दो गायें और दो सांड-14

पिछला भाग पढ़े:- दो गायें और दो सांड-13

मेरे और जवान निकहत में खूब चूत चुसाई और गांड चटाई हुई। चूसते-चूसते दोनों का मजा ही निकल गया।

मैं निकहत के ऊपर से उतरी और उसके साथ ही लेट गयी। निकहत बोली, “आंटी ये फुद्दी चूसने और चूतड़ों का छेद चाटने में तो बड़ा मजा आता है।”

मैंने पूछा, “क्यों निकहत असलम नहीं चूसता-चाटता तुम्हारी फुद्दी और गांड? और तुम? क्या तुम भी नहीं चूसती असलम का लंड? और असलम के चूतड़ों का छेद – क्या वो भी नहीं चाटती?”

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