पिछला भाग पढ़े:- मैं बनी अपने जीजा की रांड-1
हैलो दोस्तों, मैं प्रितंका अपनी हिंदी सेक्स स्टोरी का अगला पार्ट लेके आई हूं। उम्मीद है आपने पिछला पार्ट पढ़ लिया होगा। अगर किसी ने अभी तक पिछल पार्ट नहीं पढ़ा है, तो पहले उसको जरूर पढ़ें।
पिछले पार्ट में आपने पढ़ा कि पापा के चचेरे भाई के जमाई कनाडा से किसी काम के सिलसिले में इंडिया आए हुए थे। मैं तो उनको देखते ही उन पर लट्टू हो गई। फिर उन्होंने मुझे उनको घुमाने ले जाने को कहा। क्योंकि पापा ने इजाजत दे दी थी, तो मैं उनके साथ जाने के लिए तैयार हो गई। फिर मैं सेक्सी कपड़े पहन कर उनके साथ गई, और बातों के शुरू में ही उन्होंने मुझसे मेरे बॉयफ्रेंड के बारे में पूछा। अब आगे की कहानी की तरफ बढ़ते है-
मैं: नहीं जीजू, मेरा कोई बॉयफ्रेंड नहीं है।
जीजू: ऐसा कैसे हो गया? इतनी खूबसूरत लड़की का कोई बॉयफ्रेंड नहीं?
मैं: मैं आपको खूबसूरत लगती हूं?
जीजू: हां, तुम बहुत खूबसूरत हो।
जीजू मेरे साथ बात करते हुए मुझे ऊपर से नीचे देख रहे थे। कभी वो मेरी जांघें ताड़ रहे थे, कभी टी-शर्ट ऊपर उठने से नंगी हुई कमर, और कभी मेरे उभरे हुए बूब्स। मुझे भी ये सब बहुत अच्छा लग रहा था, और मैं उत्तेजित हो रही थी।
फिर जीजू ने मुझसे फिल्म देखने जाने के लिए पूछा, तो मैं मान गई। उन्होंने गाड़ी पवेलियन मॉल की तरफ ले ली। अंदर जा कर हमने टिकटें ली, और जा कर अपने सीटों पर बैठ गए। वहां कुछ खास लोग नहीं थे, और हम दोनों कॉर्नर सीटों पर बैठे थे। मुझे लग रहा था कि जीजू यहां मेरे साथ जरूर कुछ करने वाले थे, और मैं भी बिल्कुल तैयार थी। कुछ देर फिल्म देखने के बाद उसमें एक किसिंग सीन आया। तभी वो बोले-
जीजू: देखो इनको किस्स करने में कितना मजा आ रहा है। अगर तुम्हारा ब्वॉयफ्रेंड होता, तो तुम भी उसके साथ इसका मजा ले सकती थी।
मैं: जीजू मुझे लगता है मेरे से ज्यादा आपका दिल कर रहा है किस्स करने का।
जीजू: हां कर तो रहा है। लेकिन अभी मैं किसको करूं किस्स?
मैं: मुझे क्या पता?
जीजू: अभी तो तुम ही हो मेरे साथ। तो तुम्हें किस्स करूं क्या?
ये बोल कर वो हंसने लगे। मैंने भी मौके पर चौका मारा, और बोली-
मैं: हां कर लो, मैने कब मन किया?
ये सुन कर जीजू सीरियस हो गए, और मुझे देखने लगे।
मैं बोली: क्या हुआ जीजू? नहीं करना किस्स?
बस मेरे इतना कहने की देर थी, और उन्होंने आगे हो कर अपने होंठ मेरे होंठों से चिपका दिए। मैंने भी अपना मुंह खोल कर अपने होंठों को उनके हवाले कर दिया। अब हम दोनों मजे से किस्स करने लगे। जीजू खींच-खींच मेरे होंठों को चूस रहे थे, और मैं भी पूरे जोश में उनका साथ दे रही थी। किस्स करते हुए उन्होंने मेरी टी-शर्ट में हाथ डाल लिया, और ब्रा के ऊपर से मेरा चूचा मसलने लगे। मैं गरम होने लगी, और मेरे चूत गीली होनी शुरू हो गई। कुछ देर की किस्स के बाद हम अलग हुए। फिर वो बोले-
जीजू: प्रितंका, सिर्फ किस्स करके मेरा मन नहीं भरा। तुम इजाजत दो, तो क्या हम आगे बढ़ सकते है?
मैं: यहीं पर आगे बढ़ना है (ये कह कर मैं मुस्कुरा दी)।
जीजू समझ गए कि मेरी हां थी। फिर उन्होंने मेरा हाथ पकड़ा, और हम फिल्म बीच में ही छोड़ कर बाहर आ गए। नीचे पार्किंग में जा कर हम गाड़ी में बैठे, और मॉल से निकल गए। बस स्टैंड रोड पर एक बहुत बड़ा होटल है। जीजू मुझे वहां पर ले गए। मेरी चूत लगातार पानी छोड़े जा रही थी।
फिर जैसे ही हम रूम में घुसे, जीजू मुझ पर टूट पड़े। उन्होंने मेरी टी-शर्ट उतार दी, और मुझे बेड पर पटक दिया। फिर उन्होंने अपने सारे कपड़े उतार दिये सिर्फ अंडरवियर छोड़ कर, और मेरे ऊपर कूद पड़े। हम दोनों पागलों की तरह किस्स करने लगे, और बिस्तर पर घूमने लगे। जीजू मेरी क्लीवेज गर्दन, चेहरे पर किस्स कर रहे थे। फिर उन्होंने मेरी ब्रा उतारी, और मेरे चूचे चूसने लगे। मुझे बहुत मजा आ रहा था, और मैं आह आह करती हुई उनके हर एक स्पर्श का आनंद ले रही थी।
फिर जीजू ने मेरी जींस और पैंटी उतारी, और मेरी गीली चूत को चूसने लगे। मेरे मुंह से आहें निकालने लगी, और मैं उनके मुंह को चूत में दबाने लगी। कुछ ही मिनटों में मेरा पानी निकल गया, जिसको जीजू पूरा पी गए। फिर उन्होंने अपना अंडरवियर उतारा, और खिड़की के पास जाके खड़े हो गए। मैं उनके पास गई, और घुटनों पर बैठ कर, बाहर का नज़ारा देखते हुए उनका लंड चूसने लगे। वो आह आह करके, और आँखें बंद करके आपका लंड चुसवा रहे थे।
कुछ देर तक लंड चुसवाने के बाद जीजू ने मुझे खड़ा किया, और खिड़की पर मेरे हाथ रखवा कर मुझे घोड़ी बना लिया। फिर उन्होंने नीचे बैठ कर मेरे चूतड़ों को प्यार किया, उन्हें सहलाया, और थप्पड़ भी मारे। उसके बाद उन्होंने पीछे से मेरी गीली चूत के छेद पर अपना लंड सेट किया, और धीरे-धीरे दबाव बनाते हुए अंदर डालने लगे। मेरे मुंह से आह आह की सिसकियां निकल रही थी।
कुछ ही सेकंड्स में पूरा लंड मेरी चूत में समा गया। मैं अलग ही सुख महसूस कर रही थी। फिर जीजू ने लंड अंदर-बाहर करके मुझे चोदना शुरू किया। मुझे बहुत मजा आने लगा, और मेरे जिस्म में अजीब सी कंपन होने लगी। धीरे-धीरे जीजू स्पीड बढ़ाने लगे, और थप थप की आवाज आने लगी। मुझे और मज़ा आने लगा। मैंने जीजू को देखा, तो वो भी बहुत मजे में थे।
कुछ देर में वो झुके, और मेरी पीठ चूम कर मेरे चूचों पर हाथ ला कर उनको दबाने लगे। उनका लंड मुझे अपनी बच्चेदानी तक महसूस हो रहा था। उन्होंने धक्कों की स्पीड और बढ़ाई, और मुझे थोड़ा दर्द होने लगा। फिर उनका लावा मुझे अपनी कोख में महसूस हुआ। वो कुछ देर लंड अंदर ही रख कर खड़े रहे, और फिर बिस्तर पर जाके लेट गए। मैंने उनका लंड चूस कर साफ किया, और उनके साथ ही लेट गई।
फिर हम दोबारा घूमने चले गए। उसके बाद जितना भी वक्त वो यहां रहे, हम अक्सर घूमने जाते, और अलग-अलग तरीकों से चुदाई करते।
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