भाई ने देखी रंडी बहन की सामूहिक चुदाई

मेरी बहन का नाम भूमि है, जो 19 साल की है। दिखने में काफी शरीफ किंतु अंदर से एक रंडी है। उसका शरीर देख कर कोई भी उसे एक लंड-खोर रंडी का दर्जा देदे। वो जब भी चलती है, तो गांड निकाल कर और छाती कस कर चलती है, मानों आस-पास के सभी लंड को आमंत्रित कर रही हो।

हुआ यूं कि एक बार मैंने उसके सोने के बाद उसका फोन चेक किया, जहां मैंने पाया कि वो 9-10 मर्दों से गंदी सेक्स की बातें करती थी, और अपनी फटी गोरी गांड की फोटो भेजती थी। मैंने पाया कि वह मेरे 4-5 दोस्तों से लगातार चुद रही थी, और बदले में उनसे 200-300 रुपए लेती थी।

अपनी बहन को रंडी के रूप में देख कर मुझे बड़ा अच्छा महसूस हुआ, और मैंने भी उसकी चूत मारने का इरादा बनाया। उसके शरीर की बात करूं तो 34″ की चूची,‌ और 36″ की गांड है, जिसपे एक फटी गुलाबी गोरी चूत जिसमे ना जाने कितने मर्दों ने लंड से घंटो चोदा होगा, और अपना पानी भरा होगा। उसकी चड्डी हमेशा बाथरूम में गीली मिलती थी, जिसे मैं सूंघ कर लंड हिलाता और उसपे अपना रस गिरा कर छोड़ देता, तांकि वहीं चड्डी वो रंडी फिर से पहन कर पूरे घर में घूमे।

घर में वो बेहद संस्कारी बनती थी, किंतु अगर आपकी बहन की चूत पे कभी बाल ना हो तो इसका मतलब वह रंडी बन चुकी है, जो हर वक्त अपना चूत साफ रखती है। मेरी बहन की बुर फटी हुई और लटकी हुई थी, जिससे मेरा लंड और मजबूत हो जाता था देख कर ये सोच में, कि ना जाने कैसे-कैसे कितने लोगो ने कौन-कौन सी जगह पे उसे सुला कर खड़े-खड़े या कुतिया बना कर चोदा होगा।

सोते वक्त मैंने उसे कई बार किस किया था, उसकी गांड पर नाक लगा कर सूंघा था, और गांड दबायी थी। उसकी गांड पर लंड रगड़ कर चुभोया था, उसकी नाइटी उठा कर चूत देखी थी। चूत सूंघी थी। उसकी गांड पर अपने लंड का गाढ़ा रस गिराया था, और सुबह तक उसे कुछ पता नहीं चलता‌ था।

जब वो कॉलेज में थी तो एक बार मैं उसकी कॉलेज मीटिंग में गया था। वहां उसके टीचर ने बताया कि तुम्हारी बहन 1 लड़के के साथ कॉलेज के शौचालय में नंगी पकड़ी गई थी। जिसे सोच कर मैंने कई दफा उसे नंगा देखना शुरू किया। जब वो मूतने के लिए अपनी चड्डी उतार कर बैठती, मैं खिड़की से उसकी गोल-गोल गांड देख कर सोचता रहता, कि वो खुशनसीब होंगे, जिनको भूमि अपनी गांड देती होगी।

यदि मेरा बस चले तो मैं उसे सब के सामने दिन दहाड़े पूरा नंगा करके खेत में चोदूं, और फिर नंगा घर लेके आऊ उसे, जहां उसकी चूत से मेरा गाढ़ा दही गिरते-गिरते उसके जांघों तक आ जायेगा, और एक बेशरम रंडी की तरह सब उसकी फटी चूत और फटी गांड देखेंगे।

एक बार की बात है। हम गांव गए थे। वहां शादी में सब व्यस्त थे। शादी के दौरान मैं उसे तलाश करने लगा, और घर के छत पर मैंने देखा कि मेरी बहन आधी नंगी एक चुदक्कड़ रंडी की तरह कुतिया बनी थी, और मेरे 2 दोस्त और एक दूर का भाई अपना लंड निकाले खड़े थे। बहन का लहंगा उठा हुआ था, और उसकी चड्डी उतार के फेंकी हुई थी। एक दोस्त उसे मुंह में लंड दे कर चोद रहा था, और 2 दोस्त उसके गोल-गोल गांड और फटी चूत से खेल रहे थे। अपनी बहन को चुदता देख हर भाई गर्व महसूस करता है।

मेरी बहन भी एक सस्ती रंडी की तरह आवाजें निकाल रही थी। मेरा एक दोस्त उसे बोला, “रंडी, अब गांड में डाल रहा हूं, मुंह में अंदर तक लंड लिए रहना। चिल्लाना मत।” और मेरी बहन ने बोला, “डाल जल्दी मादरचोद”। इतने में उसकी गांड में जोरदार धक्के के साथ उसने जब अपना पूरा मोटा काला गरम सलिए जैसा लंड डाला, मानो मैंने आंखों से अपनी बहन की गांड फटते हुए देखी।

बहन की आंखों में आसूं, और चेहरे पे मुस्कान, और मंद आवाज में सिसकियां ले रही थी। मेरा दूसरा दोस्त उसका ब्लाउज खोल कर चूचियां चूस रहा था, और अपना लंड उससे हिलवा रहा था। बीच-बीच में चूचियों को दातों से काट लेने पर बहन मुंह से लंड निकाल के उसके लंड को काट लेती, और कहती, “मादरचोद, ऐसे दर्द होता है। बस चूस काट मत”। इतने में पीछे वाला दोस्त अपना रस भूमि की गोल गांड में ही गिरा देता है।

जब अपनी गांड में उसने गरम रस महसूस किया तो वो गुस्सा हुई बोली, “अब मैं खड़ी रहूंगी घर में तो ये गांड से बहेगा, और चिपचिपा लगेगा”। लेकिन मेरे दोस्त बहुत नीच थे। उन्होंने सब ने मिल के एक साथ बोला कि, “गांड बहने लगे यही चाहते है हम”। फिर मेरे दूर के भाई ने बहन के मुंह से लंड निकाल उसकी गांड में सेट किया, और थोड़ा सा थूक के साथ घुसा दिया।

मेरी बहन बार-बार चिलाने लगी, “भैया! भैया! भैया! आह आह्ह्ह्ह उफ्फ, धीरे करो भैया”।

लेकिन भाई मानो एक कुत्ता बन गया हो। काफी देर पेलने के बाद उसने भी गांड मे अपना रस बहा दिया, और इस दफा बहन खुश थी। ऐसे ही तीसरे ने भी पेला, और मेरी प्यारी संस्कारी चुदक्कड़ रंडी बहन की गांड भर दी। बाद में सब का लंड चूस के साफ की, और उन्होंने उसे चड्डी पहनाई 500 रुपए दिए, और गांड पर 10-12 चांंटे मार के छोड़ दिए।

उस रात मैं उसे एक-दम अच्छे से नोटिस कर रहा था। वो ठीक से खड़ी नहीं हो रही थी, ना बैठ रही थी। मानो उसकी गांड में भरा मेरे दोस्तों का आधा लीटर रस बूंद-बूंद करके बह रहा हो, जिसके बारे में सोच कर ही मेरा लंड पेड़ की तरह खड़ा होता जा रहा था। रात में जब उसने अपने कपड़े बदले, तब मैंने उसकी चड्डी उठा के देखी।

सच बताऊं तो मैंने जीवन में इतना रस कभी नहीं देखा था, जितना उसकी चड्डी पर गिरा था। मानो कोई लस्सी उसकी गांड में भर गया हो, जिसे सूंघ कर मैं और उत्तेजित हो गया। कैसे उन्होंने मेरी रंडी बहन की गांड को फाड़ा, कैसे उन्होंने उसके होठों पर अपने 3 लंड लगा कर पेला। कैसे एक रंडी समान उसकी गांड में तीनों ने अपना रस भर के घर भेजा। उस रात भी मैंने उसके गांड और चूत को सूंघा। बड़ा मजा आया।

अंत में मैंने भी अपना लंड हिला कर माल उसके बालों पर गिरा दिया, और एक बूंद रस उसके होठों पर टपका कर चला गया। यह सोच कर, कि वो पानी समझ के चाट जायेगी अपने सगी भाई का गाढ़ा रस।

ये थी दोस्तों मेरी सगी रंडी बहन की गांड फाड़ चुदाई, जो मेरे दोस्तों ने मेरे दूर के भाई के साथ मिल कर की।

अगले हफ्ते मैं अपनी रंडी मां की कहानी के साथ फिर आऊंगा कि कैसे मेरी संस्कारी मां को एक वॉचमैन ने धंधे वाली रंडी बना दिया। तब तक बने रहें।

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