फिर कुछ महीनों पहले कुछ ऐसा हुआ, जिसने मेरे लंड के लिए मम्मी की चूत के रास्ते खोल दिए। हुआ ये, की मम्मी किसी नए क्लब में सहेलियों के साथ गई। वहां उनकी सहेलियां जुआ खेल रही थी तो मम्मी ने भी हाथ आजमाया। जब वो हार गई, तो उनकी सहेलियां उनका मजाक उड़ाने लगी। फिर गुस्से में आ कर मम्मी पैसे लगाती गई, और वो सारे पैसे हार गई, जो पापा ने उनको दिए थे।
अगले ही दिन पापा ने घर पर आना था। जब पापा ने मम्मी से पैसों के बारे में पूछा, तो मम्मी ने उनको सच बता दिया। इस पर पापा बहुत गुस्सा हुए। वैसे तो वो 5-6 दिन के लिए आते थे, लेकिन इस बार वो एक ही दिन में चले गए।
इतना सब होने के बावजूद भी मम्मी बाज नहीं आई, और बार-बार जुआ खेलने लगी। धीरे-धीरे उनको इसकी लत लग गईं। उन्होंने दोबारा से वो सारे पैसे उड़ा दिए जो पापा ने भेजे थे। इस बात पर दोबारा उनकी लड़ाई हुई, और पापा ने उनके अकाउंट में पैसे भेजने बंद कर दिए।
अब मम्मी के पास कोई जरिया नहीं था। उनको पापा पर भी बहुत गुस्सा था। पैसों की तलाश उनको मेरे पास ले आई। मैं नौकरी करता था, तो मेरे पास अच्छी बचत थी। मम्मी मेरे पास आई, और मुझे बोली-
मम्मी: बेटा मुझे कुछ पैसे चाहिए।
मैं: मम्मी आपको पापा पैसे भेजते तो है, तो मुझसे क्यों चाहिए आपको पैसे?
मम्मी: अच्छा, तो तू मुझे पैसे नहीं दे सकता?
मैं: मम्मी दे तो सकता हूं, लेकिन पता तो चले कि आपको पैसे क्यों चाहिए?
मम्मी: मतलब मुझे तुझे हिसाब देना पड़ेगा।
मैं: मम्मी ऐसी बात नहीं है। अगर आपको किसी जरूरी चीज के लिए चाहिए तो आप जितने मांगोगे मैं दे सकता हूं। लेकिन अगर हुआ खेलने के लिए चाहिए, तो मुझे माफ कीजिए, मैं नहीं दे सकता आपको।
मम्मी ये सुन कर आग बबूला हो गई।
वो बोली: अच्छा तो आज तू भी मुझ पर रोक लगाएगा। मैं जो चाहती हूं, वो मुझे करने नहीं देगा। चल अगर तू मुझे पैसे देगा, तो मैं भी तुझे वो दूंगी जो तू चाहता है।
मैं: मैं क्या चाहता हूं जो आप मुझे देंगी?
मम्मी: पिछले काफी सालों से जो तूने मेरी पैंटी और ब्रा में किया है, वो सब पता है मुझे। अगर तू मुझे पैसे देगा, तो मैं तुझे अपने साथ वो सब करने दूंगी, जो आज तक तूने सोच-सोच अपना ये (लंड की तरफ इशारा करते हुए) हिलाया है।
मम्मी की ये बात सुन कर मैं हैरान हो गया। मेरा दिमाग चक्कर खाने लगा। मैंने सोचा कि मम्मी सब जानती थी, जो मैं करता था। और आज तक मैं यहीं समझ रहा था कि मैं सब छुप के कर रहा था।
फिर मम्मी बोली: अच्छे से सोच ले। ऐसा मौका दोबारा नहीं मिलेगा। एक बार के 10000 लूंगी। बाकी तेरी मर्जी।
ये बोल कर मम्मी मेरे रूम से चली गई। जाते हुए उनकी मटकती गांड पर मेरी नज़र थी। मैंने सोचा जिसको चोदने का सोचने भर से मेरा माल निकल जाता था, वो आज खुद मुझे अपने छेद ऑफर कर रही थी। फिर मैंने सोचा कि अगर पापा को पता चल गया तो क्या होगा। पर फिर मेरे दिमाग में आया कि वो कौन सा घर पर रहते थे, जो उनको पता चल जाएगा। उल्टा जब मम्मी को पैसे मेरे से मिल जाएंगे तो पापा और उनके बीच लड़ाई भी नहीं होगी।
आखिरकार मैंने अपनी मम्मी की चुदाई करने का फैसला किया। फिर मैं उनके रूम की तरफ गया, और वहां पहुंच कर दरवाज़ा खटखटाया। मम्मी ने अंदर से मुझे आने की आवाज दी। मैंने दरवाजा खोला, और अंदर चला गया। अंदर जाके जब मैंने मम्मी को देख, तो मेरा लंड सलामी देने लग गया।
मम्मी शॉर्ट्स और टी-शर्ट पहन कर बिस्तर पर बैठी थी। उनकी शॉर्ट्स उनकी गांड से कुछ ही इंच नीचे तक थी, और टी-शर्ट भी बिल्कुल टाइट थी। कहने का मतलब ये है कि जो कपड़े उन्होंने पहने हुए थे, उनको देख कर उनके नंगे जिस्म को इमेजिन करना बहुत आसान था। उनको ऐसे देख कर मेरे मुंह से हवस भरा पानी निकलने लगा। फिर मैं कुछ बोलने ही वाला था, कि मम्मी बोली-
अब मम्मी मुझे क्या बोली, और आगे इस कहानी में क्या हुआ, वो आपको इसके अगले पार्ट में पता चलेगा। यहां तक कि कहानी पढ़ कर आप उत्तेजित हुए या नहीं, मुझे gulati.gulati555@gmail.com पर मेल करके बताएं।
अगला भाग पढ़े:- बुरी आदत ने करवाई मां की चुदाई-2