पिछला भाग पढ़े:- गोकुलधाम सोसाइटी की नई दास्तां-1
हॉट सेक्स कहानी अब आगे से-
(घर पहुंच कर तप्पू सेना के सभी सदस्य क्लास और सनी के बारे में सोच रहे होते है। जब वो होमवर्क कर रहे होते हैं, तब उनकी मम्मियां उन पर ध्यान देती हैं कि वो किसी बात में खो जा रहे है। जब वो चैप्टर का नाम देखते हैं तो रिप्रोडक्शन नाम देख थोड़ा समझते हैं कि शायद वो चैप्टर की वजह से है। रात को भी सब उन्हीं बातों में खोए हुए थे।
तप्पू को खोया देख उसके दादा चंपक उससे बात करने की कोशिश करता है। लेकिन तप्पू को कुछ भी समझ नहीं आता कि वो अपने दादा से कैसे क्या बात करे। और बात को टाल कर सो जाता है। यहां पर एपिसोड एंड होता है।)
तप्पू सेना के सदस्य कॉलेज से घर लौटते हैं। गोकुलधाम सोसाइटी में पहुंच कर सब अपने-अपने घरों की तरफ जाते हैं। लेकिन सबके दिमाग में सनी मैम की क्लास और रिप्रोडक्शन चैप्टर की बातें घूम रही हैं। तप्पू घर पहुंचता है और सीधा अपने रूम में चला जाता है। दया किचन में काम कर रही होती है, लेकिन वो तप्पू को देख कर मुस्कुराती है।
दया: अरे तप्पू बेटा, आज कॉलेज कैसा रहा? हे माता जी, तू तो कुछ खोया-खोया सा लग रहा है!
तप्पू (अपने बैग से किताब निकालते हुए, मन ही मन सनी की साड़ी याद करते हुए): कुछ नहीं मम्मी, बस थोड़ा थक गया हूं। होमवर्क करना है।
तप्पू अपनी टेबल पर बैठ जाता है और बायो की किताब खोलता है। किताब में रिप्रोडक्शन चैप्टर खुलता है। वो पेज पलटते हुए सनी की बताई बातों को याद करने लगता है। उसका दिमाग बार-बार सनी के क्लीवेज और उसकी मखमली आवाज पर अटक जाता है। वो होमवर्क करने की कोशिश करता है, लेकिन बार-बार खो जाता है। दया रूम में आती है और तप्पू को पानी का ग्लास देती है। वो देखती है कि तप्पू की आंखें किताब पर हैं लेकिन वो कहीं और खोया हुआ है।
दया: हे माता जी, तप्पू बेटा, क्या हुआ? तू होमवर्क कर रहा है या सपने देख रहा है? किताब में क्या है जो तू इतना खो गया?
दया किताब की तरफ झांकती है और चैप्टर का नाम देखती है -रिप्रोडक्शन। वो थोड़ा मुस्कुराती है और समझ जाती है कि शायद ये चैप्टर की वजह से है। वो मन ही मन सोचती है कि बच्चे बड़े हो रहे हैं, ऐसी बातें नॉर्मल हैं।
दया: अरे, ये तो रिप्रोडक्शन चैप्टर है। हे राम, शायद इसी की वजह से तू खोया हुआ है। कोई बात नहीं बेटा, पढ़ाई अच्छे से कर। अगर कुछ समझ ना आए तो पापा से पूछ लेना।
तप्पू (घबरा कर): हां मम्मी, ठीक है। बस ऐसे ही।
तप्पू होमवर्क पर फोकस करने की कोशिश करता है, लेकिन उसका लंड फिर से हल्का सा तन जाता है सनी की याद आते ही।
उधर, गोली अपने घर पहुंचता है। रोशन किचन में है और सोढ़ी बाहर से आ रहा होता है। गोली रूम में जाकर किताब खोलता है। वो भी रिप्रोडक्शन चैप्टर पढ़ने लगता है, लेकिन उसका दिमाग सनी की गांड की मटक पर अटक जाता है। वो बार-बार पेज पलटता है लेकिन कुछ समझ नहीं पाता। रोशन रूम में आती है और गोली को देखती है।
रोशन: गोली बेटा, क्या हुआ? तू होमवर्क कर रहा है या दिन में सपने देख रहा है? हे भगवान, तेरा चेहरा तो लाल हो रहा है!
गोली (हड़बड़ा कर): कुछ नहीं मम्मी, बस ये चैप्टर थोड़ा मुश्किल है। सही बात है, लेकिन मैं कर लूंगा।
रोशन किताब देखती है और चैप्टर का नाम पढ़ती है। वो थोड़ा चौंकती है लेकिन समझ जाती है।
रोशन: अरे, रिप्रोडक्शन? हे भगवान, शायद इसी की वजह से। कोई बात नहीं, पढ़ ले अच्छे से। अगर डाउट हो तो पापा से पूछना।
गोली मन ही मन सोचता है कि सनी मैम की क्लास में कितना मजा आया था। उसकी हालत फिर से खराब होने लगती है।
सोनू अपने घर पहुंचती है। माधवी भिड़े किचन में काम कर रही होती है। सोनू रूम में जाकर किताब खोलती है। वो चैप्टर पढ़ने लगती है, लेकिन उसकी चूत में फिर से खुजली शुरू हो जाती है। वो बार-बार अपनी स्कर्ट ठीक करती है और खो जाती है सनी की बातों में। माधवी रूम में आती है और सोनू को देखती है।
माधवी: सोनू बेटी, क्या हुआ? तू होमवर्क कर रही है या कहीं खोई हुई है? तेरी आंखें तो चमक रही हैं!
सोनू (शरमाते हुए): कुछ नहीं मम्मी, बस ये चैप्टर… उफ्फ, थोड़ा कन्फ्यूजिंग है।
माधवी किताब देखती है और रिप्रोडक्शन नाम पढ़ती है। वो मुस्कुराती है और समझ जाती है कि बड़े होने की उम्र है, ऐसी बातें होती हैं।
माधवी: अरे, ये तो रिप्रोडक्शन चैप्टर है। शायद इसी वजह से। पढ़ ले बेटी, अगर कुछ समझ ना आए तो पापा से पूछ लेना। वो मास्टर हैं।
सोनू मन ही मन सनी की साड़ी और उसके तरीके को याद करती है। उसकी सांसें तेज हो जाती हैं।
पिंकू अपने घर पहुंचता है। उसकी मम्मी मान लीजिए पिंकू की मम्मी का नाम पिंकी है (TMKOC में पिंकू के पैरेंट्स नहीं दिखाए गए, लेकिन स्टोरी के लिए) पिंकू को देखती है। पिंकू होमवर्क करने बैठता है लेकिन खो जाता है। उसकी मम्मी नोटिस करती है और चैप्टर देख कर समझ जाती है।
रात हो जाती है। सब अपने-अपने घरों में डिनर करते हैं लेकिन सबके दिमाग में वही क्लास घूम रही है। तप्पू डिनर के बाद रूम में जाता है और बिस्तर पर लेट जाता है। वो सनी की याद में खोया हुआ है। चंपक लाल (बापू जी) रूम में आते हैं और तप्पू को देखते हैं।
बापू जी: जेठिया का बेटा, क्या हुआ? तू आज कुछ खोया-खोया सा लग रहा है। कोई बात है क्या? बता ना दादा को।
तप्पू (घबरा कर): कुछ नहीं दादा, बस कॉलेज की पढ़ाई। थक गया हूं।
बापू जी: अरे, पढ़ाई तो रोज की बात है। लेकिन तेरा चेहरा कुछ और कह रहा है। कोई प्रॉब्लम है क्या? क्लास में कुछ हुआ?
तप्पू सोचता है कि दादा से कैसे कहे सनी मैम और रिप्रोडक्शन की बात। वो समझ नहीं पाता और बात टाल देता है।
तप्पू: नहीं दादा, कुछ नहीं। बस नींद आ रही है। गुड नाइट (तप्पू करवट बदल कर सोने का बहाना करता है।)।
बापू जी: ठीक है बेटा, लेकिन अगर कुछ हो तो बता देना। गुड नाइट (बापू जी चले जाते हैं, लेकिन चिंतित रहते हैं।)।
तप्पू अंधेरे में लेटा हुआ सनी की याद में खोया रहता है। इसी तरह बाकी सदस्य भी रात भर उन बातों में खोए रहते हैं।
दूसरा एपिसोड समाप्त।
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