हर मोड़ नई परीक्षा

पिछला भाग पढ़े:- मैं तन्हा थी वो अकेला था

हाय दोस्तों। मैंने आपको पिछली चुदाई कहानी में बताया कि कैसे अपने पति से धोखा खा कर मैं क्लब में मिले एक अंजान से रातों रात अपनी चूत चुदवा बैठी। शैलेश जैसी जबरदस्त चुदाई मेरी आज तक किसी ने नहीं की थी। और अगली सुबह उनके व्यवहार ने मेरा दिल ही जीत लिया।

तब तो मैं घर आ गई। लेकिन 1–2 दिन बाद ही शैलेश ने मुझे फोन किया, और इधर-उधर की बात करने लगे। उन्होंने मुझे फिर अपने घर आने का न्यौता दिया। मैं समझ गई कि अब उनका लंड मेरी चूत मारे बिना नहीं मानेगा। और अब मेरी चूत भी उनके लिए प्यासी रहने लगी थी। मैं बिना देरी किए बच्चों को झूठ बोल कर शैलेश के घर चली गई। और वहां फिर रात भर मैंने अलग-अलग तरीके से अपनी चूत मरवाई।

शैलेश जैसा भारी जिस्म और स्टैमिना मेरी कमर ही तोड़ देता था। आह मेरी चूत की आग शांत होने की जगह अब हर समय भड़की ही रहती थी। सच कह रही हूं दोस्तों, शैलेश से जब नहीं मिल पाती, मेरा जीना मुहाल हो जाया करता था। वो मानो मेरे शरीर के हर हिस्से में बस गए थे। उनका लंड ही मेरे जीने की वजह बन गया। आए दिन मैं उनसे चूत मरवाने चली जाती।