रिसोर्ट में मिली रेखा आंटी के साथ ग्रुप सेक्स-3

पिछला भाग पढ़े:- रिसोर्ट में मिली रेखा आंटी के साथ ग्रुप सेक्स-2

विवेक: हम यहां ग्रुप सेक्स करने आये है। मेरी बीवी को आप पसंद आये इसलिए हम आपके पास आये है। तो क्या आप ग्रुप सेक्स के लिए रेडी है? बस एक शर्त है।

मैंने पूछा: शर्त क्या है?

विवेक: अगर आपके साथ कोई आपका पार्टनर हो, जैसे की गर्लफ्रेंड वगैरह तो ही बस ग्रुप सेक्स हो सकता है।

मुझे उस सोनाली भाभी को चोदना तो था ही, तो मैंने हां बोल दिया। अब मुझे आंटी को मनाना था, इसके लिये तो मैं अपने रूम में जाके इंतज़ार करने लगा। रात को मैं आंटी के रूम में गया तो देखा आंटी और अंकल वहां आये हुए थे। तो अंकल के सामने मैंने आंटी से कहा-

मैं: चलिए ना बाहर टहल के आते है।

अंकल दिन में काम करके थक गये थे तो आंटी मेरे साथ आयी। हम रिसोर्ट के बाहर थोड़ी सैर करने निकले। मैंने आंटी को ग्रुप सेक्स के बारे में बताया, और आंटी ने मना कर दिया।

रेखा आंटी: नहीं, मेरे पति को पता चल गया तो? नहीं-नहीं ये सब मैं नहीं कर सकती।

मैं: अरे आंटी आप अकेली नहीं है, वो और उसकी बीवी भी तो है। और मैं आपके पति को पता नहीं चलने दूंगा। आप बस मेरा साथ दीजिए।

रेखा आंटी: मैंने पहले ऐसा कभी किया नहीं है। ये मेरे लिये बहुत मुश्किल है।

मैं: चलिए ना आप, बहुत सारी चीज़े पहली बार ही होती है।

रेखा आंटी: पक्का ना, किसी को पता नहीं चलेगा ना?

मैं: नहीं आंटी, कभी नहीं।

रेखा आंटी: अच्छा ठीक है। अभी यहां से चलो। मैं बहुत थक गई हूं।

जाते-जाते मैंने आंटी को अपनी बाहों में लिया और फ़्रेंच स्टाइल में आंटी को 10 मिनट किसिंग की। फिर उनकी गांड को ज़ोर से दबाया वही वॉचमैन के सामने। आंटी की चीख निकली आह। मैं हसने लगा, और वहां से निकल के सोनाली और वरुण को कॉल लगा के हां बोला।

उन्होंने कहा: कल दोपहर या रात को तुम दोनों हमारे कमरे में आ जाओ।

फिर अगले दिन सुबह मैंने आंटी को बुलाया। अंकल भी साथ में आ गये। जब थोड़ी देर के लिए अंकल वहां से बाहर गये, तो हमारी ग्रुप सेक्स के बारे में बाते हुई।

मैं: आंटी आप अंकल को छोड़ के कैसे आ पाएगी?

रेखा आंटी: तुम उसका टेंशन मत लो, मैं कुछ बहाना करके आ जाऊंगी।

इतने में अंकल आये। हम तीनों ने साथ में नाश्ता किया और चले गये। दोपहर में मैंने वरुण को कॉल किया तो उसने अपना रूम नंबर बताया 17। परेशानी की बात ये थी कि आंटी के रूम का नंबर 16 था। मतलब उन दोनों का रूम एक-दम बग़ल में था। मैंने आंटी को ये सब बताया। आंटी ने फिर भी हां कहा।

दोपहर में, मैं उनके रूम में गया। सोनाली ने काले रंग का नाईट गाउन पहना था, जिसमें सब आर-पार दिख रहा था, और विवेक उसकी बग़ल मैं बैठा था। वहां मैं आंटी का इंतज़ार करने लगा। 10-15 मिनट बाद आंटी आयी। चटकीली लाल लिपस्टिक पहनी थी, और काले रंग का मॉडर्न ड्रेस पहना हुआ था।

हमने कुछ बाते की, और परिचय हुआ एक दूसरे के साथ। फिर सोनाली ने हमे ड्रिंक दिये, और सब ने साथ में ड्रिंक की

और नाचने वाले गाने लगाये।

वरुण रेखा आंटी का हाथ पकड़ के नाचने लेके गया, और सोनाली मेरे पास आयी,‌ और ज़बरदस्ती नाचने के लिये लेके गई। अब हम चारों एक दूसरे के साथ नाचने लगे। सोनाली मेरे सामने नाच रही थी। उसने मेरा हाथ पकड़ा और उसकी कमर पे रखा। उसकी गांड मेरे लंड पे रगड़ने लगी।

मैंने देखा वरुण भी रेखा आंटी के ऊपर इधर-उधर हाथ फेरने लगा। अब मुझसे रहा नहीं गया। मैंने अपने कपड़े उतारे और अपना लंड बाहर निकाला, और सोनाली को नीचे घुटनों पर बिठाया। फिर उसके मुंह में लंड दे दिया। वो सुड़क-सुड़क करके चूसने लगी। उधर वरुण आंटी की चूत चाटने लगा। 5 मिनट बाद मैंने अपने हाथ पे थूक लगायी, और सोनाली की चूत सहलाने लगा। वो उम्म उम्म ऐसी आवाज़ निकालने लगी। उसकी चूत गीली हो गई तो मैंने अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया।

सोनाली: आह आह, आराम से करो ना।

मैं आराम से करने लगा। उधर विवेक का लंड आंटी चूस रही थी। थोड़ी देर बाद उसने आंटी को लिटाया और अपने 7 इंच के लंड से आंटी को चोदने लगा। आंटी भी आह आह आह करने लगी। मैंने सोनाली को टेबल पे लिटाया और अब दूसरी पोजीशन में चोदने लगा उसको। वो उसको काफ़ी पसंद आया।

सोनाली: आह आह प्राश, रुको मत आह।

लगभग 15 मिनट में वो दो बार झड़ गई। उधर वरुण आंटी को खड़े-खड़े चोद रहा था। कुछ देर बाद उनका भी हुआ। हम थक के बैठ गये। इतने में सोनाली रेखा आंटी के पास गयी और उनके चूचे चाटने लगी।‌ आंटी उम्म्म उम्म की, सिसकारियां लेने लगी।

आंटी ने भी अब सोनाली की चूत चाटना चालू किया। सोनाली भी आई उम्म‌ की‌‌ सिसकारियां लेने लगी। फिर मैं उठा, और आंटी के पीछे जाके आंटी की चूत मारने लगा।

आंटी: आह क्यों डाला इतने ज़ोर से आह आह, दर्द हो रहा है। आराम से करो।

मैं आराम से करने लगा। उधर वरुण भी उठा और सोनाली की चुदाई करने लगा।

हमने 10-12 मिनट ऐसी चुदाई की, कि रूम में बस आह आह आह उम्म की आवाज़े आ रही थी। अब वरुण ने और मैंने एक-दूसरे से जगह बदल ली। वरुण आंटी को चोदने लगा, और मैं सोनाली को चोदने लगा। 5-7 मिनट बाद हम सब झड़ गये। मैंने रस सोनाली के मुंह में डाल दिया और वही सो गया।

थोड़ी देर बाद उठे तो मैं देखने लगा कि सोनाली सोयी हुई थी। वरुण भी सोया हुआ था, बस आंटी जगी हुई थी। मुझे फिर चोदने का मन हुआ तो मैंने आंटी की चूत में थूक लगायी और अपना लंड डाल दिया। अब सोफा पे आंटी चुदने लगी। 10 मिनट तक आंटी को चोदा। आंटी आह आह की आवाज़ निकल रही थी तो वरुण भी उठ गया।

वरुण उठा और आंटी के मुंह में लंड दे दिया। मैं चोद रहा था और आंटी वरुण का लंड चूस रही थी। 5 मिनट बाद हमने पोजीशन बदल ली। अब आंटी मेरा लंड चूसने लगी, और वरुण आंटी को चोदने लगा। इतने में दरवाज़े की घंटी बजी। हमने सोनाली को देखने को बोला। सोनाली ने देखा कि बाहर आंटी का पति यानी अंकल खड़े थे।

अंकल: अरे मैडम, आपने मेरी बीवी को कही देखा है क्या? मैं सो रहा था और उठा तो मेरी बीवी कहीं ग़ायब थी।

सोनाली: नहीं अंकल, मुझे पता नहीं, माफ़ कीजिए।

अंकल: उसका मोबाइल बंद आ रहा है, इसलिए मैं थोड़ा चिंतित हूं।

और वहां से निकल गये। उनको क्या पता था कि उनकी बीवी को 2 जवान लौंडे उसी रूम में चोद रहे थे।

रेखा आंटी: जाने दे उस चूतिए को, आज तक उसने मुझे ठीक से नहीं चोदा। हमेशा गर्म करके ठंडा ही छोड़ देता है।

ये सुन के मैं और वरुण हसने लगे। अब मैंने वरुण को थोड़ा तेल लाने को बोला। मैंने अपने लंड पे तेल लगाया, और रेखा आंटी की गांड में अपना लंड डाल दिया।

रेखा आंटी: आह आह दर्द हो रहा है।

मैंने वरुण को चूत चोदने को कहा, और वो भी चूत चोदने लगा। अब मैं लेटा हुआ था। मेरे लंड पे आंटी बैठी हुई थी, तो मेरा लंड आंटी की गांड में था। वरुण बाजू में खड़ा रह के आंटी की चूत चोद रहा था। डबल पेनेट्रेशन हो रहा था आंटी के साथ, और आंटी बस चिल्लाए जा रही थी।

आंटी: आह आह आह मर गई रे आह‌।

मेरे मोबाइल पे अंकल का कॉल आया।

अंकल: बेटा आंटी तुम्हारे साथ है क्या?

मैं: हां अभी मेरे साथ ही थी अंकल आधे घंटे पहले, शायद बार में गई हो।

अंकल: तुम इतना हाफ़ क्यों रहे हो?

मैं: थोड़ा रनिंग कर रहा था अंकल इसलिए।

अंकल: अच्छा रेखा मिली तो बताना।

मैं: हां अंकल ज़रूर।

हम झड़ गये और थक गए। फिर मैंने और आंटी ने शावर लिया, और मैं अपने रूम में चला गया, और आंटी भी अपने कमरे में चली गई। अगले दिन सुबह अंकल और आंटी और मैंने नाश्ता किया, और फिर अंकल और आंटी सामान लेके रिसोर्ट से निकल गये।

रेखा आंटी इंदौर में रहती है। मैं जब भी इंदौर जाता हूं, तो आंटी के पास ज़रूर जाता हूं।

तो ये थी मेरी कहानी, पसंद आई तो फीडबैक ज़रूर देना।

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