक्के लगा रहा था। मम्मी की बुर पानी-पानी हो रही थी, भैया मम्मी को अपनी बाहों में पकड़े हुए थे, और मैं उनकी चूचियों को पकड़ा हुआ था। हम तीनों एक-दूसरे से सटे हुए चुदाई का आनंद ले रहे थे।
मम्मी शर्मा कर अपना सर तकिये में छुपाई हुई थी। तभी भैया ने मम्मी के सर को पलटा और उनके होंठ पर अपना होंठ रख कर चूसने लगे। हमारे धक्कों का रफ्तार और तेज हो गयी। मम्मी और भैया एक-दूसरे के होंठ चूस रहे थे, और मैं मम्मी की चूचियों को मसल रहा था, और भैया की गांड मार रहा था। उधर भैया के लंड से मम्मी की चूत चुदाई हो रही थी। हम तीनों एक-दूसरे से सटे हुए खूब मजे से चुदाई कर रहे थे।
तभी भैया मम्मी की चूत में झड़ गये, और शांत पड़ गए। मम्मी अभी शांत नहीं हुई थी। वह भैया को लगातार सहला रही थी। भैया मम्मी के मन को समझ गए। उन्होंने मुझे पीछे धकेला और मम्मी को बाहों में पकड़ कर बीच में कर दिए, और मम्मी मेरे और भैया के बीच में आ गई। मम्मी मुझसे शर्मा रही थी तो वह भैया की बाहों में सटे हुए अपने सर को भैया के छाती में छुपाई हुई थी। मैं मम्मी से पूरी तरह सट गया और भैया ने मुझे पकड़ कर मम्मी को बीच में सैंडविच बना दिया।
मैं अपने लंड पर वैसलीन लगाया और मम्मी के गांड में लंड को डालने लगा। मम्मी अपने सर को भैया के छाती में छुपाई हुई थी। मेरा लंड मम्मी की गांड में नहीं जा रहा था। शायद मम्मी ने अभी तक गांड नहीं मरवाई हुई थी। थोड़ी कोशिश करने के बाद मम्मी की चीख निकल रही थी, पर मैं नहीं माना, और अपना लंड पूरा मम्मी की गांड में उतार दिया।
मम्मी थोड़ी देर वैसे ही पड़ी रही। फिर जब मम्मी को मजा आने लगा, तो वह मेरी तरफ पलटी तो मैं उनके होंठ पर अपना होंठ रख दिया। मम्मी कुछ देर मेरा साथ नहीं दी। लेकिन मैं उनके होंठ चूसते रहा और भैया मम्मी के चूचियों को सहला रहे थे।
मम्मी अपनी गांड चुदाई का खूब मजा लेने लगी और वह भी मेरे होंठ को चूसने लगी। मैं उनके बालों को सहलाते हुए उनके लाल रसीले होंठ को चूस रहा था, और उनकी गांड मार रहा था। मम्मी आज पहली बार गांड मरवा रही थी। उन्हें बहुत मजा आ रहा था। वह मेरे बालों को सहला रही थी, और मेरा लंड उनकी गांड की गहराई नाप रहा था।
अब मम्मी मुझसे शर्म छोड़ चुकी थी, और मेरे होंठ को चूसते हुए वह पूरी तरह मेरी तरफ पलट गई, और मेरा लंड उनकी गांड से बाहर आ गया। अब उनकी गांड भैया की तरफ थी। भैया का भी लंड खड़ा हो गया था। वह भी मम्मी की गांड में अपना लंड डालना शुरू कर दिए, पर मैं मम्मी के चूत में डालने वाला था। मम्मी ने खुद मेरे लंड को पकड़ा और मेरे होंठ को चूसते हुए मेरे लंड को पकड़ कर अपनी चूत में घुसा ली। मैं धीरे-धीरे धक्के लगा कर मम्मी की चूत चोदने लगा। उधर भैया मम्मी की गांड मार रहे थे।
हम तीनों लोग में फिर से घमासान चुदाई होने लगी। मैं मम्मी की चूत मार रहा था, और भैया मम्मी की गांड मार रहे थे। मम्मी मेरे बाल सहलाते हुए अपनी चूचियां मुझे चुसवा रही थी, और भैया मम्मी के गाल को चूम रहे थे।
इसी तरह हम चुदाई करते रहे। मेरा अब होने वाला था, तो मैं मम्मी की चूत को जोर-जोर से चोदने लगा। मम्मी का भी होने वाला था। वह मेरे होंठों को चूसते हुए बोल रही थी कि बस बेटा अब जल्दी कर दे। और मैं तेज-तेज धक्के मारते हुए मम्मी की चूत में झड़ गया।
मम्मी और मैं दोनों झड़ कर शीतल पड़ गए थे। मम्मी मेरे होंठ को चूस रही थी, और मैं मम्मी की चूची को सहला रहा था। पर भैया का अभी नहीं हुआ था, तो वह मम्मी को पीछे से उनकी गांड अभी भी मार रहे थे।
थोड़ी देर बाद भैया का भी हो गया। तब मम्मी मुझे मेरे होंठ पर एक आखरी किस्स देकर वहां से उठ कर अपने कपड़े लेकर छत पर चली गई ।
उसके बाद हम कई रात ऐसे ही बिताये। पर मेरा मन बहुत ज्यादा विचलित हो रहा था, कि मैं अपने ही मम्मी की चुदाई कर रहा था। मैं जानता था कि भैया मम्मी को चोदते थे, पर वह उनकी चाची थी, तो वह चोद सकते थे। पर मेरी वह मम्मी थी। मैं मम्मी के साथ यह सब नहीं करना चाहता था। पर समय और हालात के अनुसार मुझसे हो गया।
इसलिए मैं घर छोड़ कर शहर में आ गया, और पढ़ाई करने लगा। मम्मी से बहुत ही कम ही मिलता हूं, और कम ही बात होती है। जब भी मैं घर जाता हूं, तो बहुत ज्यादा सचेत रहता हूं। मम्मी के पास नहीं जाता। मम्मी इतनी सुंदर है कि बार-बार वह मुझे अपनी और आकर्षित कर लेती है। पर मैं अपने आप को कंट्रोल करने की कोशिश करता हूं।
जब भैया घर पर होते तब मैं जानता था कि उन दोनों के बीच चुदाई होगी। इसलिए मैं जब भी वह घर पर होते, तो मैं घर पर नहीं होता था। मैं अपने आप को यह सोच कर कंट्रोल कर रहा था, कि अब चुदाई सीधा अपनी पत्नी के साथ ही करूंगा। उस रात की चुदाई मुझे आज भी याद है।
सेक्स वीडियोस देखने के लिए क्लिक करे:- Desi Sex Videos