मुझे कंपनी की हिमाचल की एक ब्रांच को चलाने के लिए हिमाचल भेजा गया। मैं भी चाहता था बहुत समय से कि हिमाचल में मेरी पोस्टिंग हो, और हिमाचल की औरत या लड़की चोदने को मिले। हिमाचल की औरत और लड़कियां होती भी बहुत सेक्सी हैं। मैंने अपनी पैकिंग की, और हिमाचल की अपनी ब्रांच की तरफ कार लेकर चल पड़ा (जगह नहीं बता सकता हूं सेफ्टी के लिए)।
मैं सीधा अपने ऑफिस पहुंचा, और जा कर काम में लग गया। वहां 2-3 लड़कियां भी थी, पर उन को देख कर मेरे अंदर की वासना नहीं जागी। शाम को मैंने अपने एक जूनियर को बोला-
मैं: मेरे रहने के लिए कहां कमरा है?
तो वो मुझे एक घर में ले आया। वहां मेरे रहने के लिए कमरा था। मैंने अपना सामान कार से निकाला, और नहाने बाथरूम में चला गया। नहा कर मैं फिर काम करने लगा।
मेरे खाने का इंतजाम भी उस कमरे वाले के घर में ही था। रात के 9:30 बजे मेरे दरवाजे पर दस्तक हुई। मैंने दरवाजा खोला तो देखा एक 45-50 की उम्र का व्यक्ति खड़ा हुआ था। उसने पी रखी थी, जिस कारण वो झूम रहा था।
फिर वो मुझे बोला: चलो खाना खा लो।
मैं बोला: ठीक है।
फिर वो आगे झूमता हुआ चल रहा था। हम एक कमरे में आ गए, जहां पहले से जमीन पर एक दरी बिछाई हुई थी।
वो मुझे बोला: साहब जी यहां नीचे बैठ कर ही खाना खाते हैं।
मैं भी नीचे बैठ गया और उसने आवाज लगाई: सपना, सपना, खाना ला, साहब आ गए हैं।
और वो बोतल लेकर फिर पीने लगा। मैंने सोचा सपना नाम तो बहुत सेक्सी है। पर इसको देख लगता है इसकी उम्र की ही होगी। कुछ देर बाद सपना खाना लेकर आई। कसम से मैं तो उसको देखता ही रह गया।
सपना उम्र से 24-26 साल की लग रही थी। शरीर की बनावट तो मानो कयामत ढाह रही हो। सपना को देख कर मेरा लंड भी सलामी देने लगा। सपना खाना देने के लिए जैसे झुकी, उसकी कमीज से सपना के दोनों दूध के जैसे मखमली चूचे बाहर आने लगे। दिल किया अभी पकड़ लूं। सपना खाना देकर फिर अंदर चली गई।
फिर मैंने उसको पूछा: अंकल जी यह कोन हैं, जो खाना लेकर आई थी?
तो वो बोला: मेरी बीवी है।
फिर मैं चुप हो कर, खाना खा कर कमरे में आ गया, और सपना के बारे में सोच कर अपना लंड हिला कर शांत किया। फिर मैं सो गया। सपना ही मेरे कमरे की सफाई करती, और खाना भी बना कर खिलाती। मेरे से हिम्मत ही नहीं हो रही थी सपना से बात करने की। मुझे एक सप्ताह से उपर हो गया, और रोज़ सपना को देख कर लंड हिला कर भी बोर हो चुका था।
एक दिन मैंने सोच लिया आज सपना से बात करुंगा ही, चाहे कुछ भी करना पड़े। तो मैं ऑफिस समय में बाजार गया, और वहां से एक सेक्सी सेट ब्रा-पेंटी का ले आया। फिर कमरे में आ गया। मैंने ब्रा-पेंटी निकाल कर बैड पर रख दी, और सपना को पता नही था मैं आ गया हूं। मैंने देखा आज सपना ने अभी तक कमरा साफ नहीं किया था, तो मैंने ब्रा पेंटी बैड पर खोल कर रख दी।
मैं बाथरूम के अंदर जा कर सपना का इंतजार करने लगा। कुछ देर बाद सपना कमरे में आ गई। मैं सपना को छुप कर देखने लगा। सपना की नज़र बैड पर पड़ी हुई ब्रा-पेंटी पर गई। सपना ने झाड़ू नीचे रखा, और ब्रा को हाथों में लेली। सपना ने शायद ऐसी ब्रा पेंटी नहीं पहनी होगी, तो सपना महसूस करने लगी। फिर सपना ब्रा को अपनी कमीज़ के उपर से पहनने लगी। शायद देखना चाह रही थी कैसी लगती थी उसके उपर।
सपना यह सब करने में व्यस्त थी। तभी मैं भी बाथरूम से बाहर आ गया, और सपना को पीछे से पकड़ लिया। वो घबरा सी गई और ब्रा को निकालने लगी।
तभी मैं बोल पड़ा: सपना जी घबराओ मत। यह मैं आप के लिए ही लाया हूं। बस आप मेरा गिफ्ट समझ कर ले लिजिए।
सपना को तो जैसे सांप सूंघ गया था। वो कुछ नहीं बोल रही थी। फिर मैंने ब्रा पेंटी सपना के हाथ में रख दी, और बोला: सपना जी मुझे भी देखना है इनमें आप कैसी लगती हो।
सपना ब्रा पेंटी हाथ में पकड़ कर बाहर चली गई। शाम को खाने के समय भी सपना मेरे से आंख नही मिला रही थी, और मैं तो सपना को चोदने के मूड में था।
तो मैंने सपना के पति को बोला: आज आप नहीं पी रहे हो?
तो वो बोला: साहब पैसा नहीं है। जो थी उससे ही काम चलाना पड़ा।
तो मैंने अपनी जेब से 500 का एक नोट निकाला, और उसकी तरफ किया। उसने हाथ से नोट लिया और सपना को बोला: सपना मैं थोड़ी देर में आता हूं। तू साहब को अच्छे से खाना खिला।
अब घर पर मैं और सपना रह गए। मैं वहां से उठा, और सपना के पास चला गया, और सपना से पूछने लगा: आप मेरे से नाराज़ हो तो बता दो। मैं आपके घर से ही चला जाऊंगा।
तब सपना बोली: नहीं ऐसी कोई बात नहीं है। पर आज जो कुछ मैंने आपके कमरे में आकर किया, आप किसी को बताना नहीं।
तब मैं बोला: सपना यह सब मैं आपके लिए ही लाया हूं, और आपको पहनाना चाहता हूं।
सपना बोली: बाद में कभी पहन कर दिखा दू़ंगी।
यह सुन कर मैं समझ गया सपना भी अब तैयार ही थी, तो मैं सपना को बोला: मुझे अभी देखना है। और अभी तो आपके पति भी नही हैं घर पर।
पहले सपना मना करती रही, फिर मान गई। फिर सपना अपने कमरे में गई, और थोड़ी देर बाद मुझे आवाज़ दी अंदर आ जाओ। मैं भी एक-दम से अंदर चला गया।
सपना 36″ की ब्रा और 38″ की गांड की पेंटी में एक हिरोइन से कम नहीं लग रही थी। मेरा लौड़ा तो पजामा फाड़ कर बाहर आने को हो रहा था। तभी मैं सपना के पास चला गया, और सपना को देखता रह गया। मेरे होंठ सपना के होंठों पर आ गए। हम दोनों एक-दूसरे को चूमने लगे। मेरे हाथ सपना के शरीर को सहलाने लगे। हम दोनों एक-दूसरे को ऐसे चूम रहे थे, जैसे जन्मों से प्यासे हों।
मेरे हाथ सपना की पेंटी के अंदर से चूत को सहलाने लगे। सपना भी गर्म हो गई थी, पर उसी समय सपना के पति की आवाज आ गई। हम दोनों अलग हुए। मैं अपने कमरे की तरफ आ गया, और बाहर खड़ा होकर सब देखने लगा। सपना का पति नशे में टुन्न था। वो घर के अंदर आते ही बरामदे में लेट गया। सपना उसको उठाने लगी। वो उठ ही नहीं रहा था। यह सब देख कर मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया।
अब मैं भी नीचे आ गया, और सपना के साथ मिल कर उसको उठाने लगा। पर उसने ज्यादा पी रखी थी, तो वहीं सो गया। मैंने सपना को पकड़ा और उठा लिया। फिर सपना को अपने बैड पर ले आया। सपना मना करने लगी तो मैं बोला-
मैं: अभी नहीं उठेगा तेरा पति। तुम मुझ पर भरोसा रखो।
फिर सपना को अपने बिस्तर पर लिटा कर सपना के उपर आ गया। मैं सपना को फिर से चूमने लगा। पहले सपना मना करती रही। फिर कुछ देर बाद सपना ने भी मुझे बाहों में ले लिया। अब मैं मोका नहीं गवाना चाहता था, तो मैंने पहले अपने पूरे कपड़े निकाल दिये। फिर सपना को भी पूरा नंगा कर दिया। मैं सपना के हर अंग को चूमने चाटने लगा। सपना के चूचों को मुंह में लेकर चूसने लगा फिर मेरा मुंह सपना की चूत पर आ गया। मैं सपना की चूत चाटने लगा।
सपना के हाथ मेरे सर को चूत में दबाने लगे। कुछ ही देर बाद सपना का पानी निकल गया। मैं मुंह लगा कर पानी पी गया। अब मैं अपना लंड लेकर सपना के मुंह पर घुमाने लगा, और सपना को इशारा किया मुंह खोलने का। सपना ने जैसे मुंह खोला, मैंने अपना लंड उसके मुंह में डाल दिया। फिर सपना मेरे लंड को चूसने लगी। पर हम दोनों को डर भी था, कहीं उसका पति ना उठ जाए, तो मैंने लंड उसके मुंह से निकाला, और सपना की गांड के नीचे एक तकिया लगा दिया।
सपना की चूत सामने आ गई। मैंने लंड सपना की चूत पर रखा, और धीरे से धक्का दिया। सपना की हल्की चीख निकल गई। अब मैंने सपना के होठों पर अपने होंठ लगा दिये, और लंड का एक और झटका मारा। सपना सिहार उठी। मैं थोड़ा रुका, और अब पूरे जोश से धक्का मारा। लंड सपना की चूत को फाड़ता हुआ पूरा अंदर चला गया।
सपना मछली की तरह तड़प उठी। मैं सपना को चूमता रहा, और फिर धीरे-धीरे लंड को अंदर-बाहर करने लगा। थोड़ी देर बाद सपना का दर्द कम हुआ, तो सपना गांड उठा कर लंड अंदर लेने लगी। अब मैंने अपने धक्कों की स्पीड बढ़ा दी। सपना भी मेरा पूरा साथ देने लगी। हम दोनों सब कुछ भूल कर एक-दूसरे का साथ देते हुए चुदाई का मजा लेने लगे। सपना दो बार झड़ चुकी थी। कुछ देर बाद मेरा भी निकलने वाला था, तो मैंने सपना को पूछा कहां निकालूं मैं अपना पानी।
तो सपना बोली बाहर।
तो मैं बोला: बाहर नहीं, तेरे मुंह में।
फिर सपना ने मुंह खोल दिया। मैंने मुंह में लंड डाल दिया, और मुंह चोदने लगा। फिर मेरा पानी निकल गया। सपना पूरा पानी पी गई, और लंड चाट कर साफ कर दी। फिर सपना कपड़े पहन कर चली गई।
कैसी लगी कहानी जरूर बताना।