पिछला भाग पढ़े:- दो गायें और दो सांड-6
हिंदी कामुकता कहानी अब आगे-
मैंने प्रभा को चाय नाश्ता लाने के लिए बोल दिया। प्रभा खाली बर्तन भी उठाने तब तक नहीं आते थी, जब तक मैं उसे बुलाती नहीं थी।
असलम चला गया और मैंने नसरीन का हाथ अपने हाथ में लेते हुए पूछा, “और सुनाओ नसरीन जिंदगी की गाड़ी कैसे चल रही है? असलम बता रहा था तुम लोगों ने अपने दुकान के साथ वाली दुकान भी खरीद ली है?”
नसरीन बोली, “जी मालिनी जी। पुरानी दूकान का काम भी बदल लिया है, और नाम भी। अब वहां जूतों का शोरूम है। करनाल के लिबर्टी वालों की एजेंसी है। अब दुकान का नाम है शाहजी शूज़। और मालिनी जी असलम ने गाड़ी भी ले ली है, बड़ी वाली गाड़ी।”
मैंने कहा, “वह नसरीन ये तो बड़ी अच्छी बात है। निकहत का क्या हाल है?”
नसरीन बोली, “निकहत ठीक है मालिनी जी, दोनों बड़े खुश हैं।”
मैंने नसरीन का हाथ दबाते हुए पूछा, “और असलम के साथ तुम्हारा कैसा चल रहा है?”
मैंने फैसला किया कि मैं नसरीन को असलम और उसके बीच कैसा चल रहा है, उसके बारे में कुछ नहीं बताऊंगी।
नसरीन थोड़ी सी उदासी के साथ बोली, “ठीक चल रहा है मालिनी जी।”
मैंने नसरीन का हाथ थोड़ा और दबाते हुए कहा, “नसरीन असलम के साथ चुदाई होती है तुम्हारी?”
नसरीन धीरे से बोली, “नहीं मालिनी जी चुदाई तो नहीं होती?”
फिर कुरेदते हुए पूछा, “क्यों? क्या बिल्कुल भी नहीं होती?”
नसरीन बोली, “बस मालिनी जी, एक बार ही हुई है।”
मैंने पूछा, “ऐसा क्यों नसरीन एक-दम चुदाई कैसे बंद हो गयी? क्या निकहत अपने मायके रहने के लिए नहीं जाती? क्या असलम नहीं चोदता तुम्हें या तुम ही नहीं चुदवाती असलम से?”
मैंने फिर से पूछा, “और वो एक बार भी कैसे हुई नसरीन?”
नसरीन कुछ नहीं बोली।
मैंने फिर कहा, “बताओ नसरीन, वो एक बार की चुदाई कैसे हो गयी जबकि तुम असलम से चुदाई करवाती ही नहीं। क्या असलम ने जबरदस्ती की?”
मुझे तो असलम उस एक बार की चुदाई के बारे में बता ही चुका था, मगर मैं नसरीन के मुंह से सुनना चाहती थी। चूत चुदाई के मामले में मैं ही कौन सी कम ठरकी हूं।
नसरीन ने एक बार चूत खुजलाई और बोली, “असल में मालिनी जी एक बार निकहत दो दिन के लिए मायके गयी हुई थी। उस दिन, दिन में ही मेरा चूत का पानी छुड़ाने का बहुत मन हो रहा था। मेरा दिल कर रहा था असलम से कहूं, आजा बेटा असलम अपने अम्मी की चूत की आग ठंडी कर दे। मगर वही बात, मेरा मन नहीं मान रहा था।”
“मैं कमरे में गयी और सलवार उतार कर रबड़ का लंड चूत में डाल लिया। अभी मैंने लंड चूत में ठीक से बिठाया भी नहीं था कि तभी असलम वहां आ गया और और मेरी चूत में से लंड निकाल कर बोला, ”क्या हुआ अम्मी चुदाई करवाने का मन हो रहा है? मालिनी जी ये कह कर असलम ने अपना पायजामा और अंडरवियर उतारे, मेरे चूतड़ों के नीचे तकिया लगा दिया और मेरी टांगें चौड़ी कर के मेरे चूत में लंड डालने लगा।”
“मैंने टांगें फिर से बंद कर ली और असलम से बोली, “नहीं असलम अब तुमसे चुदाई नहीं, अगर तुम्हार साथ एक बार चुदाई शुरू हो गयी तो फिर रुकना मुश्किल हो जाएगा। अब यहां, इस घर में मेरी तुम्हारी ना ही हो तो अच्छा है।”
असलम मेरे ऊपर से नहीं उतरा और मुझसे बोला, “अम्मी अगर इस घर अगर मेरी आपकी चुदाई नहीं हो सकती तो मैं कहीं बाहर जगह ढूंढता हूं। फिर असलम बोला, अम्मी आज तो चुदाई करवा लो। आपके चूत गर्म हुई पड़ी है चूत के पानी भरी पड़ी है। इसे लंड चाहिए ही आज वो भी अभी।”
“अब मालिनी जी उस वक़्त चूत तो मेरी गर्म थी ही, ना ही मैंने असलम से चुदाई ना करवाने की कसम ही खाई हुई थी। मैंने असलम से कह दिया ठीक है असलम कर ले आज चुदाई। मगर ऐसी चुदाई कर कि चूत और गांड दोनों की तसल्ली हो जाए। असलम सच बताऊं निकहत के कारण मन नहीं मानता, मगर तुझसे चुदाई करवाने का मन भी बहुत करता है। कोइ ठीक जगह मिल जाए तो अच्छा है, मगर ध्यान रखना कोइ खतरा ना हो। चल उतर मेरे ऊपर से और कपड़े उतारने दे। तू भी कपड़े उतार और मस्त चुदाई कर अपनी अम्मी की।”
“मालिनी जी इसके बाद मैं के किनारे चूतड़ पीछे करके लेट गयी। असलम ने मेरी चूत और चूतड़ खूब चूसे चाटे। उस दिन तो मेरी और असलम की ऐसी चुदाई हुई कि मालिनी जी क्या बताऊं। असलम के साथ चली एक घंटे तक चुदाई में मेरी चूत तीन बार पानी छोड़ गयी। एक बार असलम के लंड का भी पानी छूट गया। उस दिन असलम ने मेरी गांड की भी मैंने खूब रगड़ाई की और आखिर में मेरे मुंह में अपने लंड का पानी निकाल दिया।”
“मैं बिस्तर पर लेट गयी। असलम भी मेरे पास ही लेट हुआ था। असलम अपने लंड को अपनी हाथ से मसल रहा था।”
असलम ने मुझसे से पूछा, “अम्मी अभी हो गया या और चुदाई करवानी है?”
नसरीन बोल रही थी , “मालिनी जी क्या बताऊं पता नहीं मुझे क्या हो गया था। मेरा मन एक बार और चुदने का हो रहा था। मैंने उठते हुए असलम से कहा, असलम मैं पेशाब करके आती हूं फिर देखते हैं। असलम समझ ही गया कि मैं अभी और चुदाई करवाना चाहती थी।”
नसरीन अपनी और असलम की चुदाई की कहानी सुना रही थी और मेरी चूत पानी छोड़ती जा रही थी। मैंने नसरीन की चूत में और अंदर तक उंगली डाली और उसे पकड़ कर उसके होठों पर एक जोरदार चुम्मा लिया और बोली, “नसरीन तेरी और असलम की चुदाई सुन कर मेरा अपना मन उससे चुदाई करवाने का होने लगा है – चल तू बता आगे क्या हुआ, हुई एक और चुदाई?”
नसरीन बता रही थी, “मालिनी जी मैं पेशाब करके आयी और हमारी एक चुदाई और हो गयी। बस मालिनी जी ये समझिये की वो चुदाई हमारी आख़री चुदाई ही थी।”
फिर नसरीन कुछ देर चुप रही और फिर बोली, “मालिनी जी असलम तो कभी-कभी, जब कभी निकहत अपने मायके गई होती है मुझे चुदाई के लिए बोलता है। मगर मेरा ही मन नहीं मानता। मुझे लगता है निकहत हमारी चुदाई देख रही है।”
मैंने नसरीन से पूछा, “नसरीन सच-सच बताना, क्या तुम्हारा मन चुदाई का नहीं करता?”
नसरीन कुछ रुक कर बोली, “अब आपसे क्या छुपाना मालिनी जी। मन तो बहुत करता है असलम का लम्बा मोटा लंड गांड में, चूत में लेने का, मगर फिर मन को मार कर रबड़ के लंड से चूत का पानी छुड़ा लेती हूं। या कभी-कभी असलम से चूत चुसवा लेती हूं। उस एक बार की चुदाई के बाद हम लंड चुसाई और चूत चुसाई से आगे नहीं बढ़े।”
मैंने कहा, “नसरीन ऐसे मन मारने से तो सेहत ही खराब हो जाएगी। और फिर रबड़ के लंड मर्द के लंड जैसा चुदाई का मजा तो नहीं देते।”
मैं बोल रही थी और नसरीन सुन रही थी, “तुम खुद ही सोचो नसरीन, मर्द जब औरत के ऊपर लेट कर उसे बाहों में लेकर उसकी चूत में अपना लंड डालता है, उसकी चुदाई करता है, उसका मजा अलग ही होता है। और वो पीछे की चुदाई? जब मर्द के टट्टे औरत के चूतड़ों से और चूत से टकराते है तो औरत को चुदाई का दुगना मजा आता है। हुए वो जो चुदाई के वक़्त मर्द बोलता है वो? इसके अलावा मर्द के लंड की गरम गरम मलाई जब चूत, गांड या मुंह में जाती है। नसरीन ये सब रबड़ के लंड से तो नहीं मिलता।”
नसरीन कुछ पल चुप रही और फिर बोली, “मालिनी जी आप कह तो ठीक रही हैं। मगर आप ही बताईये मैं क्या करूं?”
मैंने कहा, “नसरीन मुझे तो इसका एक हल दिखाई देता है। एक हल तो है मेरे पास।”
नसरीन मेरी तरफ देखने लगी। मैंने कहा, “देखो नसरीन असलम की चुदाई निकहत के साथ हो जाती है, उसे चुदाई के मजे के लिए तुम्हें चोदने की जरूरत नहीं। अगर वो तुम्हें चोदना चाहता है तो सिर्फ इस लिए क्यों की उसे लगता है तुम्हें मर्द की चुदाई का मजा चाहिए। अपनी शादी से पहले भी वो यही सोचता था और यही सोच कर वो शादी नहीं करना चाहता था।”
मैंने आगे नसरीन से कहा, “नसरीन तुम असलम से साफ़ कहो कि, असलम तुम्हारे पास चोदने के लिए निकहत की चूत है तुम्हें मेरी चुदाई की जरूरत नहीं। लेकिन जब मुझे चुदाई की तलब होगी मैं तुम्हें बोल दूंगी, तब तुम मुझे चोद लिया करना। नसरीन अगर असलम से कहने पर झिझक होती है तो मैं असलम को बोल दूंगी। ठीक है?”
नसरीन बोली, “नहीं मालिनी जी, ये मुझसे नहीं होगा। मैं निकहत के उस घर में रहते असलम से चुदाई नहीं करवा सकती। मेरा मन नहीं मानता।” ये कहते हुए नसरीन ने अपनी चूत जोर जोर से खुजलाई और बोली, “पानी छोड़ रही है मालिनी जी मेरी चूत।”
मैंने कहा, “इसका इलाज भी करते हैं, पहले असल बात पूरी कर लें।”
फिर मैंने नसरीन से पूछा, “अच्छा नसरीन एक बात बताओ।” मैंने नसरीन की चूत छूते हुए कहा, “नसरीन, इतने मोटे लंड से चुदाई करवानी है? लेना है चूत में, गांड में मुंह में?” मैंने अंगूठे उंगली से गोल बना कर इशारा किया।
नसरीन चूत को खुजलाते हुए बोली, “क्या मालिनी जी? इतना मोटा लंड भी मंगवाया है क्या आपने?”
मैंने नसरीन की चूत में उंगली डालते हुए कहा, “रबड़ का नहीं नसरीन असली लंड। असली का असली मर्द का लंड।”
नसरीन ने एक सिसकारी ली, “आअह आअह मालिनी जी बड़ा मजा आता होगा उसे जिसकी चूत में इतना मोटा डंडा जाता होगा।”
मैंने नसरीन से पूछा, “ठीक कहा तुमने नसरीन, जन्नत का मजा आता। मैं ले चुकी हूं इसे अपनी चूत में भी, गांड में भी और मुंह में भी। और जिसका ये लंड है वो चुदाई भी बड़ी मस्त करता है, जल्दी झड़ता भी नहीं असलम के तरह।”
फिर मैंने नसरीन की चूत पर हाथ फेरते हुए कहा, “नसरीन तुमने लेना है ये मोटा लंड, चूत में, गांड में, मुंह में?”
नसरीन की आंखें गुलाबी हो गयी। मेरा हाथ अपनी चूत पर दबाते हुए बोली, “मगर कैसे मालिनी जी? असलम भी तो यहीं है। फिर कैसे?”
मैंने कहा, “वो सब तुम मुझ पर छोड़ दो। बस ये बताओ लेना है? मस्त चुदाई करवानी है? ऐसी चुदाई जो तुमने कभी सोची भी नहीं होगी यादगार चुदाई – बल्कि चुदाई नहीं चुदाईयां। चार-पांच घंटे तक चलने वाली चुदाईयां, जिसमें चूत में गांड में मुंह में सब जगह लंड की गर्म-गर्म मलाई निकलेगी।”
नसरीन की आवाज चुदाई का सोच-सोच कर कांपने लगी और वो बोली, “मालिनी जी अपने तो मेरी चूत और गांड दोनों गर्म कर दी। अब बताईये कैसे होगी ऐसी चार-चार घंटे वाले चुदाई, जब असलम भी साथ है?”
मैंने नसरीन की चूत दबाते हुए कहा, “नसरीन पहले हां तो बोलो। बाकी मैं संभाल लूंगी। बाकी रही तुम्हारी चूत और गांड, तुम्हारी चूत और गांड का इलाज तो मैं अभी कर दूंगी।”
नसरीन बोली, “अगर ऐसा है मालिनी जी तो मैं भी ये चार-पांच घंटे वाली चुदाई करवाऊंगी।”
मैंने कहा, ठीक है नसरीन फिर तुम मेरी सवाल का जवाब दो, मगर ठीक-ठीक, सच-सच।”
नसरीन बोली, “पूछिए मालिनी जी। आपसे मैं कभी झूठ नहीं बोलती।”
मैंने नसरीन से कहा, “चलो नसरीन पहले कपड़े उतार लो। आराम से बैठ हल्के होकर बात करेंगे।”
ये कह कर मैं उठी और अपने कपड़े उतार दिए। मुझे नंगा देख नसरीन भी नंगी हो गई। मैंने नसरीन की टांगें चौड़ी करके उसकी चूत में उंगली डाल दी। चिकने पानी से भरी पड़ी थी नसरीन की चूत।
नसरीन मेरी तरफ देखने लगी। अब उसे मेरे सवाल का इंतजार। नसरीन मोटा लंड चूत और गांड में लेना चाहती थी।
मैंने नसरीन से पूछा, “नसरीन जमाल तुम्हें चोदता था, और वो असलम के कहने से चुदाई शुरू हुई थी?”
मैंने अपनी बात जारी रखते हुई कहा, “और नसरीन, जब जमाल ने दुबई जाना था तो तुम्हारे साथ असलम की चुदाई जमाल के कहने से शुरू हुई थी?”
नसरीन ने हां में सर हिला दिया। मैंने पूछा, “नसरीन इसका मतलब है जमाल और असलम दोनों उनसे तुम्हारी चुदाई की बात जानते हैं। अब एक आख़री सवाल, मगर इसका जवाब सोच कर देना।”
नसरीन मेरी तरफ देखने लगी। मैंने बात जारी रखते हुई कहा, “मान लो नसरीन जमाल दुबई से आता और कहता है कि उसने तुम्हें चोदना है, तो क्या तुम मान जाओगी? क्या असलम मान जाएगा?”
नसरीन बोली, “मालिनी जी दोनों को मेरी एक-दूसरे के साथ होती हुई चुदाई के बारे में मालूम ही है। मुझे क्या एतराज होगा। और मालिनी जी मुझे लगता है असलम को भी कोइ एतराज नहीं होगा।”
मैंने कहा, “और नसरीन अगर असलम कहता है कि वो और जमाल इकट्ठे तुम्हारे चुदाई करना चाहते हैं, एक-दूसरे के सामने। या फिर तुम्हारा ही मन उनसे इकट्ठे चुदाई करवाने का हो जाए एक-दूसरे के सामने तो?”
नसरीन कुछ सोचते हुई बोली, “मालिनी जी मैं तो दोनों से चुदाई करवा ही चुकी हूं। और दोनों एक-दूसरे के साथ होती मेरी चुदाई के बारे में भी जानते हैं। जमाल जानता ही है कि मेरा बेटा असलम मुझे चोदता है। अब उससे कैसी शर्म। मुझे उन से एक-दूसरे के सामने चुदाई करवाने से क्या एतराज हो सकता है।”
मैंने नसरीन का मम्मा दबाते हुए कहा, “अच्छा नसरीन अब बताओ अगर जमाल की जगह वो मोटे लंड मर्द हो तो? वो मोटे लंड वाला और असलम दोनों एक-दूसरे के सामने तुम्हारी चुदाई करें?”
नसरीन के चेहरा पर हैरानी थी, असमंजस वो कुछ नहीं बोली। मैंने ही कहा, “नसरीन मैं भी साथ रहूंगी। तुम मैं, असलम और वो मोटे लंड वाला – दो गायें और दो ही सांड। संदीप नाम है उस मोटे लंड वाले का। ये रबड़ के लंड उसी के पास से आते हैं। मस्त चुदाई करता है संदीप। गांड का छेद खोल कर रख देता है। जरा सोचो मैं तुम, असलम और संदीप। हर जगह लंड डलवाएंगी दोनों से। गांड में चूत में और मुंह में।”
नसरीन का चेहरा लाल हो गया। वो बाहर ही धीमे आवाज में बोली, “मगर मालिनी जी असलम? असलम आपको मेरे सामने चोदेगा? और मैं असलम के सामने संदीप से? असलम को बुरा नहीं लगेगा? और असलम चोद लेगा मुझे संदीप के सामने?”
मैंने कहा, “देखो नसरीन तुम खुद मेरी चुदाई असलम से करवा चुकी हो। वो चुदाई तुम्हारे सामने नहीं थी मगर तुम्हारी मौजूदगी में थी, इसी कमरे में हुई थी, जब तुम बाहर क्लिनिक में बैठी।”
मैंने अपनी बात जारी रखते हुए कहा, “नसरीन मेरी चुदाई करने के बाद असलम नंगा ही तुम्हें देखने के लिए क्लिनिक में गया तो तुम रबड़ का लंड अपनी चूत में डाल कर चूत की चुदाई कर रही थी। असलम ने अपना लंड तुम्हारे मुंह में डाल कर तुम्हारे मुंह में अपनी लंड के मलाई निकाली थी। उस वक़्त मैं भी वहीं थी। अब बताओ नसरीन जब इतना कुछ हो चुका है तो फिर आपस में कैसी शर्म? चुदाई के मजे के बारे में सोच। रही असलम की बात, तो उसे मैं मना लूंगी।”
नसरीन चुप ही थी। मैंने ही कहा, “और नसरीन, असलम कह रहा था नयी दुकान की जिम्मेदारी तुम्हारे ऊपर आने वाली है। दुकान के सामान के सिलसिले में आगे से तुम भी असलम के साथ कानपुर आया करोगी। एक बार अगर ये एक-दूसरे के सामने वाले चुदाई हो गई तो हम तीनों, जब भी तुम कानपुर आओ, इस तरह का प्रोग्राम बना लिया करेंगे।”
“इस एक बार की चार घंटे चुदाई तुम्हारी तसल्ली भी कर देगी और असलम से चुदाई करवाने की तुम्हारी झिझक भी खत्म कर देगी। फिर जब तुम्हारा मन करे असलम को बोल दो वो तुम्हें चोद दिया करेगा। नसरीन इस तरह मन मार कर सिर्फ एक वहां के चक्कर में की असलम से चुदाई करवाते वक़्त तुम्हें ऐसा लगता है कि निकहत वहां मौजूद है, अपनी सेहत खराब मत करो।”
नसरीन उसी तरह धीमी आवाज में बोली, मगर साथ ही अपनी चूत में हाथ ऊपर नीचे करना नहीं भूली, “मगर मालिनी जी असलम / क्या असलम मान जाएगा?”
मैंने कहा, “नसरीन इन कहा ना के असलम को मनाने के जिम्मेदारी मुझ पर छोड़ दो। वैसे ही असलम को तुम्हारी बहुत फ़िक्र रहती है। तुम्हें खुश देखने के लिए वो कुछ भी कर सकता है। ज़रा सोचो जो लड़का तुम्हें खुश देखने के लिए तुम्हें अपनी दुकान में काम करने वाले से चुदवा सकता है और उसके कहने से तुम्हे चोद सकता है, उसे कितनी फ़िक्र है तुम्हारी।”
मेरी इस बात का नसरीन पर पूरा असर हुआ और आखिर नसरीन बोली, “मालिनी जी, अगर आप भी इस चुदाई में हिस्सा लेंगी और असलम को भी कोई एतराज़ नहीं होगा, तो फिर मैं भी तैयार हूं। मगर असलम को आपको ही राजी करना होगा। चलिए अब मेरी चूत का पानी निकालने का इंतजाम करिये।”
ये बोल कर नसरीन खड़ी हो गयी।
मैं भी उठी और नसरीन को बाहों में ले लिया और उसके होंठ अपनी होठों में ले लिए। मेरा एक हाथ नसरीन की चूत था और दूसरे हाथ से मैंने नसरीन को अपनी साथ चिपकाया हुआ था। हम दोनों के मम्मे एक-दूसरे के मम्मों के साथ गड़मगड़ हो रही थे। बस अब रबड़ के लंडों का इंतजार था।
मैंने सोचा दो गायें और सांड के खेल के लिए नसरीन और असलम तो तैयार ही हैं, बस असलम को ये बोलना है कि चुदाई के वक़्त नसरीन को अम्मी ना बुलाये और नसरीन को ये पता ना चले कि मैं और असलम दो गायें और दो सांडों का खेल पहले ही खेल चुके थे। संदीप को भी ये बताना था कि नसरीन को पता नहीं चलना चाहिए कि असलम हमारे साथ ये दो गायों और दो सांडों वाली चुदाई कर चुका था।
मैंने नसरीन को छोड़ा और बोली, “बोलो नसरीन, क्या चुदवानी है चूत या गांड?”
नसरीन बोली, “मालिनी जी, मैं तो पूरी की पूरी आपके हवाले हूं, जो मर्जी चोद लीजिये।”
मैंने कहा, “तो ठीक है नसरीन उल्टी हो कर चूतड़ पीछे करके लेट जा, आज तुम्हारे दोनों छेद चोदती हूं।” ये कह कर मैंने अलमारी में से एक मोटा ढाई इंच वाला लंड और नया वाला गांड में लेने वाला लंड और क्रीम निकाल ली।
मैंने नया वाला सात इंच लम्बा लंड अपनी कमर पर बांध लिया और नसरीन को कहा, “नसरीन ये जाएगा आज तुम्हारी गांड में।”
नसरीन बोली, “मालिनी जी ये नया आया है क्या?”
मैंने कहा, “नहीं नसरीन मार्किट में तो नया नहीं आया, मगर मैंने अभी अभी लिया है। ये देखो।” ये कह कर मैंने लंड कमर से बांध लिया। नसरीन बस इतना ही बोली, “कमाल है।”
मैंने नसरीन से कहा, “असल में नसरीन कुछ दिन पहले एक ऐसे ही लम्बे लंड वाले से मैंने गांड चुदवाई और मुझे बड़ा मजा आया। बस मैंने सोच लिया ऐसा ही लंड लूंगी मैं भी। चलो नसरीन लेट जाओ, डालो तुम्हारी गांड में। फिर तुमने मेरी गांड में भी डालना है।” नसरीन पीछे चूतड़ करके लेट गयी और चूतड़ उठा दिए।”
मैंने रबड़ का लंड नसरीन की चूत में डाल दिया। नसरीन ने मस्त चुदाई करवाई और नसरीन की चूत पानी छोड़ गई, तो मैंने लंड नसरीन की गांड में डाल दिया। नसरीन ने रबड़ का लंड अपनी चूत में डाल लिया और बोली, “चलिए मालिनी जी, सब तैयार है करिये मेरी गांड चुदाई।”
अगला भाग पढ़े:- दो गायें और दो सांड-8